21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

OTT से वरुण धवन की फिल्म बवाल को हटाने की उठी मांग, यहूदी संगठन ने अमेजन प्राइम वीडियो को लिखा पत्र

वरुण धवन और जान्हवी कपूर की फिल्म बवाल ने एक यहूदी संगठन को परेशान कर दिया है, जिसने नाजी डेथ कैंप में एक काल्पनिक दृश्य फिल्माने के लिए निर्माताओं की आलोचना की है. साथ अमेजन प्राइम वीडियो को पत्र भी लिखा है.

बॉलीवुड एक्टर वरुण धवन और जान्हवी कपूर की फिल्म ‘बवाल’ फैंस को काफी पसंद आ रही है. मूवी 21 जुलाई को अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हुआ था. अब कुछ दर्शकों के एक वर्ग ने फिल्म के उस सीन्स के लिए आलोचना की, जो ऑशविट्ज़ के नाजी डेथ कैंप से प्रेरित था. एक यहूदी संगठन (Jewish organisation) ने फिल्म को हटाने के लिए प्राइम वीडियो को एक खुला पत्र लिखा है, जिसमें ओटीटी प्लेटफॉर्म से बावल का मुद्रीकरण बंद करने का आग्रह किया गया है, जो ‘नाजी नरसंहार के लाखों पीड़ितों की पीड़ा और व्यवस्थित हत्या’ को तुच्छ बताता है.

बवाल फिल्म को लेकर प्राइम वीडियो को खुला पत्र

नाजी नरसंहार के पीड़ितों की याद में समर्पित एक मानवाधिकार गैर सरकारी संगठन, साइमन विसेन्थल सेंटर (एसडब्ल्यूसी) ने प्राइम वीडियो से ‘एक साजिश उपकरण के रूप में नाजी नरसंहार के अपमानजनक दुरुपयोग के कारण’ फिल्म बवाल को हटाने का आग्रह किया. बयान में कहा गया है, “प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्माता नितेश तिवारी द्वारा निर्देशित, फिल्म की कहानी जो समकालीन समय पर आधारित है, ऐसे दृश्यों की ओर ले जाती है, जिसमें नायक ऑशविट्ज़ में एक गैस चैंबर में प्रवेश करते हैं और धारीदार कपड़े पहने हुए उनका दम घुट जाता है. फ़िल्म में मानवीय लालच के लिए हिटलर को एक रूपक के रूप में प्रयोग किया गया है, जिसमें मुख्य नायक अपनी पत्नी से कह रहा है, ‘हम सब कुछ हद तक हिटलर की तरह हैं, है ना?”

फिल्म 6 मिलियन मारे गए यहूदियों की स्मृति को अपमानित करती है

फिल्म और निर्देशक नितेश तिवारी की आलोचना करते हुए एसडब्ल्यूसी के रब्बी अब्राहम कूपर ने खुले पत्र में कहा, “ऑशविट्ज़ कोई रूपक नहीं है. यह मनुष्य की बुराई करने की क्षमता का सर्वोत्कृष्ट उदाहरण है. इस फिल्म में नायक द्वारा यह घोषणा करवाकर कि ‘हर रिश्ता उनके ऑशविट्ज़ से चलता है.’ नितेश तिवारी, हिटलर के नरसंहार शासन के हाथों पीड़ित 6 मिलियन मारे गए यहूदियों और लाखों अन्य लोगों की स्मृति को तुच्छ और अपमानित करते हैं.

अमेजन को हटा देना चाहिये बवाल फिल्म

आगे बोलते हुए कि कैसे फिल्म प्रलय के दौरान लाखों लोगों की हत्या को तुच्छ समझती है, उन्होंने कहा, “अगर फिल्म निर्माता का लक्ष्य कथित तौर पर नाजी डेथ कैंप में एक काल्पनिक दृश्य फिल्माकर अपनी फिल्म के लिए पीआर हासिल करना था, तो वह सफल हो गया है. अमेज़ॅन प्राइम (प्राइम वीडियो) को नाज़ी नरसंहार के लाखों पीड़ितों की पीड़ा और व्यवस्थित हत्या के इस साधारण तुच्छीकरण को तुरंत हटाकर बवाल से कमाई करना बंद कर देना चाहिए.”

Also Read: Gadar 2 Trailer Review: हैंडपंप वाले सीन पर बजी सीटियां… ट्रेलर देख फैंस बोले- सनी देओल की फिल्म मचाएगी गदर

सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बैकड्राप पर बुनी प्रेम कहानी

फिल्म की कहानी अजय उर्फ​अज्जू भैया (वरुण धवन) की है. अज्जू एक टीचर है, फिल्म के पहले 5 मिनट में अज्जू के प्रोफेशन और व्यक्तित्व को जिस तरह से स्क्रीन को ब्लैक एंड वाइट से रंगीन कर गया है. वह बता गया है कि अज्जू के लिए तरह से बदला जाता है. वह यह बता जाता है कि इमेज ही सब कुछ है. उसने निशा से शादी की है, जो एक मिर्गी की बीमारी से जूझ रही है.निशा की यह बीमारी अज्जू की बनी बनायीं इमेज को ख़राब कर सकता है. निशा उसके लिए डिफेक्टिव पीस है, इसलिए वह निशा से दूरी बना लेता है. दोनों की शादी तलाक तक पहुंच जाती है,लेकिन कहानी में हालात कुछ ऐसे बनते है कि दोनों को एक साथ यूरोप टूर पर जाना पड़ता है.इस दौरान क्या ये एक-दूसरे के करीब आ पाएंगे. इनकी शादी बच जाएगी. अज्जू की इमेज का क्या होगा. यही आगे की कहानी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें