इस उभार के फायदे उठाएं युवा प्रबंधक
बदलाव : अब हम पहुंच चुके हैं कारोबारी मॉडल को पुनर्परिभाषित करने के युग में नंदन निलेकणि सह संस्थापक, इनफोसिस प्रौद्योगिकी की वजह से हो रहे तेज रफ्तार बदलाव से आज पूरा विश्व एक महाव्यवधान (ग्रेट डिसरप्शन) के दौर में आ खडा हुआ है. यह घटना विश्वव्यापी है और हम सबकी उम्मीद के विपरीत यह […]
बदलाव : अब हम पहुंच चुके हैं कारोबारी मॉडल को पुनर्परिभाषित करने के युग में
नंदन निलेकणि
सह संस्थापक, इनफोसिस
प्रौद्योगिकी की वजह से हो रहे तेज रफ्तार बदलाव से आज पूरा विश्व एक महाव्यवधान (ग्रेट डिसरप्शन) के दौर में आ खडा हुआ है. यह घटना विश्वव्यापी है और हम सबकी उम्मीद के विपरीत यह केवल उद्योगों तक ही सीमति नहीं, बल्कि उसके बहुत आगे तक पहुंच रही है.
प्रारंभ में तो इससे वे कारोबार रूपांतरित हुए, जो डिजिटल हो सकते थे. जैसे पुस्तकें, संगीत, वीडियो, फोटोग्राफी आदि डिजिटल होकर अंतत: हमें हाथों में रखे जा सकनेवाले उपकरणों के द्वारा उपलब्ध हो गये. फिर हमने डिजटल कारोबारों को देखा, जिन्होंने ग्राहकों तक सामान पहुंचाने के लिए एक वैकल्पिक नमूना पेश किया. इसी तरह, ग्राहकों तक अपने विज्ञापन पहुंचाने के लिए समाचार पत्रों के वर्गीकृत स्पेस अथवा टीवी की जगह अब इंटरनेट पर किये गये सर्च तथा सोशल मीडिया वैकिल्पक साधन बन गये.
अब हम कारोबारी मॉडल को पुनर्परिभाषित करने के युग में पहुंच चुके हैं. एक ‘ऊबर’ अथवा ‘ओला’ हमारे शहरों में मानव परिवहन के तौर-तरीके को पुनर्परिभाषित कर सकता है. होटल के एक भी कमरे के बिना ‘एयरबीएनबी’ विश्व की सबसे बडी होटल-शृंखला खड़ी कर सकता है. बगैर किसी शाखा अथवा कर्मियों के एक ऐसा संपूर्ण बैंक चलाया जा सकता है, जो खाता खोलने से लेकर भुगतान करने तथा ऋण देने तक की समस्त बैंकिंग प्रक्रिया एक स्मार्टफोन पर संपन्न कर सकता है.
फ्रैकिंग, क्षैतिज ड्रिलिंग तथा डाटा एनालिटिक्स ने ऊर्जा के नये स्रोतों और उत्खनन की नयी तकनीकों का सृजन कर तेल तथा गैस के परंपरागत कारोबार को उलट-पुलट कर दिया है.
वैसे ही, बिजली से चलनेवाली कारों, चालकरिहत कारों तथा साझा किये जानेवाले शहरी मानव परिवहन के प्रबल प्रभाव मोटरगाड़ी उद्योग पर पड़े बिना नहीं रह सकते.
इसके प्रबंधन के उन स्नातकों के लिए क्या निहितार्थ होंगे, जो नेतृत्वकर्ताओं, उद्यमियों तथा प्रबंधकों की भूमिका में आते हैं? उनके लिए जरूरी पहला गुण तो परिवर्तन को गले लगाना है, न कि इसका प्रतिरोध करना. सच तो यह है कि तेज बदलावों तथा अवरोधों के अनुसार खुद को बदलने से इनकार करने अथवा उसे रोकने की कोशिश करने के बजाय उसके प्रति उत्साहित होने में कहीं कम जोखिम है.
दूसरा गुण तेजी से आगे बढने और ‘आगे-आगे चलने’ के लाभ उठा लेने का है. जैसे ही एक नया कारोबारी मॉडल प्रचिलत होता है, उसे अपने पूरे नेटवर्क में तेजी से लागू कर लेने तथा डिजिटल आधारित मार्केटिंग की ‘जीतनेवाला सब ले जाये’ प्रवृत्ति का अर्थ यह है कि रफ्तार ही सबसे अहम तत्व है.
तीसरा गुण कारोबार का पैमाना बड़ा करने की परिकल्पना है. इसके लिए आपके कारोबारी मॉडल के प्रत्येक पहलू पर गौर करते हुए उसके सभी अवरोध दूर करने होते हैं, क्योंकि कारोबार की सबसे कमजोर कड़ी ही परिवर्तन में बाधक बनती है. आवश्यकता इस बात की होती है कि अपनी सोच को कम मात्रा, ऊंची लागत और लेन-देन की ज्यादा कीमत के बदले ज्यादा मात्रा, न्यूनतम लागत तथा लेन-देन की कम कीमत पर केंद्रित किया जाये.
