कालेधन पर सबसे बड़ा वार, 500-1000 के नोट हुए बेकार

मंगलवार की देर शाम जब यह खबर आयी कि थोड़ी देर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को संबोधित करेंगे, तो तरह-तरह के कयास लगाये जाने लगे. भारत-पाक के बीच तनातनी के मौके पर राष्ट्र के नाम पीएम के संबोधन ने उत्सुकता बढ़ा दी.पीएम ने एक अलग तरह के जंग का एलान किया. यह जंग देश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 9, 2016 6:13 AM
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मंगलवार की देर शाम जब यह खबर आयी कि थोड़ी देर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को संबोधित करेंगे, तो तरह-तरह के कयास लगाये जाने लगे. भारत-पाक के बीच तनातनी के मौके पर राष्ट्र के नाम पीएम के संबोधन ने उत्सुकता बढ़ा दी.पीएम ने एक अलग तरह के जंग का एलान किया. यह जंग देश में गहरी जड़ें जमा चुका भ्रष्टाचार और अर्थव्यवस्था को खोखला कर रहा कालाधन तथा जाली नोटों के बल पर फल-फूल रहे आतंकवाद के खिलाफ था.
प्रधानमंत्री ने आठ नवंबर की मध्यरात्रि से 500 और 1000 के नोटों को गैर कानूनी घोषित करते हुए कहा कि समाज विरोधी तत्वों के पास ये करेंसी नोट महज कागज के टुकड़े रह जायेंगे. आजादी के बाद पहली बार कालेधन पर प्रहार के लिए सरकार ने इतना कठोर कदम उठाया है. नागरिकों को असुविधा न हो, इसके लिए 500 व 1000 के नोटों को बदलने के लिए कुछ शर्तों के साथ सुविधाएं भी दी गयी हैं. पीएम ने लोगों से सहयोग की अपील भी की.
आपके पास नोट है तो क्या करें
मंगलवार की आधी रात यानी 8 नवंबर की रात 12 बजे से 500 रुपये और 1000 हजार रुपये के करेंसी नोट चलन में नहीं रहेंगे. यानी ये मुद्राएं कानून अमान्य होंगी. 100, 50, 20, 10, 5, 2, 1 रुपये के नोट और सिक्के नियमित रहेंगे.
1 – यदि आपको नकद चाहिए..
किसी भी बैंक या डाकघर में जायें. 500 और 1000 रुपये के नोटों को 10 नवंबर से लेकर 30 दिसंबर, 2016 तक इसे बदला जा सकता है. 10 से 24 नवंबर तक प्रतिदिन आप 4000 रुपये तक मूल्य के इन नोटों को बदल सकते हैं. 25 नवंबर से नोटों के बदलीकरण की सीमा बढ़ायी जायेगी. लेकिन, ध्यान रहे कि इसकी भी अंतिम तिथि 30 दिसंबर तक है. साथ ही आपको बैंक या डाकघर को अपना पहचान पत्र (राशन कार्ड, वोटर कार्ड, पासपोर्ट आदि) दिखाना होगा.
2 – खाते में जमा कराएं
आप 500 व 1000 रुपये के नोट को अपने बैंक या डाकघर के खाते में भी बगैर िकसी सीमा के जमा करा सकते हैं. इसकी भी तिथि 30 दिसंबर तक है. आप अपने खाते में जो रकम जमा करायेंगे, उसका अॉनलाइन ट्रांजेक्शन कर सकते हैं और चेक या एटीएम से निकासी भी कर सकते हैं.
3 – यदि चूक गये तो…
ऐसे लोग जो इस समय सीमा के अंदर यानी 30 दिसंबर तक पुराने नोट किसी कारणवश जमा नहीं कर पाये, तो उन्हें 500 और 1000 के नोट बदलने का एक आखिरी अवसर भी दिया जायेगा. वे रिजर्व बैंक में घोषणा पत्र के साथ 31 मार्च, 2017 तक नोटों को जमा करा सकेंगे. इसके लिए उन्हें अपना पहचान पत्र देना होगा.
