मिताली की प्रेरणास्रोत बनीं नीरजा

बैंक लूट की घटना को विफल करने के साथ बचायी सहकर्मियों की जान मिताली शाह भी अपना प्रेरणास्रोत नीरजा भनोट को ही मानती हैं. वह उनकी निडरता, सूझ-बूझ, साहस व चतुराई की भी कायल हैं. मिताली देहरादून के बंजारावाला स्थित यूको बैंक की शाखा में कैशियर हैं. नीरजा के ही नक्शेकदम पर चलते हुए मिताली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 8, 2016 7:17 AM
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बैंक लूट की घटना को विफल करने के साथ बचायी सहकर्मियों की जान
मिताली शाह भी अपना प्रेरणास्रोत नीरजा भनोट को ही मानती हैं. वह उनकी निडरता, सूझ-बूझ, साहस व चतुराई की भी कायल हैं. मिताली देहरादून के बंजारावाला स्थित यूको बैंक की शाखा में कैशियर हैं. नीरजा के ही नक्शेकदम पर चलते हुए मिताली ने बैंक की शाखा में बैंक लूट के प्रयास को विफल कर दिया. साथ ही वह अपनी सहकर्मियों की भी जान बचाने में सफल रहीं.
नीरजा भनोट का साहस दुनिया भर में कई लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बना है. इनमें से एक हैं मिताली शाह. मिताली अपने साहसी कदम को उठाने के पीछे बताती हैं कि पैन एम फ्लाइट-73 की मुंबई में पदस्थापित एयरहोस्टेस नीरजा भनोट मेरी प्रेरणास्रोत रही हैं. नीरजा ने अपने प्राणों की परवाह ना करते हुए मात्र 23 वर्ष की उम्र में 380 बंधकों को आतंकियों से बचाने के दौरान सितंबर, 1986 को अपना बलिदान दे दिया था.
उनके साहस को याद कर मैंने भी यह कदम उठाया. नीरजा भनोट के साहस को सलाम करते हुए निर्देशक राम माधवानी ने बायोपिक फिल्म ‘नीरजा’ भी बनायी. यह फिल्म शुक्रवार, 19 फरवरी, 2016 को प्रदर्शित की गयी.
फिल्म ‘नीरजा’ के प्रदर्शन के दूसरे दिन ही मिताली शाह ने अपनी सूझ-बूझ, साहस व चतुराई का परिचय देते हुए बैंक को लूटने से बचा लिया. बैंक में कर्मचारियों के नाम पर मात्र उनके साथ दो अन्य महिला कर्मी मंजुलिका शर्मा व पूजा सिंघल ही थीं. बैंक लुटेरे का रिवॉल्वर कैशियर मिताली शाह के सिर पर था.
एक ओर जहां लुटेरे के आदेश का पालन भी करना था, वहीं दूसरी ओर बैंक के प्रति जवाबदेही और कर्त्तव्यनिष्ठा उसे ऐसा करने से रोक रही थी. बैंक में गार्ड की नियुक्ति नहीं होने से खुद को असहाय भी पाती थी. मिताली बताती हैं कि सिर पर रिवॉल्वर देख कर मैं चौंक-सी गयी. लुटेरे से मैंने बंदूक नीचे करने को कहा.
लेकिन, लुटेरे ने बैग देते हुए कहा कि बैग में कैश डाल दो. मैंने नकदी इकट्ठा करना शुरू कर दिया. बैंक लुटेरे के आदेश का पालन करने के दौरान जैसे ही आभास हुआ कि उसके पास रिवॉल्वर नकली है. मैंने लोहा लेने का फैसला कर लिया. न जाने मेरे जेहन में इतनी हिम्मत कहां से आ गयी. उसने इशारे से ही अपनी दोनों सहकर्मियों मंजुलिका शर्मा व पूजा सिंघल को अलर्ट होने का संकेत दे दिया.
मिताली के आक्रामक रूप अख्तियार करते ही लुटेरे ने मिताली को धक्का दे दिया. वह गिर पड़ी, लेकिन हौसले बुलंद थे. उसने तुरंत लुटेरे के पैर पकड़ लिये और ललकारते हुए कहा, चलाओ गोली, कैश नहीं दूंगी. अपनी सहकर्मी को लुटेरे से उलझा हुआ पाते ही मंजुलिका शर्मा ने तुरंत सायरन बजा दिया. सायरन बजते ही लुटेरा अज्ञात भय से जान बचा कर भागने में सफल रहा. हालांकि, मिताली शाह के साहस, सूझ-बूझ से बैंक लुटने से बच गया.
मिताली शाह के साहस को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने टिलू रौटेली पुरस्कार से सम्मानित करने का फैसला किया है. इस पुरस्कार का नामकरण प्रसिद्ध गढ़वाली महिला योद्धा टिलू रौटेली के नाम पर किया गया है. टिलू रौटेली ने लगातार सात साल तक कत्यूरी सेना के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी.
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