स्टार्टअप लोन : लघु उद्यम और स्टार्टअप में बैंक को होगी मुनाफे की उम्मीद, तो ऐसे हासिल कर सकते हैं बैंक लोन

पिछले कुछ महीनो में भारतीय स्टार्टअप और छोटे उद्योगों में फंडिंग की कमी आयी है. इस कारण से काफी छोटे उद्यमी बैंकों के पास लोन लेने जा रहे हैं. लेकिन, ज्यादातर मामलों में बैंक ऐसे स्टार्टअप और उद्यमियों को लोन नहीं देते. हालांकि, नोटबंदी के बाद बैंकों के पास लोन बांटने के लिए काफी पैसा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2017 12:13 AM
पिछले कुछ महीनो में भारतीय स्टार्टअप और छोटे उद्योगों में फंडिंग की कमी आयी है. इस कारण से काफी छोटे उद्यमी बैंकों के पास लोन लेने जा रहे हैं. लेकिन, ज्यादातर मामलों में बैंक ऐसे स्टार्टअप और उद्यमियों को लोन नहीं देते. हालांकि, नोटबंदी के बाद बैंकों के पास लोन बांटने के लिए काफी पैसा आया है, लिहाजा बहुतों को यह उम्मीद है कि बैंक उन्हें लोन दे सकता है, लेकिन छोटे उद्यमियों और स्टार्टअप को इससे ज्यादा फायदा नहीं मिलने वाला. आज के आलेख में दिव्येंदु शेखर बता रहे हैं इसके मुख्य कारणों के बारे में …
1 उद्यमियों और प्रमोटर्स की खराब क्रेडिट रेटिंग
लोन चुकाने में भारतीय काफी लापरवाह माने जाते हैं. भारत उन देशों में है, जहां कुल लोन का 50 फीसदी से ज्यादा मूलधन जुर्माने के साथ वसूला जाता है. इसका कारण हमारी लापरवाही और लोन लेने के पहले की गयी खराब प्लानिंग है.
हम जितना चुका सकते हैं, उससे ज्यादा लोन लेते हैं और फिर किश्तें भरने में लापरवाही करते हैं. पिछले कुछ सालों से भारतीय बैंक सिबिल (क्रेडिट इंफोर्मेशन ब्यूरो लिमिटेड) जैसी संस्थाओं के साथ काम कर रहे हैं. ये संस्थाएं लोगों के पिछले लोन और बकाया बिलों (जैसे फोन और बिजली) के रिकॉर्ड रखती हैं और उसके सहारे आपके क्रेडिट स्कोर बनाती हैं. अगर आपने अपने लोन और बिल समय के साथ पूरे चुकाये हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा होगा.
लोन देने से पहले बैंक आपका क्रेडिट
स्कोर जरूर देखते हैं. आपकी आमदनी चाहे कितनी भी हो या लोन कितना भी छोटा, अगर
आपका क्रेडिट स्कोर खराब है, तो आपको लोन नहीं मिलेगा.
2 मुनाफे की संभावना
जब आप बैंक के पास अपने प्रोजेक्ट ले कर जाते हैं, तो बैंक यह देखता है कि क्या आपके प्रोजेक्ट में मुनाफे की संभावना कितनी है? उदहारण के तौर पर अगर आप एक करोड़ का लोनलेने की बात करते हैं, जो आप पांच साल में चुकायेंगे, तो आपको हर महीने ढाई लाख रुपये बैंक को किश्त के तौर पर देने पड़ेंगे.
बैंक यह देखेगा कि एक करोड़ रुपये कीलागत से आप जो भी प्रोजेक्ट लगायेंगे, क्या वह पांच लाख रुपये महीने का मुनाफा कमायेगा? क्योंकि अगर इतना मुनाफा आप नहीं कमायेंगे, तो आप किश्तें नहीं भर पायेंगे. ऐसे में बैंक आपको लोन नहीं देगा. इसलिए जरूरी है कि आप प्रोजेक्ट में मुनाफे का ध्यान
जरूर रखें.
3 कोलैटेरल की कमी
काफी छोटे उद्यमी यह मानते हैं कि किसी भी प्रकार की जमीन या जायदाद को लोन के एवज में गिरवी रखा जा सकता है. काफी उद्यमी यह भी मानते हैं कि बैंक बिना कुछ गिरवी रखे उन्हें लोन दे सकता है. यह सही नहीं है. बैंक आपको सिर्फ पर्सनल लोन ही बिना कुछ गिरवी रखे दे सकता है, वह भी तब जब आपकी एक नियमित आय हो. ज्यादातर पर्सनल लोन सिर्फ नौकरीपेशा लोगों को ही मिलते हैं. उद्यमियों को लोन के लिए कुछ गिरवी रखना पड़ता है. बैंक खेती की जमीन, पुश्तैनी जवाहरात या पुरानी मशीन गिरवी नहीं रखते.