यदि कोई परेशानी हो
आरबीआइ की हेल्पलाइन : 2222602201, 2222602944
आज : ग्राहकों के लिए बैंक बंद
9-10 नवंबर : एटीएम भी काम नहीं करेंगे
30 िदसंबर तक : बैंकों व डाक घरों में बदल सकेंगे नोट
बढ़ेगी पारदर्शिता, अवैध लेन-देन का राज होगा खत्म
घटेगी नोटों की जमाखोरी
रिजर्व बैंक के मुताबिक नोटों के सुरक्षा मानकों में सेंध नहीं लगा है. चलन में ज्यादातर नकली नोट 500 और 1,000 रुपये के ही थे. नयी व्यवस्था से बाजार में छोटे नोटों और सिक्कों के प्रचलन बढ़ने से सूदखोरों और जमाखोरों के पास कालाधन के रूप में अधिक नोट जमा नहीं रह सकेंगे.
वर्चुअल मनी बढ़ेगी
विशेषज्ञों का कहना है कि नगदी मुद्रा कम होगी और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन बढ़ेगा. इससे लेन-देन में पारदर्शिता रहेगी. सब कुछ अॉन रिकॉर्ड होगा.
काला धन रुकेगा
तत्काल तो इस पर लगाम लग जायेगी, क्योंकि बड़े अवैध लेन-देन 500 और 1000 के नोटों के जरिये ही किये जाते रहे हैं. प्रोपर्टी के दाम घटेंगे.
…लेकिन रखनी होगी इन पर नजर
नोट बदलने के लिए बैंकों व डाकघरों में अफरा तफरी न मचे
जमाखोर मौके का फायदा उठा कर महंगाई न बढ़ा दें
किसानों को दिक्कत न हो, क्योंकि यह फसल कटाई का सीजन
नकली नोट चलन से बाहर होंगे
नेपाल व बांग्लादेश के रास्ते भारत में नकलीनोट आते रहे हैं. 500 व 1000 के नकली नोट ही ज्यादा होते हैं. सीमा पार से आतंकवाद को पैसा दिया जाता है. सीमा पार से ही जाली नोटों का धंधा होता है. कालाधन और आतंकवाद दोनों देशा को खोखला कर रहे हैं. सरकार के इस कदम से दोनों की कमर टूट जायेगी.
500 और 2000 के नये नोट आयेंगे
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास का कहना है कि उच्च सुरक्षा मानकों के साथ 500 और 2,000 रुपये के नये नोट 10 नवंबर से चलन में आ जायेंगे. स्थिति पर निगरानी के लिए रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय में नियंत्रण कक्ष बनाये जायेंगे. जाली नोटों का इस्तेमाल आतंकवाद को पोषित करने के लिए किया जा रहा है.
ध्वस्त होगी काले धन की अर्थव्यवस्था
2014 में कालेधन की जांच के लिए मोदी सरकार ने एसआइटी का गठन किया
2015 में कर अधिरोपण कानून
2015 में ही द ब्लैक मनी एंड इम्पोजिशन ऑफ टैक्स एक्ट 2015 बनाया गया
02 लाख के ऊपर के लेनदेन के लिए पैन कार्ड अनिवार्य किया गया
2016 में आया इनकम डिक्लेरेशन स्कीम
18000
मामले दर्ज हुए 2014 से अब तक
4500
करोड़ रुपये की वसूली मनी लांड्रिंग रोधी कानून के तहत,
10 महीने में
65250 करोड़ रुपये अघोषित आय की घोषणा हुई
30000
करोड़ रुपये सरकार को मिला
बढ़ गया था चलन
500 रुपये के नोटों का चलन 76 फीसदी और 1,000 रुपये के नोटों का चलन 109 फीसदी बढ़ा, जबकि इस दौरान चलन में सभी नोटों की कुल वृद्धि 40 फीसदी रही. अब इस पर लगाम लगेगी.
