कारोबार के स्वरूप को कैसे बदल रही डिजिटल तकनीक
दुनियाभर में तकरीबन सभी उद्योगों में डिजिटल तकनीक का कमोबेश इस्तेमाल होने लगा है. आनेवाले समय में यह कारोबार के ऑपरेटिंग मॉडल और उसके आंतरिक स्वरूप में बहुत बड़ा बदलाव लाने में सक्षम हो सकता है. हालांकि, इसकी शुरुआत हो चुकी है, लेकिन अलग-अलग उद्योगों में इसका प्रभाव विभिन्न तरीके से प्रदर्शित हो रहा है. […]
दुनियाभर में तकरीबन सभी उद्योगों में डिजिटल तकनीक का कमोबेश इस्तेमाल होने लगा है. आनेवाले समय में यह कारोबार के ऑपरेटिंग मॉडल और उसके आंतरिक स्वरूप में बहुत बड़ा बदलाव लाने में सक्षम हो सकता है. हालांकि, इसकी शुरुआत हो चुकी है, लेकिन अलग-अलग उद्योगों में इसका प्रभाव विभिन्न तरीके से प्रदर्शित हो रहा है. विविध उद्यमों व कामगारों को अपनी प्रासंगिकता बनाये रखने के लिए समय रहते इस बदलाव को समझना और उसके मुताबिक स्वयं को तैयार करना होगा. डिजिटल तकनीकों से कैसे बदल रहा है कारोबार का स्वरूप और इससे संबंधित कुछ अन्य पहलुओं को रेखांकित कर रहा है आज का साइंस टेक्नोलॉजी पेज …
कारोबार के स्वरूप को कैसे बदल रही डिजिटल तकनीक
किसी भी कारोबार के लिए ऑपरेटिंग मॉडल बहुत ही सरल है : ‘संगठन को उत्पादकता बढ़ाने, खर्चों को कम करने और उपभोक्ताओं को खुश रखने की जरूरत होती है.’
इस मॉडल को बनाये रखने का तरीका पिछले कुछ वर्षों में बदल गया है. गोपनीय कारोबारी जानकारियों को कागजी दस्तावेजों के रूप में सुरक्षित कक्षों में रखा जाता है, लेकिन अब डिजिटल आंकड़ों को डिजिटल तरीके से स्टोर करके रखा जाता है. इस मामले में बड़ा बदलाव ऐसे भी महसूस किया जा सकता है कि मौजूदा दौर में इमेल व्यापार की जीवनरेखा बन चुकी है.
इन डिजिटल आंकड़ों को सुरक्षित तरीके से संभाल कर रखने और संबंधित कार्यों को अंजाम देने के लिए ज्यादातर व्यवसायों में एक नया पद देखा जा रहा है, जिसे चीफ डिजिटल ऑफिसर कहा जाता है. ‘मैकेंजी’ का मानना है कि डिजिटल आइक्यू या डीक्यू के साथ कारोबार की क्षमता का मूल्यांकन किया जा सकता है. इस उद्योग के विशेषज्ञों को डिजिटाइजेशन में एक स्वर्णिम अवसर छिपा हुआ प्रतीत हो रहा है.
ऑपरेटिंग मॉडल पर डिजिटल तकनीकों का प्रभाव महत्वपूर्ण है और यह अभी भी बढ़ रहा है. हमने इसमें हुए बहुत सारे बदलाव देखे हैं और आने वाले दिनों में अभी और भी बहुत कुछ होने वाला है. विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं ने इस बारे में अपने अनुमान व्यक्ति किये हैं. जानते हैं उनमें से कुछ बदलावों के बारे में, जो इस तथ्य को प्रभावित करेंगे कि हम कैसे काम करते हैं.
डिजिटाइजेशन पर व्यापक भरोसा होगा लीडरशिप का
बेहतर नेतृत्व कुशलता के पीछे महत्वपूर्ण कारकों में से एक यह है कि उसे यह समझ हो कि कारोबार को किस ओर जाना चाहिए और वाकई में वह किस ओर जा रहा है. इस जानकारी के सहारे, एक लीडर यह जानने में सक्षम होता है कि क्या करने की जरूरत है और कब करने की जरूरत है. डिजिटाइजेशन इन कार्यों को आसान बनाता है.
क्लाउड-सपोर्टेड एक्सेसिबिलिटी की मदद से बिग डाटा की क्षमता को अप्लाई करने से लीडर्स अब भी व्यापार की विविध विधाओं में शीर्ष पर कायम हैं. आसान रिपोर्ट्स के प्रारूप में विश्लेषित चीजों की मदद से लीडर्स इस अवस्था में होते हैं कि वे बेहतर फैसले ले पाते हैं.
