शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ के फैसले को चुनौती देते हुए उन्होंने शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है. इससे पहले हाईकोर्ट की खंडपीठ ने अभिषेक बनर्जी को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया है. लेकिन खंडपीठ ने न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा के आदेश में हस्तक्षेप नहीं किया. खंडपीठ के इस फैसले के खिलाफ तृणमूल नेता एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. हालांकि, उनका मामला दायर होने के बावजूद, सुनवाई की तारीख अभी तक तय नहीं हुई है.
अभिषेक बनर्जी ने हाईकोर्ट की खंडपीठ में याचिका दायर कर कहा था कि जस्टिस अमृता सिन्हा के कई आदेशों के परिणामस्वरूप उनके अधिकार और हित प्रभावित हो रहे हैं. न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा ने ईडी को विशेष रूप से लिप्स एंड बाउंड्स कंपनी के खिलाफ निर्देश दिया था. अभिषेक बनर्जी द्वारा एकल पीठ के फैसले को चुनाैती देते हुए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति उदय कुमार की खंडपीठ ने कोई हस्तक्षेप नहीं किया.
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अब डायमंड हार्बर से तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के सूत्रों के मुताबिक, उनकी अर्जी पर सुनवाई की तारीख और समय अभी तय नहीं हुआ है. सुप्रीम कोर्ट में 27 अक्तूबर तक दशहरा की छुट्टी है. कोर्ट खुलने पर सुनवाई की तारीख स्पष्ट होगी. गौरतलब है कि भर्ती भ्रष्टाचार मामले में अभिषेक बनर्जी पहले भी कई बार सुप्रीम कोर्ट जा चुके हैं. ऐसे में एक बार फिर अभिषेक बनर्जी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
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