कोलकाता, विकास कुमार गुप्ता : मवेशी तस्करी मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने संयुक्त रूप से अभियान चलाकर पश्चिम बंगाल में करोड़ों की पशु तस्करी के मामले में दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद तृणमूल कांग्रेस के कद्दावर नेता अनुब्रत मंडल और उनके परिवार के सदस्यों की 11 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति जब्त कर ली है. सीबीआई सूत्रों का कहना है कि सोमवार को केंद्रीय एजेंसियों ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में संपत्ति जब्त करने से जुड़ा अपना विवरण को जमा कर दिया है. इस दौरान ईडी और सीबीआई ने यह भी बताया है कि कैसे बीरभूम जिले में तृणमूल कांग्रेस के जिला अध्यक्ष के रूप में अनुब्रत मंडल ने अपनी शक्ति और प्रभाव का इस्तेमाल करके लोगों से बाजार मूल्य से काफी कम दरों पर संपत्तियां खरीदीं थी और इस तरह से प्रोपर्टी का साम्राज्य खड़ा कर लिया था.
जब्त की गयी संपत्तियों में राइस मिलों के अलावा राष्ट्रीय राजमार्गों से सटे प्रमुख क्षेत्रों में कई बीघा जमीन, आवासीय फ्लैट और कुछ लक्जरी गाड़ियां शामिल थीं. सूत्रों का कहना है कि जब्त की गयी संपत्ति का अगर वास्तविक बाजार मूल्य आंका जाये तो यह राशि लगभग 20 करोड़ रुपये होगी. दोनों एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया है कि कैसे पशु-तस्करी घोटाले की आय या तो राइस मिलों जैसे कानूनी व्यवसायों में निवेश के माध्यम से या शेल कंपनियों के माध्यम से की गई थी.
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गौरतलब है कि मौजूदा समय में मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार अनुब्रत मंडल और उनकी बेटी सुकन्या मंडल के साथ उनके निजी चार्टर्ड अकाउंटेंट मनीष कोठारी और उनके निजी अंगरक्षक सहगल हुसैन फिलहाल अनुब्रत के साथ ही दिल्ली के तिहाड़ जेल में हैं. वे करोड़ों रुपये के मवेशी तस्करी मामले में सह-साजिशकर्ता और लाभार्थी हैं.