विकास की राह में बड़ा रोड़ा था भ्रष्टाचार, लेकिन अब बदलाव होगा
स्विस बैंक में भारत से कालाधन
37वें स्थान पर था 2014 में
61वें स्थान पर था 2015 में
75वें स्थान पर है 2016 में
इस समय भारत का कालाधन
1.2 अरब स्विस फ्रैंक (8392 करोड़ रुपया)
केंद्रीय स्विस नेशनल बैंक के अनुसार
भ्रष्टाचार की ग्लोबल रैंिकंग
2013 : 100वें नंबर था भारत
2016 : 76वें नंबर पर
साहसिक कदम : राष्ट्रपति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा साहसिक कदम है. मैं इसका स्वागत करता हूं. प्रधानमंत्री ने मुझे मंगलवार की शाम फोन किया. सरकार के इस फैसले की घोषणा के बारे में बताया कि पांच सौ और एक हजार रुपये के सभी नोट मध्यरात्रि से नहीं चलेंगे. यह कदम काले धन और जाली नोट को खोज निकालने में मदद करेगा.
सभी जरूरी व्यवस्था करेंगे
हम एटीएम में जल्द से जल्द नोट डालेंगे और उनसे राशि निकालना सुगम बनायेंगे. सरकार ने आवश्यक जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त छूट दी हैं. हम 24 घंटे काम करेंगे और तय करेंगे कि ग्राहकों का काम सरलता से हो.
– अरुंधति भट्टाचार्य, चेयरपर्सन, एसबीआइ
आपका पैसा आपका ही रहेगा
घबराएं नहीं
500 और 1000 के नोट बेकार होने के बाद पैनिक होने की जरूरत नहीं है. सरकार ने नोटों के पूर्ण रूप से उपलब्ध होने तक इसके चलन की व्यवस्था की है. इसके साथ ही सरकार ने नोट बदलने की भी व्यवस्था की है. आपका पैसा आपका ही रहेगा. आपको सिर्फ बदलना है.
1 – एटीएम से निकासी
फिलहाल, एटीएम से आप एक दिन में एक कार्ड से ज्यादा से ज्यादा 2,000 रुपये तक ही निकाल पायेंगे. कुछ समय बाद इसकी सीमा चार हजार रुपये तक की जायेगी. धीरे-धीरे नये नोटों की उपलब्धता बढ़ने के साथ ही सीमा बढ़ायी जायेगी. बैंक खाते से एक दिन में अधिकतम 10 हजार रुपये और सप्ताह में 20 हजार रुपये तक िनकाले जा सकते हैं.
2 – 72 घंटे तक चलन में
शुरू के 72 घंटे यानी 11 नवंबर की रात 12 बजे तक खास जरूरतों के लिए विशेष व्यवस्था दी गयी है. इसमें सरकारी अस्पताल में, डॉक्टर के पर्चे पर दवाई दुकान में, रेलवे स्टेशन, सरकारी बस अड्डे, हवाई जहाज के टिकट में, मान्यता प्राप्त को-ऑपरेटिव की दुकानों में, सार्वजनिक क्षेत्र के पेट्रोल और सीएनजी गैस स्टेशन में, अंतिम संस्कार की जगहों पर 500 और 1000 रुपये के नोट चलेंगे. अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 5,000 रुपये तक की विदेशी मुद्रा या देसी नोट बदलने की सुविधा भी रहेगी.
3 आज बैंक में कामकाज नहीं
नौ एवं 10 नवंबर को देश भर के एटीएम काम नहीं करेंगे. नौ नवंबर को बैंकों और डाकघरों में ग्राहकों का काम नहीं होगा. 500 व 1000 के नोटों को गैर कानूनी घोषित करने के बाद भी बैंकों में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, क्रेडिट कार्ड, चेक और बैंक ड्राफ्ट के काम पहले की ही तरह होते रहेंगे.
मोदी का मास्टरस्ट्रोक
आप सोचो कि 36,000 करोड़ का भ्रष्टाचार होता था और 65,000 करोड़ का काला धन. तकरीबन एक लाख करोड़. और ये एक लाख करोड़ भी कोई सर्जिकल स्ट्राइक करके एकत्र नहीं किये. ये सभी बिना सर्जिकल के. जिस दिन सर्जिकल स्ट्राईक की उस दिन कितना धन मिलेगा, उसका अंदाज आप लगा सकते हो.
– 22 अक्तूबर, 2016 वड़ोदरा में पीएम
भ्रष्टाचार से अर्जित धन या कालाधन, इनसे बेनामी हवाला धन को बढ़ावा मिलता है. हम सब जानते हैं कि हवाला धन का इस्तेमाल आतंकी हथियारों की खरीद के लिए करते हैं, हवाला धन का चुनाव में भी इस्तेमाल पाया गया है. भ्रष्टाचार हमारे देश और समाज को दीमक की तरह से खोखला कर रहा है और हमें इसे समाप्त करना है. इसके खिलाफ जंग लड़नी है.
– 8 नवंबर को राष्ट्र के नाम संबोधन
(प्रधानमंत्री ने मंगलवार को रात्रि आठ बजे से 8.40 बजे तक राष्ट्र के नाम संबोधन में 500 व 1000 रुपये के नोटों को गैर कानूनी घोषित करते हुए कालाधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक जंग का एलान किया. पढ़िए प्रधानमंत्री के मूल भाषण का संपादित अंश)
इस महायज्ञ में देश का हर नागरिक शािमल हो
प्यारे देशवासियों,
मई 2014 में हमें देश की जनता ने महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी थी. तब ब्रिक्स देशों में ‘आई’ यानि इंडिया या भारत लुढ़क रहा था. लगातार दो वर्षो तक देश में अकाल की स्थिति थी. इसके बाद भी पिछले ढाई वर्षो में सवा सौ करोड़ देशवासियों के सहयोग से आज भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के चमकते सितारे के रूप में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है. ऐसा हम नहीं कह रहे. आइएमएफ और वर्ल्ड बैंक में यह बात गूंज रही है. विकास की इस दौड़ और गरीबी के खिलाफ लड़ाई में हमारा मूल मंत्र है… सबका साथ, सबका विकास. यह सरकार गरीबों के लिए समर्पित है और गरीबों के लिए काम करेगी. हम चाहते हैं- गरीबों का देश की अर्थव्यवस्था में सक्रिय भागीदारी हो, गरीबों का सशक्तीकरण हो. इसके लिए हमने कई योजना चलायीं…. प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, कृषि सिंचाई योजना, मृदा कार्ड योजना. जनधन योजना. हर तबके के सशक्तीकरण के लिए योजनाएं.
लेकिन, आज भ्रष्टाचार विकास में सबसे बड़ी बाधा है. एक तरफ तो हम विकास कर रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ कालाधन व भ्रष्टाचार है. सरकार के प्रयासों से भ्रष्टाचार के संदर्भ में भारत वैश्विक रैंकिंग में 100वें स्थान से अपनी स्थिति बेहतर बनाकर 76वें स्थान पर आ गया है. यह हमारे देश में भ्रष्टाचार के फैले जाल को दर्शाता है. भ्रष्टाचार की इस बीमारी के कारण कुछ लोगों को फलने फूलने का मौका मिला. कुछ लोगों ने अपने पदों का दुरुपयोग करके फायदा उठाया. और दूसरी ओर ईमानदार जनता प्रभावित होती रही. ऐसे लोग गरीबों का हक मार रहे हैं.
लेकिन, हिंदुस्तान का आम नागरिक ईमानदार है. भ्रष्टाचार, कालाधन, जाली नोट, आतंकवाद नासूर हैं, जिनके खिलाफ निर्णायक लड़ाई होनी चाहिए. आतंकवाद के लिए पैसा कहां से आता है, कौन नहीं जानता है. सीमा पार के हमारे शत्रु जाली नोटों को फैलाते हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था को खोखला बनाता है. जाली नोट का जाल देश के सामने चुनौती बनी हुई है. सरकार के प्रयास से सवा लाख करोड़ का काला धन सामने आया है. हमने मजबूत कानून बनाये. कौन ऐसा नागरिक है जो भ्रष्टाचार को स्वीकार कर सकेगा और जिसे भ्रष्टाचार के कारण तकलीफ नहीं होगी.
देश में 500 और 1000 के नोटों का हिस्सा कुल मुद्रा चलन में 80 से 90 फीसदी तक पहुंच गया है. इस कैश का सर्कुलेशन भ्रष्टाचार की वजह से है. इससे गरीबों के खरीदने की शक्ति प्रभावित होती है.
बेनामी हवाला कारोबार को भी बढ़ावा मिलता है. एक तरफ आतंकवाद और जाली नोट देश को तबाह करने का प्रयास कर रहे है तो दूसरी ओर भ्रष्टाचार और कालाधन की चुनौती है. हमने फैसला किया है कि आज मध्यरात्रि से यानी आठ नवंबर, 2016 के रात 12 बजे से 500 और 1000 के करेंसी नोट लीगल टेंडर नोट (यानी कानूनी रूप से मान्य) नहीं रहेंगे. इनके अलावा अन्य सभी नोट और सिक्के मान्य होंगे. देश विरोधी और समाज विरोधी तत्वों के पास मौजूद नोट कागज के टुकड़े हो जायेंगे. जो मेहनत से कमा रहे हैं, उनकी हर कीमत पर रक्षा की जायेगी. सभी सिक्के व बाकी नोट नियमित हैं. लेन-देन पर रोक नहीं है. हम जाली नोटों और करप्शन के खिलाफ जो जंग लड़ रहे हैं, इससे उस लड़ाई को ताकत मिलने वाली है.
लेकिन, आपको असुविधा न हो, इसके लिए हमने कुछ इंतजाम किये हैं. दस नवंबर से 30 दिसंबर के बीच आप 500 व 1000 के नोटों को बैंक या डाकघर में जमा करा सकते हैं. अफरा तफरी की जरूरत नहीं है. आपकी धनराशि आपकी रहेगी. बस उनको दिक्कत होगी, जो अवैध कारोबार करते हैं. आप अपनी जरूरत के हिसाब से रकम निकाल सकते हैं………
(यहां प्रधानमंत्री ने पूरा ब्योरा बताया कि नोटों को किस तरह बदला जा सकता है)
इन नियमों को सुगमता से लागू करने के लिए नौ नवंबर को डाकघर और बैंक बंद रखे जायेंगे. देश में किसी को भी इस फैसले की जानकारी इससे पहले नहीं मिली है, ताकि गोपनीयता बरकरार रहे.
इसके कारण लोगों को कुछ परेशानियां पेश आयेंगी… लेकिन मेरा आग्रह होगा कि देशहित में वे इन कठिनाइयों को नजरंदाज करेंगे. हर देश के इतिहास में ऐसे क्षण आते हैं जब व्यक्ति उस क्षण का हिस्सा बनना चाहता है और राष्ट्र निर्माण में सहभागी बनना चाहता है. ऐसे गिने चुने मौके आते हैं और यह ऐसा एक मौका है. मेरा विश्वास है कि सभी राजनीतिक दल, सामाजिक एवं शैक्षणिक संगठन, मीडिया इसे सफल बनाने के लिए सरकार से भी बढ़ कर कार्य करेंगे. समय-समय पर मुद्रा व्यवस्था को ध्यान में रख कर रिज़र्व बैंक, केंद्र सरकार की सहमति से नये अधिक मूल्य के नोट को सर्कुलेशन में लाता रहा है. जल्द ही 500 और 1000 के नोट जारी किये जायेंगे.
देश ने हाल ही में दीवाली मनायी है. आइए दीपावली के बाद ईमानदारी का उत्सव मनाएं. प्रमाणिकता का पर्व मनाएं. कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के इस महायज्ञ में देश का हर नागरिक शािमल हो.
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