एनालिटिक्स इंडस्ट्री : भारत में तेजी से हो रहा विकास, 2025 तक होगा 16 अरब डॉलर तक कारोबार!

किसी सामान्य आंकड़े को जब आप अपने कारोबारी हितों के अनुकूल इस्तेमाल में लाना चाहते हैं, तो सबसे पहले उसके प्रति आपको एनालिटिकल यानी विश्लेषणात्मक रवैया अपनाना होता है. आइटी इंडस्ट्री ने आज विविध कारोबारी संगठनों के लिए ऐसे अनेक आंकड़ों को प्रासंगिक बना दिया है, सामान्यतया जिनकी पहले अनदेखी कर दी जाती थी. आइटी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 28, 2016 7:10 AM
किसी सामान्य आंकड़े को जब आप अपने कारोबारी हितों के अनुकूल इस्तेमाल में लाना चाहते हैं, तो सबसे पहले उसके प्रति आपको एनालिटिकल यानी विश्लेषणात्मक रवैया अपनाना होता है. आइटी इंडस्ट्री ने आज विविध कारोबारी संगठनों के लिए ऐसे अनेक आंकड़ों को प्रासंगिक बना दिया है, सामान्यतया जिनकी पहले अनदेखी कर दी जाती थी.
आइटी इंडस्ट्री ने अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए इसकी महत्ता को समझा और एनालिटिक्स विधा या फिर कहें कि बिग डाटा साइंस को विकसित किया. इसके देश-दुनिया में बढ़ते इस्तेमाल के कारण इस सेक्टर में दिन-ब-दिन तेजी आ रही है. अनुमान लगाया गया है कि भारत में बिग डाटा एनालिटिक्स सेक्टर का कारोबार मौजूदा दो अरब डाॅलर से बढ़ कर वर्ष 2025 तक 16 अरब डॉलर हो जायेगा.
‘नैसकॉम’ के वाइस प्रेसिडेंट के एस विश्वनाथन ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा,’उद्योग जगत के लिए एनालिटिक्स सोलुशंस के तौर पर भारत एक बड़े हब के रूप में उभर रहा है. भारत में आज 600 से ज्यादा एनालिटिकल फर्म्स कार्यरत हैं. बड़ी बात यह कि इनमें से करीब 400 स्टार्टअप्स हैं.
एनालिटिक्स सेक्टर के लिहाज से भारत आज टॉप-10 देशों में शामिल हो चुका है और हमारी कोशिश है कि वर्ष 2025 तक हम इसे तीसरे पायदान पर खड़ा कर सकें. नैसकॉम इसके लिए एक बहु-आयामी दृष्टिकोण अपना रहा है, ताकि प्रोडक्ट की गुणवत्ता को बढ़ाते हुए स्किल डेवलपमेंट के जरिये इस मकसद को हासिल किया जा सके.’ वहीं वैश्विक स्तर पर यदि इसकी बात करें, तो ‘एनालिटिक्स विद्या’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में एनालिटिक्स का बाजार पिछले वर्ष ही 100 अरब डॉलर को पार कर गया और इसमें सालाना 30 फीसदी की दर से बढ़ोतरी जारी है.
90,000 से ज्यादा प्रोफेशनल्स
भारत में ह्यूमैन रिसोर्स, मार्केटिंग, रिस्क एंड सिक्योरिटी, हेल्थकेयर, रिटेल और वित्तीय सेवाओं में 90,000 से ज्यादा प्रोफेशनल्स कार्यरत हैं. इस इंडस्ट्री में डाटा आर्किटेक्ट, डाटा स्ट्रेटजिस्ट, डाटा विजुअलाइजेशन एनालिस्ट और चेंज मैनेजर जैसी खास विविध भूमिकाओं के रूप में नये-नये माैके उभर कर सामने आ रहे हैं. एनालिटिक्स सेक्टर में आयी तेजी दर्शाती है कि अगले पांच वर्षों में इसमें बड़ी तादाद में मैनपावर की जरूरत होगी. जाहिर है, इससे जुड़े विभिन्न कारोबार में जॉब के नये मौके पैदा होंगे.
भारतीय सूचना तकनीक उद्योग ने डिपार्टमेंट ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी और डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी को इस संबंध में एक प्रस्ताव भेजा है. नैसकॉम को उम्मीद है कि सरकार इस प्रस्ताव पर विचार करेगी और इसी साल सेंटर आॅफ एक्सीलेंस इन बिग डाटा एनालिटिक्स की स्थापना की घोषणा करेगी.
