18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अब 5 जजों की बेंच 24 मई को करेगी नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले की सुनवाई, सभी 4 आरोपित नजरबंद

कलकत्ता हाइकोर्ट की पांच जजों की बेंच नारद-सीबीआई मामले की 24 मई को सुनवाई करेगी.

कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार के दो मंत्रियों सुब्रत मुखर्जी एवं फिरहाद हकीम के अलावा तृणमूल कांग्रेस के विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व महापौर शोभन चटर्जी की याचिका पर अब कलकत्ता हाइकोर्ट की पांच जजों की बेंच सुनवाई करेगी. सुनवाई सोमवार (24 मई) को होगी.

कलकत्ता हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल प्रसेनजीत विश्वास की ओर से जारी अधिसूचना में यह जानकारी दी गयी है. इसमें कहा गया है कि नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले की सुनवाई के लिए पांच जजों की वृहद पीठ का गठन किया गया है. सोमवार सुबह 11 बजे मामले की सुनवाई होगी. तब तक चारों नेता घर पर ही नजरबंद रहेंगे.

अधिसूचना के मुताबिक, हाइकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल के नेतृत्व में पांच सदस्यीय पीठ का गठन किया गया है, जिसमें न्यायाधीश आइपी मुखर्जी, न्यायाधीश हरीश टंडन, न्यायाधीश सौमेन सेन व न्यायाधीश अरिजीत बनर्जी को शामिल किया गया है.

Also Read: Narada-CBI Case: कलकत्ता हाइकोर्ट के फैसले के बाद घर लौटे फिरहाद हकीम, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की कैवियट

अदालत ने अपने पूर्व के आदेश को संशोधित किया, जिसके तहत सीबीआई अदालत द्वारा चारों नेताओं को दी गयी जमानत पर रोक लगायी गयी थी. अदालत ने निर्देश दिया कि दोनों मंत्री ऑनलाइन उन्हें भेजी गयी आधिकारिक फाइलों का निबटारा और वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये बैठकें कर सकते हैं.

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल की अध्यक्षता वाली पीठ में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फिरहाद हकीम, तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व महापौर शोभन चटर्जी को दी गयी जमानत पर रोक लगाने को लेकर मतभेद था. इस पीठ ने मामले को वृहद पीठ के पास भेजने का फैसला किया.

Also Read: नजरबंद रहेंगे नारद कांड में गिरफ्तार ममता के 2 मंत्री, विधायक और कोलकाता के पूर्व मेयर, कलकत्ता हाइकोर्ट ने दिया ये आदेश
गिरफ्तार नेता घर में रहेंगे नजरबंद

नयी पीठ मामले को निचली अदालत से उसके पास स्थानांतरित करने की सीबीआई की अर्जी पर सुनवाई करेगी. पीठ ने 17 मई के अपने पूर्व के आदेश को संशोधित करते हुए शुक्रवार को निर्देश दिया कि आरोपियों की उम्र और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे को ध्यान में रखते हुए जेल में हिरासत की बजाय सभी आरोपियों को उनके घरों पर ही नजरबंद रखा जा सकता है.

पीठ ने निर्देश दिया कि नजरबंदी के दौरान उन्हें सभी चिकित्सकीय सुविधाएं मिलेंगी और सभी पाबंदी का पालन करना होगा. पीठ ने निर्देश दिया कि राज्य में जेल अधिकारियों का कर्तव्य है कि वह इन निर्देशों का पालन करायें. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने नारद स्टिंग मामले को स्थानांतरित करने का अनुरोध किया. वहीं सभी 4 आरोपियों ने सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा उन्हें दी गयी जमानत पर रोक लगाने के आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया.

Also Read: Narada Sting Case: कोलकाता में सीबीआई दफ्तर के बाहर किया था हंगामा, 4 गिरफ्तार
क्या है नारद स्टिंग मामला

नारद टीवी न्यूज चैनल के मैथ्यू सैमुअल ने वर्ष 2014 में कथित स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें तृणमूल कांगेस के मंत्री, सांसद और विधायक लाभ के बदले में कंपनी के प्रतिनिधियों से कथित तौर पर धन लेते नजर आये. उस वक्त चारों नेता ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री थे. यह टेप पश्चिम बंगाल में वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले सार्वजनिक हुआ था.

Also Read: Narada-CBI Case: नारद स्टिंग मामले में गिरफ्तार फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और शोभन चटर्जी रहेंगे जेल में, जानें वजह

Posted By: Mithilesh Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें