बीरभूम, मुकेश तिवारी. गौ तस्करी मामले में एक अन्य आरोपी अब्दुल लतीफ को गुरुवार सुबह आसनसोल सीबीआई कोर्ट में पेश किया गया. तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारी के बाद से ही अब्दुल लतीफ सीबीआई द्वारा वांछित था. जांचकर्ताओं को पता चला कि यही अब्दुल लतीफ बीरभूम जिले के इलमबाजार पशुहाट की देखभाल करता था. पशु तस्करी का धंधा अब्दुल लतीफ की देखरेख में होता था. पूर्व बर्दवान जिले के शक्तिगढ़ में राजू झा की हत्या में भी अब्दुल लतीफ का नाम सामने आया था.
बताया जा रहा है कि एक अप्रैल को राजू झा की हत्या के दिन राजू झा के साथ अब्दुल लतीफ को भी कार में देखा गया था. इसके बाद सीबीआई अब्दुल लतीफ को खोजने में और सक्रिय हो गई. लेकिन उससे पहले ही अब्दुल लतीफ के वकील ने अपने मुवक्किल की गिरफ्तारी से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगा दी थी. उस अर्जी पर प्रतिक्रिया देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 4 मई तक अब्दुल लतीफ की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक लगा दी थी. इस बीच अब्दुल लतीफ गुरुवार तड़के अपने वकील के साथ आसनसोल स्थित सीबीआई कोर्ट में पेश हुए.
पहले तो किसी ने गौर नहीं किया था. अब्दुल लतीफ के आने की खबर मिलते ही कोर्ट परिसर में खलबली मच गई. इस दिन सीबीआई की विशेष अदालत में वकील शेखर कुंडू ने अब्दुल लतीफ के लिए पैरवी की थी. सीबीआई की ओर से लोक अधिवक्ता राकेश कुमार उपस्थित रहे. केस डायरी के साथ जांच अधिकारी भी वहां मौजूद थे. सवाल-जवाब सत्र के बाद न्यायाधीश राजेश चक्रवर्ती ने 15,000 रुपये के निजी मुचलके पर अब्दुल लतीफ को जमानत दे दी.
इस मामले की अगली सुनवाई 6 मई को है. अब्दुल लतीफ को हर तीन दिन में एक बार सीबीआई जांचकर्ताओं से मिलना होगा. उन्हें अपना पासपोर्ट सीबीआई के पास जमा कराने का निर्देश दिया गया है. इसके अलावा, न्यायाधीश ने सीबीआई को कुछ निर्देश दिए है. उस निर्देश के मुताबिक अब्दुल लतीफ से पूछताछ करते हुए सीबीआई को सभी मानवाधिकारों की रक्षा करनी होगी. पूछताछ के दौरान अब्दुल लतीफ के वकील मौजूद रह सकते हैं.