पश्चिम बंगाल के कोलकाता सहित राज्य में दो लोगों की डेगू से मौत हुई है. दोनों महिलाएं हैं. महानगर के बेलियाघाटा हां आइडी अस्पताल में डेंगू से एक महिला की मौत हो गयी. मृतका का नाम मनवरा बीबी (33) बताया गया है, जो दक्षिण र 24 परगना के भांगड़ के काटाड़ांगा की रहनेवाली थी. डेंगू की चपेट में आने से सोमवार को उसकी मौत हुई. अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, महिला को गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था. उसकी चिकित्सा अस्पताल की क्रिटिकल केयर यूनिट में चल रही थी.
वहीं, जांच में डेंगू रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी. डेंगू के कारण उसके कई अंग प्रभावित थे. अस्पताल की ओर से जारी डेथ सर्टिफिकेट पर डेंगू शॉक सिंड्रोम को मौत कारण बताया गया है. वहीं नदिया जिले के राणाघाट कॉलेज के द्वितीय वर्ष की एक छात्रा की डेंगू से मौत हो गयी. मृतका का नाम सुष्मिता मंडल (20) है. वह चार दिनों से बुखार से पीड़ित थी. वहीं, मृतका के परिजनों ने निजी अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है.राज्य में अब तक डेंगू से 30 लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 30 हजार से अधिक लोग डेंगू की चपेट में है.
Also Read: बंगाल में निवेश लाने के लिए सितंबर मे स्पेन व दुबई की यात्रा पर जाएंगी सीएम ममता बनर्जी
विश्वकर्मा व गणेश पूजा के साथ ही कोलकाता में फेस्टिव सीजन की शुरुआत हो जाती है, जो नवंबर में छठ पूजा तक चलती है. इस समय लोगों को डेंगू-मलेरिया से सुरक्षित रखने की कोशिश की जा रही है. इसके तहत कोलकाता नगर निगम के स्वास्थ्यकर्मियों की पूजा की छुट्टी रद्द रहेगी. मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए अक्तूबर से नवंबर तक निगम के स्वास्थ्यकर्मियों को दुर्गपूजा, लक्ष्मी पूजा, दीपावली और छठ की छुट्टी नहीं मिलेगी. निगम के डिप्टी मेयर अतिन घोष ने यह जानकारी दी. श्री घोष ने निगम में संवाददाताओं को बताया कि, फील्ड वर्क करनेवाले स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टी रद्द रहेगी. वहीं, दुर्गापूजा के दौरान बोरो स्तर पर कुछ स्वास्थ्य केंद्रों को भी खुला रखा जायेगा. हालांकि, स्वास्थ्य केंद्रों को खोले जाने को लेकर अगले महीने निगम की बैठक में निर्णय लिया जायेगा.
Also Read: मैड्रिड में ममता बनर्जी ने बंगाल फुटबॉल को बढ़ावा देने के लिए ला लीगा से किया समझौता
अतिन घोष ने बताया कि, डेंगू की रोकथाम के लिए हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं. पिछले छह सितंबर तक राज्य में 2700 लोग डेंगू के शिकार हुए थे. वहीं, अब यह संख्या बढ़ कर तीन हजार हो चुकी है. उन्होंने बताया कि बोरो एक के छह नंबर वार्ड, 10 के 81 नंबर वार्ड और 13 नंबर बोरो के 118 नंबर वार्ड से डेंगू के सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं. पर छह नंबर वार्ड में अब डेंगू नियंत्रित हो चुका है.
Also Read: दुबई एयरपोर्ट पर अचानक ममता बनर्जी और श्रीलंका के राष्ट्रपति की हुई मुलाकात, बंगाल आने का दिया निमंत्रण
अतिन घोष ने बताया कि हर साल की भांति इस बार भी डेंगू व मलेरिया वाले मच्छरों के लार्वा को ड्रोन से नष्ट किया जायेगा. ड्रोन से दवाओं की छिड़काव किया जायेगा. गुरुवार से महानगर में ड्रोन उड़ाया जायेगा. जादवपुर स्थित बंद पड़े कृष्णा ग्लास फैक्टरी में ड्रोन से कीटनाशक का छिड़काव किया जायेगा. यह फैक्टरी लंबे समय से बंद है. इस वजह से जंगल-झाड़ के बीच डेंगू के लार्वा भी पनप रहे हैं. डेंगू को लेकर बुधवार को बोरो आठ में बैठक भी होगी. मंगलवार को कोलकाता के सभी 16 बोरो के हेल्थ एक्जीक्यूटिव के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक हुई थी.
Also Read: मैड्रिड में ला लीगा बॉस से मिलेंगी ममता बनर्जी, सौरभ गांगुली के साथ होंगे अन्य तीन प्रमुख
देश को जल्द ही डेंगू की वैक्सीन मिल सकती है. वैक्सीन का फाइनल क्लिनिकल ट्रायल नवंबर से देश के 20 केंद्रों में शुरू हो रहा है. क्लिनिकल ट्रायल आइसीएमआर और पैनेसिया बायोटेक लिमिटेड की संयुक्त पहल पर होगा. बंगाल में ट्रायल महानगर स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कालरा एंड एंटरिक डिजीज (नाइसेड) बेलेघाटा में होगा. ट्रायल के दौरान करीब 10,500 स्वयंसेवकों को डेंगू की वैक्सीन लगायी जायेगी. आइसीएमआर द्वारा नाइसेड में ट्रायल किया जायेगा. यह जानकारी नाइसेड की निदेशक डॉ शांता दत्ता ने दी. वैक्सीन ले चुके लोगों पर अगले एक साल तक नजर रखी जायेगी. डेंगू से लड़ने के लिए शरीर में बनने वाले एंटीबॉडी की मात्रा का परीक्षण करने के बाद ही अंतिम मंजूरी दी जायेगी. इसके बाद ही वैक्सीन को बाजार में लाया जायेगा.
