24.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बांकुड़ा : बारिश का मौसम आते ही बढ़ने लगे सर्पदंश के मामले, दहशत में किसान

सर्पदंश की अधिकतर घटनाएं ग्रामीण इलाकों में देखी जाती हैं, जहां बारिश के शुरू होते ही खेतों में जाने के दौरान किसानों को इस तरह की मुसीबतें होती हैं.

बांकुड़ाः बारिश का मौसम शुरू होते ही सर्पदंश की घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही है. गड्ढों व बिलों में पानी घुस जाने से सांप, बिच्छू समेत अन्य जहरीले कीड़े-मकोड़े बाहर आने लगते हैं. सर्पदंश की अधिकतर घटनाएं ग्रामीण इलाकों में देखी जाती हैं, जहां बारिश के शुरू होते ही खेतों में जाने के दौरान किसानों को इस तरह की मुसीबतें होती हैं.

आजकल सर्पदंश की घटनाओं से निबटने के लिए सरकारी अस्पतालों में एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन की व्यवस्था है. फिर भी देखा जाता है कि यातायात के साधनों के अभाव के कारण ग्रामीण इलाकों के लोगों को अस्पताल पहुंचने में देरी होती है. इस वजह से ग्रामीण इलाकों में मृत्यु दर बढ़ जाती है. अगर ठीक समय पर मरीज को लाया जाये, तो उसका इलाज संभव है.

बांकुड़ा जिले में भी सर्पदंश की घटनाएं आये दिन हो रही हैं. जिले के कुछ इलाके ऐसे हैं, जहां विशेष प्रकार के सांपों का आतंक है. इससे बारिश में लोग दहशत में रहते हैं. इस बारे में बांकुड़ा सम्मेलिनी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ पार्थ प्रतिम प्रधान का कहना है कि शीतकाल को छोड़कर ग्रीष्मकाल से वर्षाकाल तक तीन से चार सर्पदंश के मरीज आते हैं.

Also Read: कोलकाता में चल रही थी बम बनाने की मिनी फैक्ट्री, 16 बम बरामद, 4 गिरफ्तार

उन्होंने बताया कि जिले में ज्यादातर काला चिती व चंद्रबोड़ा सांप के दंश से पीड़ित मरीज आते हैं. खेतों में चंद्रबोड़ा सांप का उत्पात ज्यादा है. इसलिए यहां एंटी वेनम की डोज ज्यादा उपलब्ध करायी गयी है. अक्सर ग्रामीण इलाकों में सांप के काटे लोग ओझा के पास झाड़-फूंक कराने चले जाते हैं, इसलिए जरूरी है कि सांप के काटे व्यक्ति को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाया जाये.

बंगाल में भी एंटी वेनम बनाने की मांग

इस बारे में पश्चिम बंगाल विज्ञान मंच के जिला सचिव जयदेव चंद का कहना कि आंकड़ों पर गौर करेंगे, तो पायेंगे कि वर्ष 2019-20 में सर्पदंश की 438 घटनाएं सामने आयी थीं, जिसमें 31 लोगों की मौत हुई थी. इनमें 20 पुरुष व 11 महिलाएं थीं. दक्षिण बांकुड़ा के तालडांगरा, सिमलापाल, रायपुर, सारेंगा, खातड़ा, रानी बांध, हीड़बांध ब्लाॅक आदि इलाकों में सर्पदंश के ज्यादा मामले आते हैं.

ग्रामीण इलाकों में प्रचार अभियान चलाया जाता है कि खेतों में काम करने के दौरान किसान गमबूट का इस्तेमाल करें. श्री चंद ने बताया कि एंटी वेनम तमिलनाडु में तैयार होता है, जहां सांपों का चरित्र अलग होता है. बंगाल में दूसरे तरह के सांप पाये जाते हैं, इसलिए जरूरी है कि कोलकाता में भी एंटी वेनम तैयार हो.

Posted By: Mithilesh Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें