नेपोलियन व जोसफीन की प्रेम कहानी

नेपोलियन बोनापार्ट फ्रांस का महान सम्राट था़ वह एक महान योद्धा था, लेकिन प्रेम में उसे धोखा मिला़ नेपोलियन की शादी नौ मार्च 1796 को जोसफीन से हुई थी. जोसफीन के बारे में कहा जाता है कि उसकी सुंदरता से पूरे पेरिस की महिलाएं रश्क करती थीं. फ्रांस में जोसफीन को ‘विक्टरी वुमन’ कहा जाता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 31, 2016 5:58 AM
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नेपोलियन बोनापार्ट फ्रांस का महान सम्राट था़ वह एक महान योद्धा था, लेकिन प्रेम में उसे धोखा मिला़ नेपोलियन की शादी नौ मार्च 1796 को जोसफीन से हुई थी. जोसफीन के बारे में कहा जाता है कि उसकी सुंदरता से पूरे पेरिस की महिलाएं रश्क करती थीं. फ्रांस में जोसफीन को ‘विक्टरी वुमन’ कहा जाता था, क्योंकि लोगों का मानना था कि नेपोलियन की हर विजय उसकी साम्राज्ञी के कारण होती है. कहते हैं कि नेपोलियन जब युद्ध पर होता था, तब भी वह जोसफीन को चिट्ठियां लिखा करता था़ लेकिन ऐसा क्या हुआ कि दोनों के इस रिश्ते में दरार आ गयी?
नेपोलियन और जोसफीन की प्रेम कहानी की शुरुआत तब हुई जब नेपोलियन फ्रांसीसी सेना का प्रमुख था. जोसफीन एक सैनिक अधिकारी की पत्नी थी. उसके पति को फांसी की सजा मिली थी और जोसफीन को भी गिरफ्तार कर लिया गया था. जोसफीन को उसके पहले पति से एक बेटा था, जिसका नाम यूजीन था और वह 14 साल का था. नेपोलियन के आदेश से फ्रांस का हर नागरिक अपने घर के हथियार को सेना के समक्ष जमा करा रहा था. यूजीन भी अपने पिता की तलवार लेकर जमा कराने आया था. उसकी आंखों से आंसू बह रहे थे.
सहसा नेपोलियन की नजर उस पर पड़ी और उसने उससे रोने का कारण पूछा. यूजीन ने कहा कि वह उसके स्वर्गीय पिता का तलवार है और उससे अलग होते हुए उसे दुख हो रहा है. नेपोलियन ने पिता के प्रति उसके मन में श्रद्धा देखी और उसका तलवार उसे लौटा दिया.
अगले दिन यूजीन की मां जोसफीन नेपोलियन को धन्यवाद देने गयी और नेपोलियन उसे देखते ही मोहित हो गया. जोसफीन भी नेपोलियन पर मर मिटी. जोसफीन वैसे तो नेपोलियन से उम्र में बड़ी थी और उसके और भी कई प्रेमी थे, लेकिन नेपोलियन के साथ शक्ति और सत्ता जुड़ी होने के कारण जोसफीन उसकी होती चली गयी.
जिस समय नेपोलियन से उसकी शादी हुई उस वक्त जोसफीन की उम्र 32 और नेपोलियन की महज 26 वर्ष थी. खुद को सम्राट घोषित कर नेपोलियन ने जोसफीन से कैथोलिक चर्च की रीतियों के अनुसार शादी रचायी और उसे साम्राज्ञी घोषित किया. इसके बाद नेपोलियन एक के बाद एक युद्ध जीतता चला गया, लेकिन जोसफीन से उसे सिंहासन का उत्तराधिकारी नहीं दिया.
नेपोलियन जोसफीन से बहुत प्यार करता था. वह युद्ध क्षेत्र से उसे पत्र लिखा करता था और उसे अपने अंगरक्षक के हाथों जोसफीन के पास पेरिस में भिजवाया करता था, जबकि जोसफीन उसकी इस भावुकता का मजाक उड़ाती थी. नेपोलियन युद्ध में उलझा रहा और महल में जोसफीन के पुराने प्रेमी आते रहे.
उसने कुछ नये प्रेमी भी बनाये और नेपोलियन की गैरजाहिरी में उनसे इश्क फरमाती रही. जोसफीन के अनगिनत प्रेमियों में एक था हाइपोर्टो चार्ल्स. वह मसखरा और हंसोड़ किस्म का युवक था. जब भी नेपोलियन युद्ध क्षेत्र में होता, चार्ल्स महल में आ जाया करता और जोसफीन के साथ रंगरेलियां मनाता. धीरे-धीरे पूरे पेरिस में जोसफीन और चार्ल्स की प्रेम कहानियों के चर्चे शुरू हो गये. उड़ती-उड़ती खबर नेपोलियन तक भी पहुंची. उस समय वह इटली से युद्ध कर रहा था. उसे खबर मिली कि चार्ल्स पेरिस के उसके महल में आया हुआ है.
नेपोलियन ने चार्ल्स और जोसफीन को दूर करने के लिए जोसफीन को एक पत्र लिख कर उसे युद्ध क्षेत्र में बुलाया़ पहले तो जोसफीन ने इनकार कर दिया, लेकिन बाद में जोसफीन एक योजना के तहत इटली के युद्ध क्षेत्र में जाने के लिए तैयार हो गयी. वह लाव-लश्कर के साथ नेपोलियन से मिलने के लिए रवाना हुई और उसी में चार्ल्स
को भी छुपा कर लेती गयी. नेपोलियन को इसकी भनक मिल गयी और उसने जोसफीन के वहां पहुंचते ही सारे सामान की तलाशी लेने का हुक्म दिया. कपड़े वाले बक्से में चार्ल्स छिपा मिला. नेपोलियन ने उसे मारने का हुक्म दे दिया, लेकिन जोसफीन उसके पैरों पर गिर कर चार्ल्स के लिए माफी पाने में सफल रही और उसे वहां से पेरिस भिजवाने में कामयाब हो गयी. जोसफीन ने नेपोलियन से वादा किया कि अब वह कभी चार्ल्स से नहीं मिलेगी. उसके बाद उसने चालाकी से काम लिया और दिखावे के लिए नेपोलियन से ढेर सारा प्यार जताती रही.
कुछ समय बाद नेपोलियन युद्ध के लिए मिस्र गया और जोसफीन ने फिर से चार्ल्स को महल में बुलवा लिया. एक दिन नेपोलियन के भाई जोसेफ ने दोनों को एक साथ पकड़ लिया और उसने नेपोलियन को इस बारे में संदेश भेज दिया. नेपोलियन बहुत दुखी हुआ और उसने जोसफीन की खुशी के लिए उसे तलाक दे दिया. तलाक देते समय नेपोलियन ने कहा था, ‘जोसफीन के साथ बिताये 15 वर्षों की याद हमेशा मेरे साथ रहेगी.
मैंने अपने हाथों से उसके सिर पर साम्राज्ञी का ताज पहनाया था. मेरी इच्छा है कि मुझसे दूर जाने के बाद भी जोसफीन एक साम्राज्ञी ही रहे. मैं उसका यह पद छीनना नहीं चाहता. मेरे दिल में वह हमेशा एक प्यारे दोस्त की हैसियत से रहेगी’. जोसफीन ने भी कहा कि वह सम्राट नेपोलियन के लिए हमेशा एक मित्र बनी रहेगी. नेपोलियन ने एक शानदार बग्घी में बिठा कर उसे विदाई दी थी.
…और आखिर में
इतिहास में चार्ल्स के अलावा जोसफीन के एक अन्य प्रेमी बर्रास का भी जिक्र मिलता है. फ्रांस के सम्राट लुई 15वें को फांसी दिये जाने के बाद क्रांतिकारी बर्रास ने ही फ्रांस के शासन की बागडोर संभाली थी. कहते हैं कि बर्रास ने ही नेपोलियन के करीब पहुंचने के लिए जोसफीन का इस्तेमाल किया था़ ऐसा माना जाता है कि जोसफीन अय्याश िकस्म की महिला थी.
वह एक साल में 500 जोड़ी जूते, 600 मोजे और अनगिनत पोशाक खरीदा करती थी. उसे गुलाब के फूलों से बेहद लगाव था. उसने 35 हेक्टेयर में फैले अपने बाग में 355 िकस्म के गुलाब के फूल लगावा रखे थे. बहरहाल, नेपोलियन की दूसरी शादी ऑस्ट्रिया के सम्राट फ्रांसिस की बेटी मेरी लूसी से हुई थी. मेरी ने न केवल नेपोलियन से बेवफाई की, बल्कि अपने पिता से मिल कर एक साजिश के तहत वाटरलू की लड़ाई में नेपोलियन को परास्त भी कराया. नेपोलियन की पत्नी बनने के बाद लूसी एडम अलब्रेच नामक एक काउंट पर रीझ गयी थी.
वाटरलू की लड़ाई हारने के बाद नेपोलियन एलबा में निष्कासित जीवन जी रहा था़ वहां भी मेरी लूसी ने मेप्पर्ग नामक एक व्यक्ति से इश्क लड़ाया और नेपोलियन को छोड़ कर उससे शादी कर ली. मेरी से धोखा खाने के बावजूद नेपोलियन ने अपने वसीयतनामे में लिखा था, ‘मेरी मौत के बाद मेरा दिल निकाल कर शराब में डाल देना और फिर उसे मेरी प्यारी लूसी तक पहुंचा देना. उससे यह कहना कि मैं उसे बेहद प्यार करता था और जीवन के अंतिम क्षण तक करता रहा़’ इतिहासकार लाग्जेयर कारनट लिखते हैं, बोनापार्ट बहुत बहादुर था, लेकिन दिल का बहुत जवान भी था़
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