साथ ही ऐसी संपत्ति, जो किसी भी प्रकार के विवाद में हो या दो लोगों ने साझेदारी में खरीदी हो, उसे भी गिरवी नहीं रखी जाती. बैंक सिर्फ रिहायशी मकान, जिसका मालिकाना हक उद्यमी के पास हो, ऐसे जवाहरात जिसकी खरीद का बिल हो, औद्योगिक प्लाट या ऐसी नयी मशीनें, जिनकी कीमत लोन से दोगुनी हो, वही गिरवी रखते हैं.
4 कंपनी की उम्र
लोन देने से बैंक पहले ये जरूर देखते हैं कि कंपनी कितने साल से कार्यरत है. अगर आप एक साल से कम समय से व्यापार में हैं, तो काफी संभावना है कि आपको लोन नहीं मिलेगा. हां, आपको थोड़ी बहुत ओवरड्राफ्ट की सुविधा मिल सकती है. लेकिन प्रोजेक्ट लोन की संभावना काफी कम है.
ज्यादातर मामलों में आपको लोन तभी मिलेगा, जब कंपनी तीन साल या अधिक समय से कार्यरत हो. इसका कारण नयी कंपनी की साख में कमी और बैंक के पास आपके बारे में कम जानकारीहोना होता है.
5 गलत बैंक से लोन मांगना
बतौर उद्यमी आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि आप किस प्रकार के बैंक में अपना खाता रखते हैं. छोटे और मध्यम उद्यमी को अपना चालू खाता हमेशा ऐसे बैंक में खोलना चाहिए, जो उद्याेगों की ओर ज्यादा ध्यान देते हैं. रिटेल बैंक उद्योगों पर कम ध्यान देते हैं, इसीलिए लोन भी कम ही देते हैं.
अगर आप अपने खाते औद्योगिक बैंको में रखते हैं, तो उनके साथ आपके संबंध भी अच्छे रहेंगे और चूंकि वे आपके उद्योग को अच्छे से समझते हैं, लिहाजा आपकी लोन की जरूरत को भी ठीक से पूरा करेंगे.
कारोबारी को सदैव रहना होता है सचेत
स्टार्टअप की नींव रखते समय प्रत्येक उद्यमी का यही सपना होता है कि अपनी मेहनत और क्षमता के बूते वह अपने कारोबार को सफलता की बुलंदियों तक पहुंचायेगा. हालांकि, यह सब इतना आसान भी नहीं होता, लेकिन यदि चरणबद्ध रूप से लगातार कोशिश की जाये, तो फिर राहें आसान बनती चली जाती हैं. स्टार्टअप की शुरुआत के साथ यदि उद्यमी कुछ खास बातों पर ध्यान दे, तो उसके विफल होने की आशंकाएं बहुत कम हो जाती हैं. बतौर उद्यमी आपको कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में शुरू से ही सचेत रहना होगा और उसी के अनुकूल अपनी तैयारी करनी होगी. इनमें से कुछ इस प्रकार हैं :
खुद को मानसिक रूप से तैयार करना : कारोबार शुरू करने की राह आसान नहीं होती. इसके लिए आपको बहुत तनाव झेलना होता है और कठिन परिश्रम करना पड़ता है. यदि आप अपने पैरों पर दृढ़ता से खड़े रहना चाहते हैं, तो इसके लिए खुद को मानसिक रूप से भी तैयार करना होगा. ज्यादातर स्टार्टअप इसलिए असफल हो जाते हैं, क्योंकि उद्यमियों में मानसिक रूप से असफलता का डर घर कर जाता है. यदि आप निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहते हैं, तो आपको न केवल शारीरिक रूप से, बल्कि मानसिक रूप से भी मजबूत बनना होगा. यदि मौजूदा प्रतिस्पर्धी युग में आप अपना अस्तित्व बरकरार रखना चाहते हैं, तो तनाव से दूर रहते हुए आपको मानसिक रूप से पूरी तरह दुरुस्त रहना होगा.
बैलेंस बनाये रखना जरूरी : आपको बेहद तेजी और निष्क्रियता के बीच संतुलन कायम करना होगा. यानी संतुलन बनाते हुए जिस तरह आप तेज दौड़ लगाते हैं, उसी सिद्धांत को स्टार्टअप में अप्लाइ करना है. तेज दौड़ने से कभी मत नहीं डरें, लेकिन गिरने से पहले खुद को संभाल लें. यदि आप ऐसा महसूस करें कि अब आप गिरने ही वाले हैं, तो वह सही स्पीड हो सकती है.
सफलता की राह भले ही अक्सर आसान नहीं होती, लेकिन यदि आप इन चीजों को ध्यान में रखेंगे, तो निश्चित तौर पर आपको कामयाबी मिलेगी.
लागत और कमाई का आकलन : यदि आपके स्टार्टअप को ग्राहकों की ओर से अच्छा रिस्पांस मिल रहा है और आपके बनाये प्रोडक्ट या सर्विस को लोग काफी पसंद कर रहे हैं, तब भी आप थोड़ा सब्र बनाये रखें. किसी बिजनेस की सफलता का पैमाना तब तक नहीं माना जा सकता, जब तक कि स्टार्टअप से होने वाली कमाई मूल लागत से ज्यादा नहीं है. हालांकि, कारोबार के लाभप्रद बनने के लिए कुछ समय तक इंतजार करना पड़ सकता है, लेकिन फिर भी अपनी लागत और कमाई दोनों पर नजर बना कर रखें. तब आपको असल स्थिति समझ आयेगी.
स्टार्टअप क्लास
सुर्खियों में है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक पर आधारित बॉट एप्प
– आजकल मैं बॉट एप्प के बारे में बहुत कुछ सुन रहा हूं. बॉट क्या होता है और इससे जुड़े स्टार्टअप खोलने के लिए क्या करना होगा?
– संजय चौधरी, गोविंदपुर, लहेरियासराय
बॉट शब्द रोबोट शब्द से निकला है. कोई भी ऐसा एप्लीकेशन, जो बिना किसी इनसानी सहायता के लोगों से बात कर सकता है, बॉट एप्लीकेशन कहलाता है. इसके पीछे आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस तकनीक काम करती है, जो एप्लीकेशन को लोगों को दुनिया से जुड़ी जानकारी जुटा कर बात करने में सहायता प्रदान करती है. इसका सबसे अच्छा उदाहरण एप्पल फोन और लैपटॉप पर इस्तेमाल होनेवाली तकनीक ‘सीरी’ है. सीरी एक ऐसा एप्प है, जिसे आप बोल कर आदेश देते हैं और यह उसका पालन करता है. इसके जरिये आप टिकट बुक कर सकते हैं, टैक्सी बुला सकते हैं और यहां तक कि खाना भी मंगवा सकते हैं.
भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े काफी स्टार्टअप खुले हैं, लेकिन उनकी उपयोगिता पर सवाल खड़े होते रहे हैं. मुख्य कारण उनकी तकनीकी कमी और उनके सतही उपयोग पर है. जैसे हेल्पचैट नामक स्टार्टअप ने दावा किया था कि वह 500 बड़े ब्रांड के कॉल सेंटर चलायेगा और इस कॉल सेंटर को चैट बॉट चलायेंगे. यह बड़ा कदम था, क्योंकि इससे ग्राहक सुविधा का खर्च कम हो जाता. छह महीने बाद भी ऐसा नहीं कर पाया है, क्योंकि इसके बॉट लोगों की परेशानियों का समाधान तेजी से करना सीख नहीं पाये हैं. अगर आप इस से जुड़ा स्टार्टअप खोलना चाहते हैं, तो आपको आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस तकनीक की जानकारी और प्रोग्रामिंग सीखनी होगी.
कामयाब नहीं हो सकता ऑनलाइन फार्मेसी कारोबार
– मैं फार्मेसी का काम करता हूं. कई वेबसाइट ग्राहकों को दवाओं पर अच्छे डिस्काउंट मुहैया करा रही हैं. ऐसे में अपने कारोबार को कैसे कायम रखा जा सकता है? -खुशबू कुमारी, मुजफ्फरपुर
देखिये ऑनलाइन फार्मेसी की कानूनी वैधता पर काफी सवाल उठ रहे हैं. इसका मुख्य कारण इस व्यापार से जुड़ी संवेदनशीलता और गुणवत्ता और दवा बेचनेवाले की तकनीकी जानकारी की आवश्यकता है. इसलिए ऑनलाइन दवा बेचनेवाली वेबसाइट प्रिस्क्रिप्शन वाली दवा नहीं बेच सकती हैं. कुछ वेबसाइट खुद दवा नहीं बेचती, बल्कि केमिस्ट अपनी दवाओं की लिस्टिंग करते हैं और लोग उन केमिस्ट से दवा खरीदते हैं. ये भी प्रिस्क्रिप्शन वाली दवा के लिए मुश्किल है, क्योंकि ऐसी दवाएं ऑनलाइन मंगाने के लिए आपको प्रिस्क्रिप्शन अपलोड करना पड़ता है और पूरी प्रक्रिया काफी लंबी हो जाती है. इसीलिए ज्यादातर लोग अभी भी साधारण दुकानों से ही अपनी दवाइयां खरीदते हैं. यही कारण है कि ऑनलाइन दवाएं बेचनेवाली काफी वेबसाइट अब बंद हो रही हैं. यह व्यापार ऑनलाइन सफल नहीं हुआ है. ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है. व्यापार बढ़ाने पर ध्यान दें और मुनाफे का ख्याल रखते हुए ही ग्राहक को डिस्काउंट दें.