Also Read: CM ममता बनर्जी ने अमिताभ बच्चन को बांधी राखी, बताया कौन होगा विपक्ष का पीएम चेहरा
पूजा पंडालों से डेंगू फैलने का खतरा है. इसके मद्देनजर निगम पूजा कमेटियों को पत्र भेजेगा, ताकि वे डेंगू की रोकथाम में निगम की मदद करें. यह जानकारी कोलकाता नगर निगम के डिप्टी मेयर अतिन घोष ने दी. मंगलवार को उन्होंने निगम में संवाददाताओं को बताया कि पूजा पंडाल बनाने में बांस का इस्तेमाल होता है. मंडप के ऊपरी हिस्से में बांस को खुला छोड़ दिया जाता है. ऊपरी हिस्से में स्थित गांठ में बारिश का पानी जमने से मच्छर का लार्वा पनप सकता है. इस कारण पूजा पंडालों के आस-पास डेंगू मलेरिया फैलने का खतरा बना रहता है. इसलिए मंडप के ऊपरी हिस्से में बांस की गांठ को बालू, मिट्टी या कपड़े से ढकने का निर्देश दिया गया है, ताकि पानी ना जमे. डिप्टी मेयर ने बताया कि निगम की ओर से बड़े -छोटे सभी पूजा पंडालों को चिट्ठी भेजी जायेगी. साथ ही पूजा समितियों को निर्देश दिया गया है कि निर्माणाधीन मंडप या आसपास कहीं पानी न जमने दें.
Also Read: चुनाव के पहले अभिषेक की होगी गिरफ्तारी किसी ने मैसेज करके दी है धमकी : ममता बनर्जी
इस मामले में सर्विस डॉक्टर फोरम के ट्रेजरर डॉ सपन विश्वास ने बताया कि राज्य की स्थिति बेहद खराब है. इस बीच विभिन्न जिलों के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारियों को डेंगू से संबंधित रिपोर्ट का खुलासा नहीं करने की हिदायत दी गयी है. चेतावनी भी दी गयी है कि सरकारी निर्देश की अनदेखी किये जाने पर अधिकारी की पहचान के लिए सीआईडी जांच करायी जायेगी. उन्होंने कहा कि सरकार डेंगू की रोकथाम के लिए उपाय करने के बजाय रिपोर्ट को दबाने में लगी है.
Also Read: West Bengal :डेंगू से अब तक 36 लोगों की हो चुकी है मौत, वैक्सीन का फाइनल क्लिनिकल ट्रायल होगा नवंबर में
डेंगू के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए कोलकाता नगर निगम विशेष सर्तकर्ता बरत रहा है. इसकी रोकथाम के लिए महानगर में साफ-सफाई रखने के राज्य सचिवालय के निर्देश का पालन करने के लिए कोलकाता नगर निगम सक्रिय हो गया है. डिप्टी मेयर अतिन घोष ने बुधवार को वार्ड नंबर 56 में रेलवे के इलाके का अचनाक दौरा किया. वहीं की स्थिति देखकर उन्होने रेलवे के अधिकारियों से बात की. उन्होने बताया कि इस सिलसिले में नगर निगम की ओर से 496ए के तीन नोटिस जारी किए गए हैं. डिप्टी मेयर ने रेलवे के अधिकारियों से कहा कि या तो आप जगह साफ करें, या हम इसे साफ करेंगे.
अगर हम लोगों को साफ करना पड़ा तो उस स्थिति में हम खर्च का बिल रेलवे से वसूल करेंगे. आपको नगर निगम का बिल चुकाना होगा. उल्लेखनीय है कि प्रदेश में डेंगू प्रशासन की चिंता बढ़ा रहा है. अब तक डेंगू के मामलों में कोलकाता पांचवें स्थान पर था. राज्य स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के मुताबिक डेंगू के मामले में कोलकाता अब तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. नगर निगम ने हाल ही में शहर में डेंगू के लगातार बढ़ते मामले सामने आने के कारणों का पता लगाने के लिए एक सर्वेक्षण किया. पता चला कि विभिन्न केंद्रीय और राज्य सरकार के आवासन और संस्थान गंदगी से भरे हैं.
Also Read: विधानसभा में ममता कैबिनेट के दो मंत्रियों के बीच फाइल रोकने को लेकर तू-तू , मैं-मैं
केंद्रीय सरकार के अधीन होने के कारण नगर निगम के कर्मचारी उन सभी जगहों में प्रवेश नहीं कर पाते हैं. हाल ही में मुख्य सचिव ने इन समस्याओं को लेकर स्वास्थ्य सचिव के साथ बैठक भी की थी. उस बैठक में राज्य के डीएम के अलावा कोलकाता नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे. उस बैठक के बाद राज्य की नगर पालिकाओं व नगर निगमों के लिए एक गाइडलाइन जारी की गई.
Also Read: I-N-D-I-A गठबंधन की सरकार बनी तो रसोई गैस की कीमत होगी 500 रुपये : अभिषेक बनर्जी