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इनोवेशन में भारत की दस्तक – 5 : अनिरुद्ध, क्रिस्पियन की कंपनी ड्यूसेर टेक्नोलॉजी लायी लेचल स्मार्टशू

मंजिल तक पहुंचानेवाले जूते अनिरुद्ध शर्मा और उनके दोस्त क्रिस्पियन लॉरेंस की कंपनी ड्यूसेर टेक्नोलॉजी ने लेचल नाम से जूता बनाया है. इस जूते को खास तौर से उन लोगों के लिए बनाया गया है, जो देख नहीं सकते. लेचल जूते को स्मार्टफोन से कनेक्ट किया जा सकता है, जो रास्ते में चलने के दौरान […]

मंजिल तक पहुंचानेवाले जूते

अनिरुद्ध शर्मा और उनके दोस्त क्रिस्पियन लॉरेंस की कंपनी ड्यूसेर टेक्नोलॉजी ने लेचल नाम से जूता बनाया है. इस जूते को खास तौर से उन लोगों के लिए बनाया गया है, जो देख नहीं सकते. लेचल जूते को स्मार्टफोन से कनेक्ट किया जा सकता है, जो रास्ते में चलने के दौरान उनकी मदद करता है. आम तौर पर देखने में असमर्थ लोग जब भी कहीं बाहर जाते हैं, तो उन्हें वे लाठी या स्टिक का सहारा लेते हैं, जिसे टटोल कर वे यह जान पाते हैं कि रास्ते में कहीं कोई रुकावट तो नहीं. लेकिन वे सही दिशा में जा रहे हैं या नहीं, उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं रहता. लेकिन लेचल की मदद से अब यह जानना मुमकिन होगा. लेचल जूतों में नेविगेशन, फिटनेस, स्मार्ट असिस्ट और एक्सेसेबिलिटी जैसे फीचर्स मौजूद हैं, जो उसे बेहद स्मार्ट बनाते हैं. स्मार्ट डिवाइस सोल के भीतर या फिर जूते के बाहर लगा होता है.
यह देखने में आम जूतों की ही तरह होता है, लेकिन इसका काम आम जूते से कहीं अधिक है. इसके इस्तेमाल के लिए मोबाइल फोन पर एक खास ऐप इंस्टॉल करना होता है. इसके बाद नेविगेशन के जरिये अपनी मंजिल सेट करनी होती है. जूते के भीतर लगा ब्लूटूथ मोबाइल से कनेक्ट होकर रास्ता दिखाता है. हैप्टिक वाइब्रेशन्स के जरिये यूजर को निर्देश मिलता रहता है और वह बिना किसी अतिरिक्त सहायता के अपनी मंजिल तक पहुंच जाता है. जैसे कि अगर आपको बायें मुड़ना है तो आपके बायें पैर का जूता वाइब्रेट होने लगेगा और दायां पैर का जूता दायें मुड़ने के लिए वाइब्रेट होगा.
विश्व स्वास्थ संगठन का अनुमान है कि दुनियाभर में लगभग 30 करोड़ लोगों के पास चलने के लिए पैर तो हैं, लेकिन देखने के लिए आंखें नहीं हैं. ऐसे ही लोगों के लिए बनायी गयी इस डिवाइस में मैप और जीपीएस की भी सुविधा है, जिसकी मदद से यूजर को आस-पास की खास जगहों के बारे में पता चलता है.
अगर कोई इन खास जगहों पर पहुंचना चाहे, तो नेवीगेटर में सेट करके मंजिल तक पहुंच सकता है. यह डिवाइस इस दौरान यह भी बताता रहता है कि आपका फोन आपसे कितना दूर है.
यानी अगर फोन लेचल से जुड़ा है, तो इसके गुम होने का खतरा न के बराबर होता है. डिवाइस आपको समय-समय पर तरह-तरह के अलर्ट्स देता रहता है. लेचल शूज फिटनेस प्रेमियों और पर्यटकों के लिए भी उपयोगी है. वैसे तो फिटनेस के लिए बाजार में कई तरह की डिवाइस मौजूद हैं, लेकिन जूतों में लगी खास डिवाइस इसे औरों से अलग बनाती है.
लेचल शूज की मदद से फिटनेस का भी ख्याल रखा जा सकता है. ऐप के जरिये सारा डाटा जमा हो जाता है और यूजर अपनी फिटनेस की जानकारी देख सकता है और यह जानकारी वह अपने दोस्तों के साथ साझा भी कर सकता है. कंपनी के सह-संस्थापक क्रिस्पियन लॉरेंस इस बारे में बताते हैं, जब हमने 2011 में शुरुआत की, तो यह प्रोडक्ट महज एक आइडिया था.
यह ऐसी कल्पना थी, जिसकी गहराई में हम उतरते गये. हम जितना अधिक खोज करते गये, उतने ही प्रोटोटाइप्स बनाते गये और उनका परीक्षण करते गये. हमने इसमें ज्यादा से ज्यादा फीचर्स डालने की कोशिश की, जिसका नतीजा यह हुआ कि यह एक ऐसा प्रोडक्ट बन गया, जिसका इस्तेमाल कोई भी कर सकता है.
यहां यह जानना जरूरी है कि लेचल दुनिया का पहला ऐसा जूता है, जो हैप्टिक तकनीक का इस्तेमाल करके तैयार किया गया है. इस तकनीक का इस्तेमाल आम तौर पर इंटरएक्टिव रोबोट बनाने के लिए किया जाता रहा है, लेकिन स्पर्श को कंप्यूटर एप्लीकेशन से जोड़ कर संवाद पैदा करनेवाली इस तकनीक का इस्तेमाल अनिरुद्ध और क्रिस्पियन ने जूते और जूते के इनसोल्स बनाने के लिए किया है.
यह स्मार्ट फुटवियर यूजर को किसी खास लोकेशन को टैग करने की सुविधा भी देता है. यही नहीं, इसके जरिये बड़े ग्रुप या फिर परिवार के सदस्यों को आपस में कनेक्ट किया जा सकता है. लेचल फुटवियर की कीमत फिलहाल नौ से दस हजार रुपये के बीच रखी गयी है. वर्तमान में ये ऑनलाइन बिक रहे हैं, लेकिन कंपनी इस खास जूते को पश्चिमी देशों में ऑफलाइन भी बेचने की योजना बना रही है.

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