कोलकाता : पश्चिम बंगाल के चार जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर दूसरे चरण में 1 अप्रैल को मतदान कराया गया था. बांकुड़ा जिला की 8, पश्चिमी मेदिनीपुर की 9, पूर्वी मेदिनीपुर की 9 और दक्षिण 24 परगना की 4 सीटों पर एक अप्रैल को 86.11 फीसदी लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. बंगाल चुनाव 2021 में सर्वाधिक मतदान इसी चरण में हुआ.
पूर्वी मेदिनीपुर में सबसे ज्यादा 87.42 फीसदी वोटिंग हुई. दक्षिण 24 परगना में 86.74 फीसदी, बांकुड़ा में 86.98 फीसदी और पश्चिमी मेदिनीपुर में सबसे कम 83.84 फीसदी वोटिंग हुई. पूर्वी मेदिनीपुर के नंदीग्राम विधानसभा सीट पर 88.01 फीसदी वोटिंग रिकॉर्ड की गयी. यह राज्य की सबसे हाइ-प्रोफाइल सीट है, क्योंकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी यहां से चुनाव लड़ रही हैं.
दूसरे चरण के चुनाव में छिटपुट हिंसा हुई थी. इस दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव आयोग से बेहद नाराज थीं. कहा कि उन्होंने 63 शिकायतें कीं, लेकिन इलेक्शन कमीशन ने उस पर कार्रवाई नहीं की. दूसरे चरण में पूर्वी और पश्चिमी मेदिनीपुर जिलों की 9-9 सीटों के अलावा बांकुड़ा की 8 और दक्षिण 24 परगना की 4 सीटों पर भी मतदान हुआ.
संभावित हिंसा को रोकने के लिए नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में धारा-144 लगा दी गयी थी. नंदीग्राम के बोयाल में भाजपा और तृणमूल समर्थकों के बीच कथित तौर पर हिंसा हुई, क्योंकि तृणमूल की ओर से बूथ नंबर 7 पर पुनर्मतदान की मांग की जा रही थी. इस दिन शुभेंदु अधिकारी के काफिले पर हमला किया गया था, जिसमें कई कारें आपस में टकरा गयीं थीं.
दूसरे चरण के मतदान में ममता बनर्जी, शुभेंदु अधिकारी समेत 171 उम्मीदवारों के भाग्य इवीएम में बंद हुए थे. हॉट सीट नंदीग्राम के ताकापुरा और सातेंगाबाड़ी में पथराव की दो अलग-अलग घटनाएं हुईं थीं. पश्चिमी मेदिनीपुर के केशपुर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार तन्मय घोष के वाहन में तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने तोड़फोड़ की थी.
दक्षिण 24 परगना के गोसाबा इलाके में भी तृणमूल और भाजपा समर्थकों के बीच झड़प हुई थी. महिषादल विधानसभा क्षेत्र में तृणमूल ने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने मतदाताओं को मतदान केंद्र पर जाने से रोका. इस दिन ममता बनर्जी एक बूथ में धरना पर बैठ गयीं थीं. वह काफी देर तक बूथ के बाहर ही बैठी रहीं.
Posted By : Mithilesh Jha