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सेकेंड हैंड कपड़े पहननेवाला अरबपति
कहानी आइकिया के संस्थापक इंगवार कैंप्रड की कहते हैं कि बचाया हुआ एक पैसा, कमाये हुए एक पैसे के बराबर होता है़ कुछ ऐसा ही मानना है स्वीडिश फर्नीचर रीटेल चेन आइकिया के संस्थापक इंगवार कैंप्रड का़ 2 लाख 70 हजार करोड़ रुपयों की संपत्ति के मालिक कैंप्रड ने हाल ही में एक साक्षात्कार में […]
कहानी आइकिया के संस्थापक इंगवार कैंप्रड की
कहते हैं कि बचाया हुआ एक पैसा, कमाये हुए एक पैसे के बराबर होता है़ कुछ ऐसा ही मानना है स्वीडिश फर्नीचर रीटेल चेन आइकिया के संस्थापक इंगवार कैंप्रड का़ 2 लाख 70 हजार करोड़ रुपयों की संपत्ति के मालिक कैंप्रड ने हाल ही में एक साक्षात्कार में बताया है कि वह सिर्फ सेकेंड-हैंड, यानी पुराने कपड़े ही खरीदकर पहनते हैं. आइए जानें इस अरबपति के बारे में
इंगवार कैंप्रड
हम में से अधिकांश लोग पैसे इसलिए कमाते हैं कि दुनियाभर की सुख-सुविधाएं अपने पास बटोर सकें. यहां तक कि अरबपतियों के बारे में भी हमेशा यही सोचा जाता है कि उनके पास महंगी कारें, बड़े बंगले, निजी रिसाॅर्ट, महंगे जूते, कपड़े जैसी ऐशोआराम की हर चीज है़ कइयाें के बारे में यह सही भी है, लेकिन रईसों की भीड़ में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनकी जीवनशैली काफी सादगीपूर्ण है. इन्हीं में से एक हैं इंगवार कैंप्रड. दुनिया की दिग्गज स्वीडिश फर्नीचर रीटेल कंपनी ‘आइकिया’ के संस्थापक कैंप्रड, आज भी आम आदमी की तरह साधारण कार से चलते हैं और सस्ते कपड़े खरीदते हैं.
पिछले दिनों खुद पर बन रही एक डाॅक्यूमेंटरी के लिए दिये एक साक्षात्कार में इन्होंने यह कह कर सबको चौंका दिया कि वे पुराने कपड़े खरीदकर पहनते हैं. इसकी वजह इन्होंने यह बतायी कि वे लोगों को यह संदेश देना चाहते हैं कि जिंदगी में रुपये-पैसे तो आते रहते हैं, इनकी वजह से हमें खुद को एकदम से बदल कर अपनी जड़ों से अलग नहीं हो जाना जाहिए़ वैसे बताते चलें कि कैंप्रड की पहचान एक बेहद कंजूस अरबपति के रूप में भी है और इनकी सादगीपूर्ण जीवनशैली को लेकर काफी आलोचनाएं भी होती रहती हैं.
भले ही इनकी कंपनी आइकिया को भारत में 10,500 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की स्वीकृति मिली हो, जिसे देश के एकल ब्रांड खुदरा क्षेत्र में सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश माना जा रहा है, लेकिन आज भी वह जमीन से जुड़े हुए व्यक्ति हैं. वह दो दशक पुरानी, एक बेहद सस्ती कार, वॉल्वो 240 से चलते हैं, जिसका बाजार मूल्य 80 हजार रुपये के आसपास है़ यही नहीं, वह कभी-कभी बस से भी यात्रा करते हैं.
ब्लूमबर्ग की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2 लाख 70 हजार करोड़ रुपयों की संपत्ति के मालिक इंगवार कैंप्रड, सोच-समझ कर पैसे खर्च करने की आदत को अपनी कंपनी की सफलता का मूलमंत्र बताते हैं. कपड़े और कार के अलावा, वे बाल बनवाने (हेयर-कट) के भी पैसे बचाते हैं.
एक स्वीडिश अखबार को 2008 में दिये एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा था कि वे अपने बाल बनवाने सैलून तभी जाते हैं, जब उन्हें किसी जरूरी काम को लेकर विदेश यात्रा करनी होती है़ मात्र पांच वर्ष की उम्र में माचिस बेच कर पैसे कमाने का हुनर सीख लेने वाले कैंप्रड ने जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं और तब जाकर उन्होंने आइकिया को इस मुकाम पर पहुंचाया, जहां इसे लगभग 50 देशों के फर्नीचर मार्केट में धमक के साथ पहचान हासिल है़
स्कूल में बेहतर प्रदर्शन करने के ईनामस्वरूप पिता से मिले पैसों से 17 वर्ष की उम्र में, 1943 में आइकिया की शुरुआत करनेवाले कैंप्रड ने अपने बिजनेस का मूल मंत्र भी कम से कम कीमत में लोगों को बेहतर चीजें मुहैया कराने का रखा़ अपनी मितव्ययिता का श्रेय अपनी साधारण पृष्ठभूमि को देनेवाले कैंप्रड के पास पैसे तो खुद का जेट प्लेन खरीदने के लिए काफी हैं, लेकिन आज भी जब वे हवाई जहाज की यात्रा करते हैं, हमेशा इकोनॉमी क्लास में सफर करना पसंद करते हैं.
आपको यह जानकर हैरानी होगी, कि दुनिया की सबसे बड़ी फर्नीचर रीटेल चेन्स में गिनी जानेवाली कंपनी के मालिक कैंप्रड, 90 साल की इस उम्र में आज भी अपने राशन और फल-सब्जियों की खरीददारी खुद ही करते हैं, ताकि पाई-पाई की बचत की जा सके़ तीन बेटों और एक गोद ली हुई बेटी के पिता, कैंप्रड की पत्नी का देहांत वर्ष 2011 में हो गया़ उम्र के इस पड़ाव पर उनके बेटे कारोबार में हाथ बंटाते हैं, लेकिन 73 वर्ष पुरानी इस कंपनी से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले आज भी वे खुद ही करते हैं, ताकि जहां तक संभव हो, कंपनी का एक पैसा भी जाया न चला जाये.
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