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अभिषेक ने अमेरिका से फिर ईडी पर साधा निशाना, कहा- बनाई जा रही हैं मनगढ़ंत कहानियां

आंखों के इलाज के लिये तृणमूल सांसद अमेरिका गये है . उनके करीबी सूत्रों के मुताबिक अगले मंगलवार को उनकी आंख की सर्जरी होने वाली है. अभिषेक ने सोमवार को अमेरिका से ट्वीट किया है कि ईडी कुछ लाेगों को खुश करने के लिये हर रोज नई कहानियां बनाती रहती है.

पश्चिम बंगाल के तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने अमेरिका से फिर ईडी पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि ईडी लाभार्थियों को खुश करने के लिए नियमित रूप से मीडिया में मनगढ़ंत कहानियां फैलाती हैं. तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने अमेरिका से इसी भाषा में ट्वीट कर जांच एजेंसी ईडी पर हमला बोला. शिक्षक भर्ती घोटाले में अभिषेक के बचाव मामले में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पिछले शुक्रवार को कहा था, जांच धारणाओं पर आधारित नहीं हो सकती. इसके बाद तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव का यह बयान अहम माना जा रहा है.

ईडी हर रोज बनाती है मनगढ़ंत कहानियां

गौरतलब है कि आंखों के इलाज के लिये तृणमूल सांसद अमेरिका गये है. उनके करीबी सूत्रों के मुताबिक अगले मंगलवार को उनकी आंख की सर्जरी होने वाली है. अभिषेक ने सोमवार को अमेरिका से ट्वीट किया है कि ईडी कुछ लाेगों को खुश करने के लिये हर रोज नई कहानियां बनाती रहती है. यह बहुत दुखद है कि वर्षों तक जांच के नाम पर करदाताओं का पैसा बर्बाद करने के बाद भी वे अदालत में उचित सबूत पेश नहीं कर पाते. वे देश की सेवा करने के लिए दिए गए कर्तव्य की भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे दुर्भाग्यशाली लोगों के प्रति सहानुभूति जगती है.

आंखों का इलाज कराने अमेरिका जाकर अभिषेक ने ईडी पर क्यों बोला हमला

सवाल उठता है कि आंखों का इलाज कराने अमेरिका जाकर अभिषेक ने ईडी पर हमला क्यों बोला ? इस संदर्भ में तरह-तरह की व्याख्याएं सामने आ रही हैं. पिछले शुक्रवार को शिक्षक भर्ती घोटाले में अभिषेक के बचाव मामले पर कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तीर्थंकर घोष ने टिप्पणी की थी कि जांच धारणाओं पर आधारित नहीं हो सकती. जज के मुताबिक ईडी 3.5 अरब रुपये के भ्रष्टाचार का दावा कर रही है. लेकिन भर्ती भ्रष्टाचार में फंसे प्राइमरी एजुकेशन बोर्ड के अपदस्थ अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य से वे सिर्फ 2.9 यानी करीब 3 करोड़ ही वसूल कर पाए. जज की टिप्पणी, सब कुछ कल्पना पर आधारित है. हाई कोर्ट जज की इस टिप्पणी के संदर्भ में अभिषेक का बयान महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

Also Read: शुभेंदु का ममता पर हमला, मुख्यमंत्री नहीं चाहती है किसी की नौकरी हो और केंद्र की योजनाओं को चुराना TMC की आदत अभिषेक ने आरोप लगाया कि ईडी लाभार्थियों की सेवा कर रहा है

गौरतलब है कि चार महीने बाद सोमवार को राहुल गांधी को दोबारा सांसद पद मिल गया. ऐसे में अभिषेक उस घटना को ध्यान में रखकर भी ईडी पर निशाना साध सकते हैं. ट्वीट में उन्होंने ‘इस राज्य के बीजेपी नेताओं’ के बारे में लिखा, लेकिन कहीं भी उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार या बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व का नाम नहीं लिया. हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी लाभार्थियों की सेवा कर रहा है.

Also Read: शिक्षक भर्ती घोटाला : जेल से निकलने के लिये अब क्या पैतरा अपनाएंगे पार्थ अभिषेक पर ट्वीट कर विवाद में फंसे माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम

माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम, तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी पर ट्वीट कर विवादों में फंस गये हैं. सोमवार को उनके एक ट्वीट पर हंगामा मच गया. ट्वीट में मोहम्मद सलीम द्वारा लिखे गये एक खास शब्द को लेकर भी पार्टी के भीतर व बाहर उनकी आलोचना हो रही है. वहीं, तृणमूल ने भी उन हमला तेज कर दिया है. गौरतलब है कि अभिषेक पर निशाना साधते हुए मोहम्मद सलीम ने सोमवार को लिखा ट्वीट किया, ‘अभिषेक अपनी अवैध कमाई को रखने के लिए 15 विदेशी वेश्याओं के खातों का इस्तेमाल किया.’ इस ट्वीट के बाद पार्टी में ही उनकी आलोचना हो रही है.

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ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक विमेन एसोसिएशन की राज्य सचिव कनीनिका घोष बोस ने सोमवार को बताया, “हम वेश्या शब्द नहीं कहते हैं. हम यौनकर्मी कहते हैं.” लेकिन उनके राज्य सचिव ने अंग्रेजी में ”प्रोस्टिट्यूट” का पर्याय लिखा? कनीनिका ने कहा, ””मुझे नहीं पता कि उन्होंने क्या लिखा. इसे देखना चाहिए. हालांकि, यौनकर्मी इस मामले में काफी जागरूक है. इसका उन्हे ध्यान रखना चाहिए.

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सलीम की बातों से महिला साथियों का एक वर्ग नाराज है. राज्य सचिव के ट्वीट से नाराज एक युवा नेता के शब्दों में, “इन सभी छोटे मुद्दों के कारण कई लोग हमारे और भाजपा के बीच अंतर नहीं कर पाते हैं.” मैं इसका समर्थन नहीं करता. लेकिन यह भी याद रखना चाहिए कि तृणमूल महिला सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने पार्क स्ट्रीट में बलात्कार की शिकार सुज़ेट जॉर्डन के बारे में कहा था, “ग्राहक के साथ उसका झगड़ा हुआ था!” इसके अलावा उस वक्त ममता बनर्जी ने भी इसी तरह की भाषा का इस्तेमाल किया था. वह तो पीड़िता को सेक्स वर्कर बताते हुए इसे बलात्कार की घटना मानने को तैयार ही नहीं थी. ऐसे में तृणमूल कांग्रेस को सलीम पर निशाना साधने का कोई नैतिक हक नहीं है.

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