दोस्त की आत्महत्या ने झकझोरा : अररिया की बेटी बेंगलुरु में चला रही वेब पोर्टल
मानसिक तनाव के समाधान के लिए बनाया प्लेटफॉर्म अररिया से जितेंद्र जब ऋचा आइआइटी गुवाहाटी की छात्रा थी, तो उसके एक दोस्त ने इस भय से सुसाइड कर लिया था कि उसे अच्छा प्लेसमेंट नहीं मिलेगा. इस एक घटना ने उसे जिंदगी का मकसद दे दिया. उसने एक वेबपोर्टल के जरिये मानसिक समस्याओं से ग्रस्त […]
मानसिक तनाव के समाधान के लिए बनाया प्लेटफॉर्म
अररिया से जितेंद्र
जब ऋचा आइआइटी गुवाहाटी की छात्रा थी, तो उसके एक दोस्त ने इस भय से सुसाइड कर लिया था कि उसे अच्छा प्लेसमेंट नहीं मिलेगा. इस एक घटना ने उसे जिंदगी का मकसद दे दिया. उसने एक वेबपोर्टल के जरिये मानसिक समस्याओं से ग्रस्त अथवा डिप्रेशन में जा चुके लोगों को ऑनलाइन काउंसेलिंग शुरू की. पढ़िए एक रिपोर्ट.
आइआइटी गुवाहाटी से बीटेक ऋचा सिंह आज न तो रोजगार के लिए मोहताज है और न ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान के लिए. वह वेब पोर्टल योर दोस्त के माध्यम से दस लाख लोगों को मानसिक समस्याओं व अवसाद से मुक्त कर चुकी है. उसने एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार कर दिया है, जिससे हर दिन आठ सौ लोगों को 350 एक्सपर्ट के माध्यम से उनकी समस्याओं का समाधान हो रहा है. अररिया जिले के सुदूरवर्ती गांव पटेगना में उसके बड़े पापा उमानाथ सिंह व उसके चाचा पवित्र कुमार सिंह आज उसकी सफलता पर फूले नहीं समाते. श्री सिंह कहते हैं- ऋचा के पिता नरेंद्र कुमार सिंह ने पटेगना पलासी हाइस्कूल से दसवीं पास किया और बाद की पढ़ाई के लिए ग्वालियर चले गये.
इसके बाद वे सहायक अभियंता के पद पर मध्य प्रदेश सरकार में नौकरी करने लगे. ऋचा की मां गौरी सिंह अररिया कॉलेज में प्राध्यापक थीं. बाद में मप्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करने के बाद भोपाल में अधिकारी हो गयीं. ऋचा भोपाल में ही पली और बढ़ी. उसकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा भोपाल में ही हुई. ऋचा के पिता नरेंद्र कुमार सिंह बताते हैं कि वह बचपन से ही मेधावी थी.
वर्ष 2003 में दसवीं व 2005 में 12वीं की परीक्षा सेंट मेरी कॉन्वेंट स्कूल भोपाल से पास की. 12वीं की परीक्षा में उसने 97 प्रतिशत अंक लाया. इसके बाद उसने आइआइटी गुवाहाटी से वर्ष 2009 में बीटेक किया. 2009 में ही उसे कैंपस प्लेसमेंट के तहत डीइ शॉ मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी मिल गयी. उसकी पोस्टिंग हैदराबाद में मिली. लेकिन वहां से उसने जल्दी ही रिजाइन कर दिया और 2011 में बेंगलुरु में वेबफ्लूएंज कंपनी में अच्छे पैकेज पर नौकरी ज्वाइन कर लिया, लेकिन उसका मन यहां नहीं लगा. आखिर 2014 में उसने अपनी कंपनी योर दोस्त डॉट कॉम स्टार्ट की.
इसके बाद वह लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ती जा रही हैं. 2015 में न्यूयॉर्क टाइम्स ने भारत की 15 वैसी महिला उद्यमियों में से एक माना जो नये तरह के उद्योग को लेकर उभर रही थीं. इसके बाद प्राची गर्ग ने भी अपनी पुस्तक भारत की 20 सुपर वूमेन में ऋचा को जगह दी. अभी हाल ही में फोर्ब्स ने भी अपने अंडर 30 ऑफ एशिया में तीन भारतीय महिलाओं को जगह दी है.
इसमें फिल्म अभिनेत्री आलिया भट्ट, एथलीट दीपा कर्माकर व उभरती उद्यमी ऋृचा सिंह के नाम शामिल हैं. स्टार्टअप इंडिया के तहत उसे अपने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए अभी हाल ही में सैफ से 1.2 मिलियन डॉलर फंडिंग की गयी है.
क्या है योर दोस्त : योर दोस्त एक वेब पोर्टल है, जहां मानसिक समस्याओं से ग्रस्त अथवा डिप्रेशन में जा चुके लोगों को ऑन लाइन काउंसेलिंग की जाती है. यहां 350 से अधिक एक्सपर्ट व साइकोलॉजिस्ट ऑन लाइन उनकी समस्याओं का समाधान करते हुए दुनिया से निराश लोगों को मॉटिवेट करते हैं. प्रतिदिन 800 से अधिक लोगों को सेवा दी जाती है. इसका मुख्यालय बेंगलुरु में है.
साथी की आत्महत्या ने दी वेब पोर्टल बनाने की प्रेरणा : बकौल ऋचा जब वह आइआइटी गुवाहाटी की छात्रा थी,तो उसके एक दोस्त ने इस भय से सुसाइड कर लिया था कि उसे अच्छा प्लेसमेंट नहीं मिलेगा.
वह कहती हैं कि अपनी पढ़ाई के दौरान मैंने कई बार इस तरह की घटनाओं को देखा था, जिसे नजदीक से समझने का प्रयास करने लगी कि आखिर लोग इस तरह की घटना के लिए मजबूर क्यों हो जाते हैं. इन सबको देखते हुए उन्होंने एक हजार लोगों पर रिसर्च किया और छह सालों तक लोगों की समस्या को समझने के साथ-साथ एक्सपर्ट को अपने साथ जोड़ती गयी. इसके बाद उसने अपने मित्र पुनीत मनुजा के साथ योर दोस्त वेब पोर्टल बना कर एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार किया, जहां लोग अपनी समस्याएं खुल कर सामने रख सकते हैं.
इसके माध्यम से अब तक दस लाख से ज्यादा केस का समाधान किया चुका है. एक्सपर्ट से चैट, ऑनलाइन कॉल या वीडियो कॉल के जरिये संपर्क किया जा सकता है. आज योर दोस्त वेब पोर्टल को स्टार्ट अप इंडिया के तहत मान्यता भी मिल गयी है और उसे सेफ पार्टनर्स जिसमें फ्लिपकार्ट भी शामिल है से आठ करोड़ रुपये की फंडिंग की गयी है.
इसके साथ ही इस वर्ष ऋचा सिंह को भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग की ओर से वैसे दस नये उद्यमियों को चुना गया जो अपने अपने क्षेत्र में बेहतर काम कर रहे हैं. इनमें ऋचा सिंह भी शामिल हैं. उन्हें भारत सरकार की ओर से यूएसए के सिलिकन वैली भेजा गया. इसके अलावा उन्हें विश्व की वुमेन मीट में भारत की ओर से इमर्जिंग लीडर्स के रूप में भाग लेने का मौका मिला.