डिजिटल तकनीक की एक अन्य खासियत यह है कि इससे संचार आसान हो जाता है. फैसले लेनेवाले विविध लोग यूनीफाइड कम्यूनिकेशन चैलनों के जरिये आपस में संपर्क, संयोजन और चर्चा करते हुए व्यापार के लिए श्रेष्ठ निर्णय लेते हैं. डिजिटल मैथॉड की मदद से रकम का त्वरित आबंटन मुमकिन हो गया है, जिससे लीडर्स दुनिया के किसी भी कोने से अपने कारोबार को उंगलियों के जरिये नियंत्रित कर सकते हैं.
डिजिटल तकनीक के सहारे
दोबारा से गढ़े जायेंगे संगठन
डिजिटाइजेशन का उद्देश्य कुछ खास लक्ष्यों पर अधिक कुशलता के साथ प्रतिभा को नियोजित करना है. इसके कुछ ज्यादा सक्षम समाधान अभ्यास में हैं, जिनमें ग्राहक तक पहुंच और विभागीय रिपोर्टिंग जैसे बदलावों को शामिल किया गया है. डिजिटाइजेशन द्वारा लाये गये इन बदलावों को पूरा करने के लिए संगठनों को पुनर्गठन की तलाश करनी होगी.
क्लाउड में पीबीएक्स होस्टेड जैसे कनेक्टिविटी समाधान के फैलाव से, पुनर्गठन की प्रक्रिया आसान हो गयी है और व्यापार करना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा.
व्यवसायों के लिए एक अन्य बड़ी समस्या यह है विविध कर्मचारियों का विभिन्न माइंडसेट का होना, जिससे उसके संचालन में बाधाएं आती हैं. उदाहरण के तौर पर, सीइओ के मुकाबले डेवलपर के पास प्रोजेक्ट के संबंध में विचारों में फर्क होता है, जिसके लिए उत्पाद के साथ प्रतिक्रिया करने के लिए कई बार उनसे इंटरेक्ट होने की जरूरत होगी.
ज्यादातर बिजनेस मॉडल में एक क्रमबद्ध ढांचे पर भरोसा किया जाता है, लेकिन यह संचालन को धीमा करता है और उसी दौरान इसमें पारदर्शिता में भी कमी आती है, खासकर जब इसके संचालन में विविध शाखाओं की भूमिका हो. मोबाइल-फर्स्ट स्ट्रेटजी जैसे डिजिटल डेवलपमेंट ने इस तरह की समस्या को पैदा करने में व्यापक भूमिका निभायी है.
उत्पाद में होगा तेज और
व्यापक विकास
बाजार में कारोबार का अस्तित्व बनाये रखने के लिए उसमें निरंतर इनोवेशंस और नये-नये सुधारों को अंजाम देना जरूरी होता है. लेकिन, डिजिटल तकनीक इन चीजों में कैसे मददगार होगी? इस बारे में सरल विचार यह है कि कारोबार से जुड़ी प्रत्येक चीजों के संचालन के लिए अब सॉफ्टवेयर एक प्रभावी टूल बन चुका है और क्लाउड के प्रारूप में इन सभी को एक कॉमन डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म हासिल हो चुका है. इससे कारोबारी विकास को गति मिली है. डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म की इस समानता ने इनोवेशन की बेहतर संभावनाओं को भी आमंत्रित किया है.
कमोबेश, आवश्यकता सभी प्रकार के आविष्कारों की जननी है. जैसे-जैसे ऑपरेशन मॉडल्स में तेजी से बदलाव आ रहे हैं, स्टॉकहोल्डर्स की जरूरतें बढ़ती जा रही हैं. इसने बेहतर उत्पादों के लिए मांग में बढ़ोतरी की है. बिग डाटा की उपलब्धता ने मांग में वृद्धि की है.
विभिन्न प्रकार के डेवलपर्स (सॉफ्टवेयर डेवलपर्स की तरह नहीं) यह जानने में सक्षम हो सकते हैं कि इस्तेमालकर्ता अपने उत्पाद में किन चीजों की गैर-मौजूदगी को महसूस करते हैं. इसलिए इसमें ज्यादा इनोवेशन की जरूरत है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल टेक्नोलॉजी के तालमेल से कम हुआ इनसानी परिश्रम जुलाई, 2016 में मैकेंजी ने ‘व्हेयर मशीन्स कुड रिप्लेस ह्यूमेन्स- एंड व्हेयर दे कैन नोट येट’ शीर्षक से एक लेख प्रकाशित किया था. इसमें यह विश्लेषण किया गया है कि मशीन लर्निंग या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस किस तरह से विविध उद्योगों को प्रभावित कर रहा है.
इस लेख में कहा गया है कि मौजूदा दौर की तकनीकों से करीब 45 फीसदी गतिविधियां ऑटोमेटिक हो सकती हैं, जिन्हें इनसानों के जरिये किया जाता रहा है. विभिन्न उद्योगों में अलग-अलग तरीके से बदलाव आया है. मैन्यूफैक्चरिंग गतिविधियों में 59 फीसदी तक कार्यों को स्वचालित किया जा सकता है.
डायलर, आइवीआर, चैट बॉट्स आदि द्वारा ताकत प्राप्त ग्राहक सेवा को ऑटोमेशन के जरिये 30 फीसदी तक कम किया जा सकेगा, जबकि खुदरा कारोबार में यह आंकड़ा 53 फीसदी तक होगा. चालक-रहित कार और ड्रोन आधारित डिलिवरी सेवाएं अब किसी भी वक्त शुरू की जा सकती हैं. इस संबंध में तकनीकी परीक्षण पूरे हो चुके हैं और सुरक्षा संबंधी क्लियरेंस मिलते ही ये सेवाएं हकीकत में तब्दील हो सकती हैं.
इस अध्ययन का एक उल्लेखनीय तथ्य यह है कि इससे मैनपावर यानी इनसानी कामगारों से फिजिकल वर्कलोड में कमी आयेगी. इससे मैनपावर को अब उन कार्यों में लगाया जा सकता है, जिन्हें मशीन के जरिये सही से नहीं कराया जा सकता है. मैनपावर से वर्कलोड कम होने से बिजनेस की उत्पादकता और क्षमता में व्यापक हद तक बढ़ोतरी की उम्मीद जतायी जा रही है.
एप्प इंटीग्रेशन से सृजित होंगे नये जॉब्स और जॉब्स केमौजूदा स्वरूप में आयेगा बदलाव
ज्यादातर उद्यमों ने ऐसे समाधान तैयार किये हैं, जो विविध व्यावसायिक कार्यों को एकीकृत करता है. उदाहरण के तौर पर, होस्टेड डायलर्स, एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर, इनवेंटरी मैनेजर, सीआरएम और बैंक एकाउंट एप्लीकेशन आपके उद्यम की बहुत से प्रमुख संचालन गतिविधियों को एकीकृत कर सकता है.
निश्चित रूप से कुछ डाटा इंट्री जॉब्स खत्म हो रहे हैं. लेकिन ‘डेलोइट’ द्वारा किये गये एक अध्ययन में यह दावा किया गया है कि डिजिटल टेक्नोलॉजी ने जितना नुकसान पहुंचाया है, उसके मुकाबले इसने ज्यादा जॉब पैदा किया है.
डिजिटल टेक्नोलॉजी ने वास्तविक ऑपरेशंस को जीवंत बनाते हुए व्यापक तादाद में शोध और परीक्षण के लिए मौके मुहैया कराये हैं. निर्धारित विकास को अंजाम देने के लिए इंडस्ट्री एक्सपर्ट की जरूरत होती है और मेडिकल सेक्टर में इसने ऐसा कर दिखाया है. डिजिटल टेक्नोलॉजी के प्रभाव से केवल एक विशेषज्ञ ही मेडिसिन की मंजूरी दे सकता है या परीक्षण कर सकता है.
इसलिए कुछ उद्योगों में डाटा साइंटिस्ट की जॉब्स में व्यापक बढ़ोतरी हो सकती है. इसके अलावा, संचालन प्रक्रिया में आ रहे बदलावाें से कुछ नये प्रकार के जॉब्स भी आ रहे हैं. इसमें मार्केटिंग उद्योग का भी आप उदाहरण ले सकते हैं.
यह अभी भी बाजार का एक अपूरणीय हिस्सा है, लेकिन डिजिटल मार्केटिंग के फैलाव के दौर में इसकी कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार देखा गया है. अलग-अलग जाॅब ऑपरेशन में एक या दूसरे तरह के बदलाव का अनुभव किया जा रहा है. स्वयं को एक प्रोडक्टिव एसेट यानी उत्पादक संपत्ति बनाये रखने के लिए, आपको इन बदलावों को अपनाने की जरूरत है.