चौथा गुण यह समझ लेना है कि स्पद्धियों पर अपनी वरीयता बनाये रख कर अपने कारोबार सुरिक्षत करनेवाले सुरक्षाचक्र अब बदल गये हैं. पहले बड़ी तादाद में खुदरा दुकानें या शाखाएं खोल देने जैसे कदमों के द्वारा वितरण प्रणाली पर अपना नियंत्रण रखने से, अथवा यदि आप कोई समाचार पत्र निकालते हैं, तो उसके लिए अपना ही छापाखाना लगा लेने जैसे कार्यों से आपके कारोबार को सुरक्षा मिलती थी. आज का सुरक्षाचक्र आपकी विपुल ग्राहक-संख्या तथा अपने नेटवर्क की शक्ति बनाये रखने में निहित है. आज स्मार्टफोन सर्वश्रेष्ठ वितरण माध्यम है और उस पर आपका एक बेहतर एप्प एक अत्यंत शक्तिशाली सुरक्षाचक्र का काम करता है.
पांचवां गुण प्रौद्योगिकीय चलनों तथा उनके निहितार्थों को समझना है. कोई चाहे जैसा भी कैरियर चुने, यह हर मामले में जरूरी है. छठा, आंकडों एवं विश्लेषण का समन्वय कर उनसे अंतर्दृष्टि हासिल करना और फिर कारोबारी सेवाएं प्रदान करने हेतु उस आंकड़े पर अल्गोरिथम का प्रयोग करना है, भले ही वह स्वचालित ढंग से ऋण देना अथवा सबसे अच्छी अनुशंसाएं हासिल करना हो.
सातवां है, तेजी से बदलते परिदृश्य से निकले एक अवसर को पकड़ लेना. व्हॉट्सएप्प केवल इसलिए इतना कामयाब हो गया कि वह आवाज से डाटा, डेस्कटॉप से मोबाइल, फीचरफोन से स्मार्टफोन तथा मूल्यविर्धत सेवाओं से इंटरनेट के द्वारा (‘ओवर दि टॉप’) ऑडियो, वीडियो तथा अन्य मीडिया सेवाएं प्रदान करनेवाले एप्प की ओर आगे बढ़ते विश्व में मेसेजिंग की अहमियत को ठीक-ठीक समझ सका.
इस अवसर को टेलीकॉम अथवा इंटरनेट की किसी बडी हस्ती ने नहीं, बल्कि एक नवउद्यम (स्टार्टअप) ने भुनाया. आठवां यह है कि आपको प्लेटफॉर्मों के लिए सोचना है, न कि पाइपों के लिए, क्योंकि आज प्लेटफॉर्म आधारित कारोबारी माहौल परंपरागत ‘पाइप’ आधारित कारोबारी मॉडल को अस्त-व्यस्त कर रहे हैं.
अंतत:, कारोबार का ढांचा एक विशाल कंपनी के बजाय एक ऐसे मॉडल में बदल रहा है, जहां कुछेक बडे कारोबार अपने प्लेटफॉर्म पर छोटी-छोटी कारोबारी इकाइयों तथा व्यक्तियों को इकठ्ठा कर रहे हैं.
इसका अर्थ यह है कि लाखों-लाख लघु उद्यम प्रगति करेंगे और एक विशालकाय कारोबारी प्लेटफॉर्म पर इकठ्ठा होंगे, जैसे छोटे-छोटे होटलों द्वारा एयरबीएनबी का हिस्सा बन जाना. कंपनी खड़ी करने का यह सहयोगात्मक नमूना उस तरीके से अलग नहीं है, जिस तरह पारंपरिक कंपनियां बनीं. इस तरह भविष्य छोटे, लचीले और किसी नेटवर्क में शामिल फर्मों का है.
भारत में जैम (जनधन बैंक अकाउंट, आधार तथा मोबाइल) तथा उस पर आधारित इंडिया स्टैक (प्रोग्रामिंग का एक ऐसा ढांचा, जो कागज-विहीन, मौजूदगी-विहीन तथा नकदी-विहीन लेन-देन संभव बना सके) जैसे कुछ अनोखे बुनियादी ढांचे की उपलब्धता से किसी नवोन्मेष को जनसाधारण में प्रचिलत कर देने का विश्व का सर्वोत्तम माहौल हमारे पास मौजूद है. काम में लग जाने का इतना बेहतरीन तथा उत्साहजनक वक्त इसके पहले कभी नहीं था.
साभार: इकोनोमिक टाइम्स
(अनुवाद : विजय नंदन)