क्या है डाटा एनालिटिक्स
डाटा एनालिटिक्स का अर्थ है व्यापक आंकड़ों में से अर्थपूर्ण चीजों या पैटर्न की खोज, इंटरप्रेटेशन यानी उसकी विवेचना करना और उसे इस अनुरूप बनाना ताकि वह संचार योग्य हो व हासिल तथ्यों को अन्य इस्तेमाल में लाया जा सके. रिकॉर्डेड सूचनाओं के मामले में इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है.
यह प्रक्रिया स्टैटिस्टिक्स, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और ऑपरेशंस रिसर्च के लगातार अनुप्रयोग पर टिकी है. जरूरी तथ्यों को हासिल करने और उसे कम्युनिकेट करने के लिए डाटा विजुअलाइज किया जाता है.
कारोबार में एनालिटिक्स
मौजूदा दौर में कारोबार में एनालिटिक्स का महत्व बढ़ गया है. इससे कंपनियों को उत्पादकता में वृद्धि करने और रेवेन्यू व मुनाफा बढ़ाने में मदद मिलती है. सबसे बड़ी बात कि इसकी मदद से कंपनियों को यह समझने में भरपूर मदद मिलती है कि उसके ग्राहक वाकई में क्या चाहते हैं.
कारोबारी संगठन अपने कार्यप्रदर्शन को बारीकी से समझने और भविष्य में तरक्की का अनुमान लगाने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं.
कारोबार में इन प्रारूपों में होता है एनालिटिक्स का इस्तेमाल
– प्रीडिक्टिव एनालिटिक्स
– प्रेस्क्रिप्टिव एनालिटिक्स
– एंटरप्राइज डिसीजन मैनेजमेंट
– रिटेल एनालिटिक्स- स्टॉक कीपिंग यूनिट ऑप्टिमाइजेशन
– मार्केटिंग ऑप्टिमाइजेशन – वेब एनालिटिक्स.
उद्योगों में एनालिटिक्स का इस्तेमाल
– ग्राहकों की रुचि, उनके बदल रहे नजरिये आदि को रीयल टाइम में समझने के लिए खुदरा कारोबारी रोजाना के स्तर पर टेट्रा बाइट्स में मौजूद आंकड़ों की एडवांस्ड एनालिटिक्स विधि इस्तेमाल में लाते हैं.
– इसके माध्यम से बैंक अपने ग्राहकों का रिस्क प्रोफाइल, क्रेडिट प्रोफाइल आदि तैयार करती है.
– इ-काॅमर्स सेक्टर की बड़ी कंपनियां एनालिटिक्स के जरिये ही रोजाना लाखों आंकड़ों को हैंडल करती है और उनमें से कारोबारी हितों के लिए जरूरी तथ्य निकालती है.
– नये एनालिटिक्स एप्लीकेशंस के जरिये कंपनियों में एचआर विभाग वर्कफोर्स ट्रेंड को चिह्नित करता है और उनका मूल्यांकन करता है. इससे लागत का सटीक ब्यौरा मिलता है.
किस सेक्टर में डाटा एनालिटिक्स का कितना इस्तेमाल
इस्तेमाल सेक्टर
(फीसदी में)
38 कंज्यूमर पैकेज्ड गुड्स और रिटेल
10 बैंकिंग
10 इंश्योरेंस
8 हाइ-टेक एंड टेलीकॉम
7 हेल्थकेयर
7 मैन्यूफैक्चरिंग
6 प्रोफेशनल सर्विसेज
6 मीडिया एंड इंटरटेनमेंट
7 अन्य विविध सेक्टर
नोट : अन्य सेक्टरों में मुख्य रूप से ट्रैवल एंड लॉजिस्टिक्स, एनर्जी और यूटिलिटी कंपनियां शामिल हैं.
(स्रोत : एनालिटिक्सविद्या डॉट कॉम)
जरूरत से कम विशेषज्ञ
एनालिटिक विधा से जुड़े प्रमुख वैश्विक संगठन ‘मैकेंजी’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केवल अमेरिका में ही करीब दो लाख डाटा साइंटिस्ट और 15 लाख डाटा मैनेजर्स की कमी है. दुनिया के अन्य देशों में भी इस सेक्टर में विशेषज्ञों की कमी महसूस की जा रही है.
एनालिटिक्स/डाटा साइंस इंडस्ट्री
एनालिटिक्स को डाटा साइंटिस्ट के रूप में भी समझा जाता है. इस इंडस्ट्री के स्वरूप को तीन भागों में विभाजित किया जा सकता है.
