साहिबगंज में पीएम : आप एक कदम बढ़ें, देश सवा सौ करोड़ कदम बढ़ेगा

साहिबगंज-मनिहारी गंगा पुल व मल्टी टर्मिनल पोर्ट के शिलान्यास कर जनता से की अपील साहिबगंज : गंगापुल व अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह के शिलान्यास के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपील की कि भारत के विकास के लिए सबको एक कदम बढ़ना होगा. कहा आप एक कदम बढ़ेंगे तो ‘हम’ सवा सौ करोड़ कदम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 7, 2017 6:02 AM
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साहिबगंज-मनिहारी गंगा पुल व मल्टी टर्मिनल पोर्ट के शिलान्यास कर जनता से की अपील

साहिबगंज : गंगापुल व अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह के शिलान्यास के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों से अपील की कि भारत के विकास के लिए सबको एक कदम बढ़ना होगा. कहा आप एक कदम बढ़ेंगे तो ‘हम’ सवा सौ करोड़ कदम बढ़ेंगे. 2022 में नये भारत का सपना को लेकर अभी से तैयार हो जायें. उन्होंने हर्ष व्यक्त किया कि विकास की मुख्य धारा से पहाड़िया समुदाय जुड़ रहे हैं. मंच से ही उन्होंने इस बाबत रघुवर सरकार की पीठ थपथपाई. कहा हिन्दुस्तान का गरीब व आदिवासी भी सम्मान की जिंदगी जीना चाहता है. जरूरत है इन्हें मौका देने की. कहा वह दिन दूर नहीं जब साहिबगंज से सीधा बंगाल की खाड़ी तक जहाज चलेगी. उन्होंने कहा कि अब तक जीया है देश के लिए जब तक सांस रहेगी देश के लिए ही जीऊंगा.

साहिबगंज जिले में गंगा तट के 78 गांवों में तुलसी की बगिया लगेगी. वन विभाग ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है. शकुंतला घाट पर कई तुलसी के पौधे लगाये जा चुके हैं. साथ ही प्रधानमंत्री की प्लानिंग है कि तुलसी के साथ-साथ गंगा तट पर अन्य औषधीय पौधों को लगाया जाये. जिले के साहिबगंज, राजमहल, उधवा एवं तालझारी प्रखंड में गंगातट के 78 गांवों में भू संरक्षण एवं वनरोपण योजना पर काम कराया जा रहा है.

इन मायने में प्रमुख होगा गंगा पुल व बंदरगाह

झारखंड गंगा पुल व अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग के सहारे भूटान, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार सहित भारत के कई देशों से व्यापार के मामलों में सीधा जुड़ जायेगा. यहां के आर्थिक विकास का द्वार खुल जायेगा.

वर्ष 1984 में नौका दुर्घटना में 80 लोगों के डूबने के बाद गंगा में पानी घटने पर स्टीमर का परिचालन बंद कर दिया जाता है. पुल बनने के बाद लोगों को इ, तरह की परेशानी नहीं होगी.

साहिबगंज से मनिहारी की दूरी मात्र 10 किमी है, हाल के दिनों में लोगों को मनिहारी जाने में दो घंटे का समय लग जाता है. पुल बनने के बाद लोग मिनटों में पहुंच जायेंगे.

साहिबगंज के पर्यटन स्थलों पर देश- विदेश के पर्यटकों को आने और यहां ठहरने में लोगों को काफी परेशानी होती है. पुल बनने व स्मार्ट सिटी बनने के बाद ना तो आने-जाने में दिक्कत होगी ना तो यहां रहने में परेशानी होगी.

साहिबगंज जिले में टूरिज्म सेंटर स्थापित किया जायेगा. इनसे इलाके में रोजगार के कई अवसर विकसित होंगे. आर्थिक रूप से इलाका समृद्ध होगा.

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आदिवासी होने के कारण मेरी उपेक्षा : विजय

साहिबगंज . इधर, राजमहल सांसद विजय हांसदा ने कहा कि प्रधानमंत्री के मंच से मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया, जबकि मैं यहां का स्थानीय सांसद हूं. सरकार ने आदिवासी सांसद होने के कारण मेरी उपेक्षा की, जबकि स्थानीय विधायक को धन्यवाद ज्ञापन का अवसर दिया गया. सांसद हांसदा ने कहा कि आज गंगापुल का शिलान्यास होने से उनके पिता को आत्मा की शांति मिली होगी. जब उनके पिता स्व थॉमस हांसदा सांसद/ विधायक थे. इस पुल के निर्माण के लिए आवाज उठायी थी. अभी भी सरकार ने अधूरा काम का शिलान्यास किया है. सड़क के साथ-साथ रेलवे का पुल बनता, तो लोगों को और फायदा होता.

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झारखंड के विकास का इंजन बनेगा मल्टी मॉडल टर्मिनल : नितिन गडकरी

झारखंड सरकार जगह दें, तो साहिबगंज को स्मार्ट सिटी बनायेंगे

साहिबगंज : समारोह में केंद्रीय सड़क, परिवहन, राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि साहिबगंज में हिंदुस्तान के इतिहास में दो राज्यों का सबसे बड़ा पुल बन रहा है. इससे नॉर्थ इस्ट के लिए नया द्वार खुलेगा. यह पुल पूर्व और पश्चिम कोरिडोर वाला ब्रिज नहीं दो राज्यों के दिलों को जोड़ने वाला ब्रिज है. श्री गडकरी ने कहा कि मनिहारी बाइपास इसी का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में जलमार्ग का हमलोग विकास कर रहे हैं. इसके तहत बंदरगाह, रेल मार्ग, सड़क मार्ग एवं मल्टी मॉडल टर्मिनल बन रहे हैं. यह टर्मिनल झारखंड के विकास का इंजन बनने वाला है. उन्होंने कहा कि साहिबगंज में उच्च स्तरीय ट्रांसपोर्ट सिस्टम से उद्योग और व्यवसाय को बढ़ावा मिलेगा. साहिबगंज के इन योजनाओं से 45 हजार प्रत्यक्ष और 90 हजार अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा.

श्री गडकरी ने मुख्यमंत्री रघुवर से कहा कि झारखंड में सरकार जगह दें, हम साहिबगंज को स्मार्ट सिटी बनाने को तैयार है. उन्होंने कहा कि देश में जलमार्ग को बढ़ावा देने के लिए 40 रिवर पोर्ट बना रहे हैं.

हवाई जहाज के लिए रिवर इनफोर्मेशन सिस्टम शुरू किया जा रहा है, 250 करोड़ इस पर खर्च हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि हल्दिया, फरक्का, पटना तक काम लगभग पूरा हो गया है. इससे पर्यटन विकास को बढ़ावा मिलेगा. वहीं कारगो प्लांट की स्थापना से रोजगार के नये अवसर मिलेंगे. इसके अलावा 40 छोटे-छोटे टर्मिनल गंगा कि किनारे बनाये जा रहे हैं. जहाज के रोरो क्रॉसिंग सिस्टम शुरू किया जा रहा है. इसके अलावा पानी पर फेरी सर्विज पटना, हलदिया, कोलकाता में शुरू किया जा रहा है. इससे नेपाल और अन्य देशों में माल भेजने में आसानी होगी. श्री गडकरी ने कहा कि पानी पर बस चलाने की भी योजना पर काम हो रहा है. इसके पूर्व मंत्री लोइस मरांडी ने प्रधानमंत्री सहित अन्य अतिथियों का स्वागत किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को पुलिस लाइन मैदान में अयोजित समारोह में 2266 करोड़ की लागत से बनने वाले 21.9 किमी लंबी फोर लेन पुल और मल्टी मॉडल टर्मिनल का आधारशिला रखी. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने 311 किमी गोविंदपुर-साहिबगंज पथ का लोकार्पण, सिविल कोर्ट एवं सदर अस्पताल में सोलर पावर सुविधा का उदघाटन किया. इस दौरान उन्होंने झारखंड सरकार की दो महत्वपूर्ण योजना का शुभारंभ किया. इसमें एक लाख सखी मंडल सदस्यों को मोबाइल स्मार्ट फोन और नवनियुक्त पहाड़िया विशेष बटालियन के युवक-युवतियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया. 54 करोड़ की लागत से साहिबगंज में डेयरी उद्योग का भी शिलान्यास किया.

विदेशों से जुड़ जायेगा साहिबगंज

प्रधानमंत्री ने 22.885 किमी लंबे गंगा पुल व अंतरराष्ट्रीय बंदरगाह का शिलान्यास कर दिया है. अब वह दिन दूर नहीं जब साहिबगंज शहर विदेशों से सीधे जुड़ जायेगा. झारखंड के आिर्थक विकास की गाथा साहिबगंज से गढ़ी जायेगी. लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे. साहिबगंज से बिहार के मनिहारी तक बननेवाला यह गंगा पुल कई मायने में महत्वपूर्ण है. 22 मीटर चौड़े पीलर के सहारे यह टिकेगा. इस पीलर के लिए सरकार ने 60 मीटर चौड़ी जमीन का अधिग्रहण किया है. कोलकाता की निवेदिता पुल की तर्ज पर इसे बनाया जायेगा. लोहे की रस्सी के सहारे लटकता यह पुल दिखेगा. बता दें कि 1954 में देश के विख्यात इंजीनियर डॉ विश्वेश्वरैया ने इस पुल के लिए सर्वेक्षण किया था.

बात वर्ष 1954 की है. उस समय देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू थे. पंडित नेहरू ने पूर्वोत्तर इलाके में गंगा पुल निर्माण के लिए सर्वेक्षण का कार्य देश सुविख्यात अभियंता डॉ विश्वेश्वरैया को सौंपा. विश्वेश्वरैया ने पुल को साहिबगंज से मनिहारी तक बनवाने की रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी. लेकिन उनकी रिपोर्ट राजनीति की शिकार हो गयी. सरकार ने साहिबगंज को नजरअंदाज कर वर्ष 1971 में पश्चिम बंगाल के फरक्का पर गंगा पुल का निर्माण करा दिया. अटल बिहारी वाजपेयी जब देश के प्रधानमंत्री बने तभी से इस पर पुल निर्माण की बात छिड़ी. उनका मानना था कि यदि यह पुल बन जाता है, तो बिहार, बंगाल व झारखंड का इलाका कई देशों से जुड़ जायेगा. आर्थिक विकास का बड़ा द्वार खुल जायेगा.

यह गंगापुल बन जाने के बाद सड़क मार्ग से सीधे म्यांमार व इंडोनेशिया जाया जा सकता है. गोविंदपुर साहिबगंज हाइवे एनएच 31 इस पुल से जुड़ जायेगा. यह सड़क सिलीगुड़ी के एशियन हाइवे से जुड़ जायेगा, जो म्यांमार व इंडोनेशिया तक सीधे जाता है. साहिबगंज के समदा घाट पर विशाल बंदरगाह बनेगा, जो व्यापार के मामले में झारखंड को विदेशों से जोड़ेगा.

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