कोलकाता : पश्चिम बंगाल चुनाव के पांचवें चरण में कुल 45 विधानसभा सीटों पर 17 अप्रैल को मतदान होने जा रहा है. 6 जिलों की इन 45 सीटों में से 21 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं. सबसे ज्यादा 6 आरक्षित विधानसभा क्षेत्र उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी जिला में हैं. इसके बाद नदिया और पूर्वी बर्दवान की 5-5 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं.
चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के मुताबिक, जलपाईगुड़ी जिला में कुल 7 विधानसभा सीट हैं, जिनमें सिर्फ एक सीट ऐसी है, जो आरक्षित नहीं है. इस सीट का नाम है देबग्राम-फुलबाड़ी है. शेष सीटों में धुपगुड़ी, मयनागुड़ी, जलपाईगुड़ी, राजगंज अनुसूचित जाति (एससी) के लिए आरक्षित रखी गयी हैं, जबकि दो अन्य सीटें माल और नागराकाटा को अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए रिजर्व रखा गया है. जलपाईगुड़ी में कांग्रेस और बाकी सभी सीटों पर वर्ष 2016 के चुनाव में तृणमूल ने जीत दर्ज की थी.
उत्तर बंगाल के ही एक और जिला दार्जीलिंग में 5 विधानसभा सीट हैं, जिनमें से एक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है, तो दूसरी अनुसूचित जनजाति के लिए. यहां माटीगाड़ा-नक्सलबाड़ी अनुसूचित जाति (एससी) के लिए और फांसीदेवा विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित रखा गया है. दार्जीलिंग की आरक्षित दोनों सीटों पर कांग्रेस ने वर्ष 2016 में जीत दर्ज की थी.
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नदिया जिला की 8 विधानसभा सीटों पर पांचवें चरण में मतदान होने जा रहा है. इनमें से 5 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. इन सीटों के नाम कृष्णनगर, रानाघाट उत्तर पूर्व, रानाघाट दक्षिण, कल्याणी और हरिनघाटा हैं. नदिया जिला में एससी के लिए आरक्षित रानाघाट दक्षिण विधानसभा सीट पर वर्ष 2016 के चुनाव में माकपा ने जीत दर्ज की थी, जबकि शेष सीटों पर तृणमूल ने विजय पताका लहराया था.
उत्तर 24 परगना में हालांकि कुल 33 विधानसभा सीटें हैं, लेकिन जिन 16 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, उनमें सिर्फ 3 सीटें आरक्षित हैं. 2 अनुसूचित जाति के लिए और एक अनुसूचित जनजाति के लिए. मिनाखां और हिंगलगंज एससी के लिए आरक्षित सीटें हैं, जबकि संदेशखाली एसटी के लिए. इस जिले की सभी आरक्षित सीटों पर ममता बनर्जी की पार्टी ने जीत दर्ज की थी.
पूर्वी बर्दवान जिला की बात करें, तो यहां की कुल 16 में से 8 सीटों पर पांचवें चरण में वोटिंग होनी है. इन 8 में से 5 सीटें आरक्षित हैं. सभी 5 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. आरक्षित सीटों के नाम खंडघोष, राईना, जमालपुर, कलना और बर्दवान उत्तर हैं. इनमें से सिर्फ जमालपुर सीट पर वर्ष 2016 में माकपा ने जीत दर्ज की थी. शेष सीटें तृणमूल के खाते में गयीं थीं.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि पश्चिम बंगाल विधानसभा में 294 सीट हैं. इनमें से 84 सीटें अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित हैं. एससी के लिए कुल 68 सीटें आरक्षित हैं, जबकि एसटी के लिए 16 सीटों को रिजर्व रखा गया है.
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बंगाल में इस बार 8 चरणों में चुनाव कराये जा रहे हैं. चार चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं. बंगाल विधानसभा चुनाव की शुरुआत 27 मार्च को हुई थी. दूसरे चरण की वोटिंग 1 अप्रैल, तीसरे चरण की 6 अप्रैल और चौथे चरण की वोटिंग 10 अप्रैल को हुई. अब पांचवें चरण की वोटिंग 17 अप्रैल को होनी है. इसके बाद छठे, सातवें और आठवें चरण का मतदान क्रमश: 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को होगी. 2 मई को सभी 294 सीटों के लिए मतगणना करायी जायेगी. उसी दिन बंगाल चुनाव 2021 के परिणाम आ जाने की उम्मीद है.
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Posted By : Mithilesh Jha