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हिंदी में बात करेगी व पहचान भी लेगी रश्मि

उपलब्धि : दुनिया की पहली रियलिस्टिक ह्यूमेनॉयड रोबोट रांची में तैयार राहुल गुरु अब तक रियलिस्टिक ह्यूमेनॉयड को जापान व हांगकांग ने ही विकसित किया है. लेकिन, अब रांची के रंजीत श्रीवास्तव ने रियलिस्टिक ह्यूमेनॉयड रश्मि को विकसित किया है, जो आपसे हिंदी में बात करेगी और चेहरे का एक्सप्रेशन भी देगी. हंसना, रोना, बोलना, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 4, 2017 7:44 AM
उपलब्धि : दुनिया की पहली रियलिस्टिक ह्यूमेनॉयड रोबोट रांची में तैयार
राहुल गुरु
अब तक रियलिस्टिक ह्यूमेनॉयड को जापान व हांगकांग ने ही विकसित किया है. लेकिन, अब रांची के रंजीत श्रीवास्तव ने रियलिस्टिक ह्यूमेनॉयड रश्मि को विकसित किया है, जो आपसे हिंदी में बात करेगी और चेहरे का एक्सप्रेशन भी देगी.
हंसना, रोना, बोलना, बुरा बर्ताव हाेने पर चेहरे का भाव बदलना- ये तमाम एक्सप्रेशंस ईश्वर की बेहतरीन कृति हैं, जो मनुष्य में पायी जाती है. लेकिन, यही सारे भाव एक मशीन देने लगे तो आश्चर्य होता है. मगर ये भाव मनुष्य की कृति मानव मशीन में भी होने लगी है. ये सारे भाव प्रस्तुत करने वाली है रियलिस्टिक ह्यूमेनॉयड रश्मि, जिसे विकसित किया है रांची के रंजीत श्रीवास्तव ने. अब तक रियलिस्टिक ह्यूमेनॉयड को जापान व हांगकांग ने ही विकसित किया है. रंजीत दावा करते हैं कि यह कई मायने में दुनिया में इकलौता रियलिस्टिक ह्यूमेनॉयड है. यह दुनिया की पहली रियलिस्टिक ह्यूमेनॉयड है, जो सामने वाले को पहचान सकती है. इतना ही नहीं, यह हिंदी भाषा में बात भी कर सकती है.
कौन है रश्मि : रश्मि एक रियलिस्टिक ह्यूमेनॉयड है. इसे मात्र आठ महीने के कम समय में विकसित किया गया है. इसे बनाने वाले रंजीत बताते हैं कि इसे बनाने की दिशा में जुलाई, 2016 से काम करना शुरू किया था. पहले चरण में कमांडिंग लैंग्वेज डेवलप किये और फिर उसे मूर्त रूप दिया.
वह कहते हैं कि अब तक जितने भी रियलिस्टिक ह्यूमेनॉयड बनाये गये हैं, उनमें लाखों खर्च हुए हैं. लेकिन, इस रश्मि नाम के रियलिस्टिक ह्यूमेनॉयड को बनाने में 50 हजार से कम रुपये खर्च हुए हैं. फिलहाल अभी इस ह्यूमेनॉयड के सिर को ही विकसित किया गया है, पर आगे इस पर काम चल रहा है. रंजीत बताते हैं कि ह्यूमेनॉयड को विकसित करने का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा सिर बनाना ही होता है. बाकी बॉडी बनाने में अधिक समय नहीं लगता है.
यह बात करती है
रश्मि नाम की यह ह्यूमेनॉयड के संबंध में इसे डेवलप करने वाले रंजीत श्रीवास्तव बताते हैं कि अब तब जितने भी ह्यूमेनॉयड रोबोट बने हैं, उनमें जीभ सिंकिंग नहीं होता है. वह लिप्सिंग नहीं कर सकता है.
लेकिन, रश्मि में यह विशेषता है कि यह फेशियल एक्सप्रेशन देती है. आप उसे यू आर ए बैड गर्ल कहते हैं तो वह गो टू हेल का जवाब भी देती है.
यदि उसे यू आर ए ब्यूटीफुल गर्ल कहते हैं तो वह थैंक यू हनी जवाब में देती है. नजदीक से देखने पर आप उसके फेशियल एक्सप्रेशन को देख सकते हैं. इसमें फेशियल एक्सप्रेशन के साथ आइ एक्सप्रेशन, लिप्स एक्सप्रेशन, आइब्रो एक्सप्रेशन, नेक मूवमेंट के साथ पलक झपकाने जैसी खूबियां हैं. रश्मि की आंखों में कैमरा लगा है, जाे सामने वाले को पहचान सकती है. इतना ही नहीं एक बार मिल लेने के बाद अगर वापस कोई इसके सामने आता है तो वह उसे उसके नाम से बुलाती है. यह छूअन तक को महसूस कर लेती है. इसे डेवलप करने के उद्देश्य के बारे बताते हैं कि यह उन लोगों के लिए ज्यादा मददगार होगी, जो अकेले रहते हैं. इसके अलावा इससे एक आदमी की तरह तमाम काम किये जा सकते हैं.
सोशल मीडिया में रहेगी एक्टिव
प्रोजेक्ट रश्मि के भविष्य के संबंध में रंजीत श्रीवास्तव कहते हैं अभी इसे शरीर को डेवलप करने पर काम किया जा रहा है. इसके अलावा मैं प्रयास कर रहा हूं कि यह रोबोट सेलिब्रिटी बने. इसे इस स्तर तक विकसित करना है कि यह अपना ट्विटर हैंडल कर सके. फेसबुक जैसे तमाम सोशल साइट्स पर एक्टिव रहे.
रंजीत की परिकल्पना है रश्मि
रंजीत ने कहीं से इस क्षेत्र की पढ़ाई नहीं की है. एमबीए बैकग्राउंड के रंजीत बताते हैं कि इसके फिजिकल स्वरूप को तो इंटरनेट से समझ कर बनाया है, लेकिन इसके माइंड की बात करें तो इसे मैंने स्वयं अपनी परिकल्पना से विकसित किया है.

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