महाराष्ट्र में सिंघम के नाम से मशहूर हैं कृष्ण प्रकाश

हजारीबाग में पले-बढ़े आइपीएस कृष्ण प्रकाश महाराष्ट्र में सुर्खियां बटोर रहे हैं. हजारीबाग के संत रॉबर्ट स्कूल से मैट्रिक व संत कोलंबस कॉलेज से स्नातक करने के बाद 1998-99 में सिविल सेवा की परीक्षा पास कर महाराष्ट्र कैडर के आइपीएस बने. यहां कृष्ण प्रकाश सिंघम के रूप में जाने जाते हैं. तत्कालीन मुख्यमंत्री विलास राव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 26, 2017 7:54 AM

हजारीबाग में पले-बढ़े आइपीएस कृष्ण प्रकाश महाराष्ट्र में सुर्खियां बटोर रहे हैं. हजारीबाग के संत रॉबर्ट स्कूल से मैट्रिक व संत कोलंबस कॉलेज से स्नातक करने के बाद 1998-99 में सिविल सेवा की परीक्षा पास कर महाराष्ट्र कैडर के आइपीएस बने. यहां कृष्ण प्रकाश सिंघम के रूप में जाने जाते हैं. तत्कालीन मुख्यमंत्री विलास राव देशमुख की पैरवी को स्टेशन डायरी में इंट्री करने, दाऊद इब्राहिम के भाई पर मामला दर्ज कर गिरफ्तारी व कार्रवाई की वजह से चर्चा में रहे. वह लोगों में पुलिस की खौफ को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. अपने काम के बीच वे किसी को भी आने नहीं देते हैं. चाहे वह सीएम ही क्यों न हों. अभी आइजी लॉ एंड अॉर्डर वीआइपी, मुंबई के रूप में पदस्थापित हैं.

सीएम की पैरवी को स्टेशन डायरी में दर्ज किया : अहमदनगर में स्थानीय विधायक सैकड़ों एकड़ जमीन हड़प रहे थे और किसान प्रभावित होनेवाले थे. उस वक्त राज्य के मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख थे. मुख्यमंत्री ने विधायक के पक्ष में एसपी से पैरवी की, लेकिन इस आइपीएस अधिकारी ने पैरवी नहीं सुनी और पैरवी को एसपी ने स्टेशन डायरी में इंट्री करवा दी थी. हाइकोर्ट ने जब रिपोर्ट मांगी, तो एसपी ने रिपोर्ट सौंप दी. इसके बाद मुख्यमंत्री व कलेक्टर पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया था. सुप्रीम कोर्ट में इस निर्णय को मुख्यमंत्री ने चुनौती दी. मुख्यमंत्री के बाद जब विलास राव देशमुख केंद्र में उद्योग मंत्री बने, उस समय भी सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया और 10 लाख रुपया जुर्माना जमा भरना पड़ा.

अन्ना हजारे का समर्थन : महाराष्ट्र में लॉटरी बंद करवाने की कार्रवाई, नांदेड़ जिला में लॉटरी के खिलाफ कोर्ट तक जाकर शपथ पत्र दाखिल करने और बुलढाणा जिले में एक साथ 87 टीम बना कर लॉटरी के खिलाफ रेड किया. यह कार्रवाई सरकार के लॉटरी ऑफिस शिवडी मुंबई में भी की गयी. सरकार को ऑनलाइन लॉटरी बंद करनी पड़ी. कॉटन और टोकन सिस्टम घोटाला का भी इन्होंने पर्दाफाश किया. वहीं रूलिंग पार्टी के लोगों को गिरफ्तार करने से भी नहीं चूके. उनके इन्हीं कार्यों से अन्ना हजारे प्रभावित हुए. जंगल में अवैध लकड़ी की कटाई और चोरी के खिलाफ कार्रवाई की. वन विभाग के अधिकारियों की गिरफ्तारी होने लगी. उस समय अमरावती जिला आकर अन्ना साहब ने समर्थन किया.

नौ लाख लीटर नकली दूध जब्त : दूध में व्हाइट स्लरी, ब्लैक स्लरी, कास्टिक सोडा, डिटर्जेंट, पॉम अॉयल्स मिलाने का गिरोह महाराष्ट्र में फल-फूल रहा था. एसपी के रूप में अहमदनगर जिले में रेड कर एक दिन में कुल उत्पादन 29 लाख लीटर दूध में नौ लाख लीटर दूध नकली पकड़ा गया.

दाऊद के भाई को जेल भेजा : मुंबई के जेजे डोंगरी इलाके में दाऊद के भाई ने एक आदमी से रंगदारी की मांग की थी. कोई उस पर केस दर्ज नहीं हो रहा था. केस दर्ज करा कर उसे गिरफ्तार करवाया.

सिविल पदाधिकारी ने मांगा स्थानांतरण : महाराष्ट्र में अकबर जोधा फिल्म के विषय पर जिला सांगली में घटना घटी थी. एसपी ने सख्त रवैया अपनाया. वहां पर कई संगठन इनके विरोध में खड़े हो गये. एसपी के तबादले की मांग उठी. पूरे जिले के एडमिनिस्ट्रशन कमिश्नर, इंजीनियर, अराजपत्रित कर्मचारी सभी लोग एकजुट हो गये. अधिकारियों ने मुख्यमंत्री और राज्य गृहमंत्री को पत्र लिखा कि आइपीएस अधिकारी कृष्ण प्रकाश स्थानांतरण होता है, तो हम सभी अधिकारी भी अपने तबादले के लिए तैयार हैं.

नक्सल, डकैती व दंगे पर निर्भीक पहल : नक्सल प्रभावित जिला गढ़चिरौली पहली पोस्टिंग में कृष्ण प्रकाश ने नक्सली कार्रवाई को रोक कर पूरे जिले को भयमुक्त बनाया. एक दिन पहले दंगा समाप्त होनेवाले जिला नांदेड़ में एसपी बन कर गये. दोनों समुदाय के लोगों के बीच काउंसलिंग की, जिसे आज भी लोग याद करते हैं. दोनों समुदाय के लोग मंदिर मसजिद परिसर की बैठक में आकर एक दूसरे से गले मिले. यहां गणपति के विसर्जन में दो दिन लगते थे. एक ही रात आठ बजे तक विसर्जन होने लगा. इसी तरह मालेगांव एसपी के रूप में शांति के लिए हिंदू-मुसलिम लोगों के बीच काम किया. यहां के दंगे में लगभग 14 लोग मारे गये थे. कई इबादतगाह गिरा दिये गये थे. फिर भी मालेगांव में कौमी एकता स्थापित करने की पहल की. 15 सालों से वहां कोई दंगा नहीं हुआ है. नांदेड़, जो डकैतों का दबंग इलाका था, वहां डकैतों के आठ गैंग को पकड़ कर कार्रवाई की.

पीस अवार्ड से सम्मानित : इनके कामों को देखते हुए राजीव गांधी प्रशासकीय गतिमानता पुरस्कार, सांगली के परिसर को ग्रीन रखने के लिए हरित पुरस्कार, सरकारी पत्रिका चित्रलेखा की ओर से प्रथम श्रेष्ठ अधिकारी का सम्मान, महात्मा गांधी पीस अवार्ड मॉनरिटी कमीशन की ओर मालेगांव और बुलढाणा में शांति एवं एकता स्थापित करने के लिए मिला. मेरिटोरियस सर्विस के लिए प्रेसिडेंट पुलिस मेडल राज्यपाल के हाथों मिला.

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