ए. डाटा साइंस प्रोडक्ट्स : इसमें एसएएस, आर, ओरेकल, आइबीएम, क्यूलिकव्यू, टेब्ल्यू, माइक्रोस्ट्रेटजी जैसी कंपनियों को शामिल किया जा सकता है.
बी. इन हाउस एनालिटिक्स : इसमें डाटा साइंटिस्ट की टीम इन-हाउस काम करते हुए संबंधित समस्याओं का समाधान तलाशती है. उदाहरण के तौर पर गूगल, लिंक्डइन और फेसबुक जैसी कंपनियों में आंकड़े आधारित विविध समस्याओं को सुलझाने के लिए इन-हाउस टीम लगातार डाटा साइंस पर काम करती है.
सी. थर्ड पार्टी सर्विसेज : इसके तहत ग्लोबल केपीओ (नॉलेज प्रोसेस आउटसोर्सिंग) इंडस्ट्री में होनेवाले कार्य शामिल हैं.
डाटा का बढ़ता महत्व
एनालिटिक्स में तेजी का बड़ा कारण यह देखा जा रहा है कि इससे कारोबार में संबंधित फैसले लेने में सहायता मिलती है. सोशल नेटवर्क, इंटरनेट, इमेल, टेक्स्ट डॉक्यूमेंट्स आदि के रूप में पूरी तरह से नियोजित कॉरपोरेट या कस्टमर डाटा का इस्तेमाल करते हुए पूरी क्षमता से आगे बढ़ा जा सकता है.
इसका महत्व इसलिए भी बढ़ रहा है, क्योंकि इसके जरिये आंकड़ों में छिपे ज्ञान और उसमें निहित एक अंतर्दृष्टि को समझा जा रहा है. दुनियाभर में आइटी कंपनियों को डाटा संबंधी कंसल्टेंसी मुहैया करानेवाली अमेरिका की अग्रणी कंपनियों में शामिल ‘कॉग्निजेंट 2014’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उस समय रोजाना 2.5 एक्साबाइट से ज्यादा डाटा सृजित हो रहे थे. मौजूदा समय में यह आंकड़ा कहीं और ज्यादा होेगा. एक एक्साबाइट 10 लाख टेराबाइट्स या एक अरब गिगाबाइट्स के समान होता है.
डाटा कॉपी होना बड़ी चुनौती
एक ही डाटा के अनेक जगहों पर कॉपी होने के कारण डाटा की संख्या बहुत बढ़ गयी है. संबंधित विधा में कार्य कर रही अमेरिकी कंपनी ‘आइडीसी’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, डाटा सेंटर्स में स्टोर किये गये आंकड़ों में से करीब 60 फीसदी कॉपी होते हैं. इतना ही नहीं, एक ही प्रकार के डाटा की कई कॉपियां उनमें होती हैं.
बैकअप, डिजास्टर रिकवरी, डेवलपमेंट, टेस्टिंग और एनालिटिक्स आदि के जरिये डाटा को सुरक्षित रखने की कवायद और उनके बेहतर प्रबंधन के कारण रोजाना बड़ी संख्या में डाटा की अतिरिक्त कॉपी सृजित होती रहती है. ये अतिरिक्त कॉपियां डाटा एनालिटिक्स के क्षेत्र में एक बड़ी चुनौती बन कर उभर रही है.
‘आइडीसी’ का अनुमान है कि किसी कंपनी द्वारा इस्तेमाल के लिए रखे गये खास प्रोडक्शन डाटा की औसतन करीब 120 कॉपियां सर्कुलेट हो जाती हैं. इस कारण से कॉपी किये हुए डाटा के प्रवाह को मैनेज करने का खर्च बढ़ता जा रहा है. ‘आइडीसी’ की रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर इस मद में होनेवाला खर्च 44 अरब डॉलर से ज्यादा हो गया है.
तकनीक आधारित कारोबार
उदारीकरण के बाद देश-दुनिया में सर्विस सेक्टर में आयी तेजी और आइटी आधारित उद्योगों के फैलाव ने एक नयी इंडस्ट्री को जन्म दिया, जिसे ‘डाटा एनालिटिक्स’ या ‘बिग डाटा साइंस’ के नाम से जाना जाता है.
भारत में भले ही इसकी शुरुआत महज दशकभर पहले हुई है, लेकिन इसके विस्तार को देखते हए विशेषज्ञों ने उम्मीद जतायी है कि वर्ष 2025 तक देश में इसका कारोबार 16 अरब डॉलर तक पहुंच जायेगा. क्या है डाटा एनालिटिक्स, विविध उद्योगों में क्यों बढ़ रहा है इसका इस्तेमाल और किस तरह की चुनौतियां पैदा हो रही हैं इसके सामने आदि सहित इससे जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बता रहा है यह आलेख…
इन्हें भी जानें
भारत में डाटा एनालिटिक्स की शुरुआत
कारोबारी प्रक्रिया में श्रेष्ठता साबित करने के बाद महज डेढ़- दो दशक पहले ही डाटा एनालिटिक्स सेक्टर ने अपनी मौजूदगी दर्ज करायी है. हालांकि, इसकी शुरुआत अमेरिका जैसे विकसित देशों से हुई थी, लेकिन सूचना तकनीक आधारित उद्योगों में तेजी आने के बाद भारत जैसे देशों में इस कार्य की लागत कम आने के कारण इस सेक्टर में उभार आया. चूंकि अनेक क्षेत्रों में सर्विस के तौर पर डाटा एनालिटिक्स उभर रहा है, लिहाजा इसमें अभी बड़ी तेजी आने की उम्मीद है. ‘गार्टनर’ की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है कि एनालिटिक्स एंड बिजनेस इंटेलिजेंस के क्षेत्र में यह सबसे तेजी से उभरनेवाला मार्केट साबित होगा.
भारत में बिग डाटा टेक्नोलॉजी
का बढ़ता इस्तेमाल
‘डाटाकोनोमी डॉट काॅम’ की एक रिपोर्ट में क्लिक एशिया पेसिफिक एंड जापान के रीजनल वाइस प्रेसिडेंट फिलिप बेनिएक ने कहा है कि भारत में बिग डाटा टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कम हो रहा है, लेकिन यह देखा जा रहा है कि ज्यादातर कंपनियां निकट भविष्य में इसमें निवेश करने की योजना बना रही हैं. चूंकि भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, इसलिए वह इस तकनीक को अपना कर अन्य देशों से आगे निकल सकता है. मुंबई और दिल्ली में बिग डाटा इस्तेमाल के एक सर्वे में 350 में से 21 फीसदी एग्जीक्यूटिव्स ने कहा कि उन्होंने इसे लागू किया है, जबकि 42 फीसदी ने कहा कि वे अगले एक साल में इसे लागू करने की योजना बना रहे हैं. एनालिटिक्स या डाटा साइंस का विविध उद्योगों में धीरे-धीरे इस्तेमाल का दायरा बढ़ रहा है. ‘एनालिटिक्स विद्या’ की एक रिपोर्ट में भारत में एनालिटिकल ट्रेनिंग का बड़ा बाजार भी तैयार होने की उम्मीद जतायी है.
भारत में एनालिटिक्स स्टार्टअप्स का उदय
भारत में डाटा एनालिटिक्स सेक्टर के जॉब में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. एक अनुमान के मुताबिक, इसमें बेंगलुरू में सबसे ज्यादा (30 से 40 फीसदी) बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. इसके बाद इस बाजार में दिल्ली एनसीआर (25 से 30 फीसदी), हैदराबाद और चेन्नई की हिस्सेदारी हो सकती है. इसका बड़ा कारण इस सेक्टर में स्टार्टअप्स में होने वाले उभार को माना जा रहा है.
दरअसल, लोगों में जोखिम लेने की क्षमता बढ़ी है और एनालिटिक्स के सहारे आंकड़े आधारित अनेक नयी सेवाएं शुरू होने की संभावना जतायी जा रही है. वेंचर कैपिटलों द्वारा बिग डाटा और डाटा साइंस प्रोजेक्ट्स की बड़े पैमाने पर सेवाएं ली जा रही हैं. मौजूदा दौर में तकरीबन सभी बड़े स्टार्टअप पर इसका प्रत्यक्ष या परोक्ष असर देखा जा रहा है. यही कारण है कि डाटा साइंस पर आधारित स्टार्टअप की संख्या भी बढ़ी है.
प्रस्तुति – कन्हैया झा
भारत में इन क्षेत्रों में डाटा एनालिटिक्स में आयेगी सबसे ज्यादा तेजी
– बैंकिंग
– फाइनेंशियल सर्विस
– इंश्योरेंस
– टेलीकॉम सर्विसेज
– आइटी आधारित सेवाएं
– एफएमसीजी
– रिटेल
(स्रोत : एनालिटिक्स इंडिया मैगजीन)

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