कोलकाता : बेहला पूर्व विधानसभा क्षेत्र बंगाल का एक अनोखा विधानसभा क्षेत्र बन गया है. यहां से कोई महिला ही विधायक बनेगी, यह अभी से तय हो गया है. जी हां, मतदान शनिवार (10 अप्रैल) को है, लेकिन यह स्पष्ट है कि कोई महिला ही बेहला पूर्व के लोगों का विधानसभा में प्रतिनिधित्व करेगी.
इसकी वजह यह है कि यहां से चुनाव लड़ रही तीन प्रमुख दलों की उम्मीदवार महिलाएं ही हैं. इन्हीं में से किसी एक को बेहला पूर्व विधानसभा क्षेत्र की जनता चुनकर विधानसभा भेजेगी. संयोग यह भी है कि जिस सीट पर सभी प्रमुख दलों की उम्मीदवार महिलाएं हैं, वहां महिला वोटरों का ही बोलबाला है.
इस विधानसभा सीट पर राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी से अलग रह रहीं उनकी पत्नी रत्ना चटर्जी को उम्मीदवार बनाया है. रत्ना के खिलाफ भाजपा ने एक्ट्रेस पायल सरकार को उतारा है. संयुक्त मोर्चा की ओर से माकपा ने शमिता हर चौधरी को उतारा है.
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बेहद दिलचस्प यह है कि बड़ी तीन पार्टियों की तीनों ही उम्मीदवार पहली बार चुनाव के मैदान में हैं. रत्ना के पिता और पति दोनों राजनीति में थे, तो शमिता हर चौधरी खुद लेफ्ट की फुलटाइम वर्कर हैं. पायल का राजनीति से पहले दूर-दूर तक वास्ता नहीं था. पिछले दिनों भाजपा उम्मीदवार पायल सरकार के काफिले पर हमले के बाद पायल और उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी मानी जा रहीं रत्ना लाइमलाइट में थीं.
बेहला पूर्व विधानसभा क्षेत्र से वर्ष 2011 व 2016 में शोभन चटर्जी ने जीत हासिल की थी. वह कोलकाता के मेयर और पश्चिम बंगाल के मंत्री भी बने. बाद में महिला मित्र वैशाखी बनर्जी की वजह से पत्नी से शोभन के रिश्तों में दरार आ गयी और पार्टी से भी उनकी अनबन हो गयी.
बाद में उन्होंने तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर ली. अब उनकी पत्नी रत्ना चटर्जी उनकी सीट से चुनाव लड़ रही हैं. उम्मीद थी कि भाजपा शोभन को बेहला पूर्व से उनकी पत्नी रत्ना के खिलाफ मैदान में उतारेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके बाद शोभन और उनकी महिला मित्र वैशाखी ने भाजपा से भी किनारा कर लिया.
रत्ना चटर्जी पर्णश्री की रहने वाली हैं. वह महेशतला के पूर्व विधायक दुलाल दास की पुत्री और पूर्व मेयर व विधायक शोभन चटर्जी की पत्नी हैं. 49 वर्षीय रत्ना चटर्जी कहती हैं कि उन्होंने छोटी उम्र से पहले पिता और फिर पति को चुनाव लड़ते देखा है. वह पहली बार सक्रिय राजनीति में कदम रख रहीं हैं, लेकिन उन्हें पता है कि इस क्षेत्र के लोग उन्हें ही चुनेंगे.
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पायल सरकार टॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री हैं. उन्होंने ‘बोझे न से बोझे न’ व ‘प्रेम आमार’ जैसी हिट बांग्ला फिल्में की हैं. 39 वर्षीय पायल सरकार कहती हैं कि वर्ष 2014 से ही वह नरेंद्र मोदी व उनके कार्यों से प्रभावित हैं. किसी भी पार्टी की जीत उनके अच्छे कार्यों से होती है. नरेंद्र मोदी ने आम लोगों की बेहतरी के लिए जो काम किये हैं, उसे देखते हुए बेहला पूर्व के वोटर उन्हें ही चुनेंगे.
संयुक्त मोर्चा की ओर से माकपा ने शमिता हर चौधरी को बेहला पूर्व विधानसभा सीट पर चुनाव के मैदान में उतारा है. रत्ना चटर्जी और पायल सरकार को टक्कर देने के लिए उतरीं शमिता पहली बार चुनाव लड़ रही हैं. 52 वर्षीय शमिता का कहना है कि उन्हें विश्वास है कि उनकी पार्टी बंगाल में खोया गौरव फिर से हासिल करेगी. कहा कि लोकसभा व विधानसभा के चुनाव अलग-अलग होते हैं. विधानसभा के चुनाव में इस बार उनकी जीत पक्की है.
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बेहला पूर्व विधानसभा क्षेत्र में न केवल प्रमुख उम्मीदवार महिलाएं हैं, बल्कि यहां महिला वोटर भी निर्णायक भूमिका में हैं. जी हां, यहां महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है. इस क्षेत्र में 1.51 लाख पुरुष वोटर हैं, तो महिला वोटरों की संख्या 1.56 लाख है.
उल्लेखनीय है कि बंगाल में 8 चरणों में चुनाव हो रहे हैं. तीन चरण के मतदान हो चुके हैं. चौथे चरण में बेहला पूर्व समेत उत्तर और दक्षिण बंगाल के 5 जिलों की कुल 44 सीटों पर 10 अप्रैल को वोटिंग होगी. पांचवें, छठे, सातवें और आठवें चरण की वोटिंग क्रमश: 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को होगी. सभी 294 सीटों की मतगणना एक साथ 2 मई को होगी.
Posted By : Mithilesh Jha