आसान नहीं अखबारों की रद्दी खरीदने-बेचने का कारोबार
– ओएलएक्स जैसे सिस्टम पर आधारित क्या अखबारों की रद्दी को प्रत्येक घर से खरीदने का कारोबार शुरू किया जा सकता है?
-रौशन कुशवाहा, भिट्ठामोड़
एक अच्छा मॉडल है, लेकिन उनकी कमाई का जरिया खरीद-बेच की प्रक्रिया नहीं है. चूंकि वे बस पुराने सामान को लिस्ट करते हैं, इसलिए खरीदने और बेचने में उनकी कोई भूमिका नहीं होती. उनकी आमदनी विज्ञापन और अकाउंट बेचने से होती है. आप जिस काम को करना चाह रहे हैं, वह पूरे तरीके से कबाड़ी का काम है, जिसके लिए वेबसाइट के अलावा आपको और सुविधाएं भी जुटानी होगी. सबसे पहले तो आपको कबाड़ खपाने की सुविधा मतलब एक सॉर्टिंग फैसिलिटी बनानी होगी, जहां आप काम के कबाड़ को खराब कबाड़ से अलग करेंगे. इस प्रक्रिया के लिए आपको सरकार से लाइसेंस भी जुटाना पड़ सकता है. साथ ही खराब कबाड़ आपको जमीन में दफनाना पड़ेगा, जिसके लिए आपको सरकारी कबाड़ मंडी में माल पहुंचाने का बंदोबस्त करना पड़ सकता है. इसके बाद आपको काम के कबाड़ को अलग-अलग लोगों तक बेचने का साधन बनाना पड़ेगा. जैसे अखबार पेपर मिल या लकड़ी-लुगदी के काम में इस्तेमाल हो जाते हैं, जबकि बोतलें और तार फैक्टरी में जाते हैं. पूरा नेटवर्क बनने के बाद आप आगे से माल उठाने के लिए वेबसाइट खोल सकते हैं. दिल्ली और मुंबई में ऐसे काफी स्टार्टअप खुले हैं, जो इस कारोबार में जुटे हैं. हां, कुछ पुराने बड़े कबाड़ी भी आजकल ऑनलाइन आ गये हैं और चूंकि उनके पास अनुभव है, इसलिए वे इसे बेहतर तरीके से कर रहे हैं.
मार्केटिंग वेबसाइट से जुड़ कर कर सकते हैं अच्छी कमाई
– मेरा भागलपुरी सिल्क का पुश्तैनी काम है. पिछले कुछ सालों से मैं अपना माल बाहर के राज्यों में भी बेचना चाहता हूं, लेकिन मेरे पास दुकानों तक माल भेजने और मार्केटिंग की पूंजी नहीं है. क्या मैं यह दूसरे किसी तरीके से कर सकता हूं? – उमेश कुमार, मुंगेर
आजकल पुराने कारीगर और काश्तकार ऑनलाइन अपना सामान बेच कर काफी मुनाफा कमा रहे हैं. आपको अपनी वेबसाइट बनाने की जरूरत नहीं है.
आप अपनी माल की मार्केटिंग मिन्त्रा, जबोंग, फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी साइट पर कर सकते हैं. माल लाने ले जाने की सुविधा ये कंपनियां ही देती हैं. काफी कम खर्च में आप मार्केटिंग कर सकते हैं. मैं टसर सिल्क के एक पुराने कारीगर को जानता हूूं, जिसने तीन सालों में अपना कारोबार 15 लाख से चार करोड़ पहुंचा दिया. आपको बस अपने माल की अच्छी फोटो और पैकेजिंग करनी होगी. ये वेबसाइट आपको मार्केटिंग की ट्रेनिंग भी दे सकती हैं.

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