कोलकाता : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की कोलकाता यात्रा से दो दिन पहले फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के बैनर तले शक्ति प्रदर्शन किया. मंगलवार को सियालदह से धर्मतल्ला तक एक रैली निकाली गयी, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए.
इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के प्रमुख पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए धर्मतल्ला में एक जनसभा को संबोधित किया. सियालदह ब्रिज से मौलाली के रास्ते धर्मतल्ला तक एक रैली निकाली और धर्मतल्ला में जनसभा की. सभा को संबोधित करते हुए अब्बास सिद्दीकी बंगाल की ममता बनर्जी और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर बरसे.
फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने कहा कि पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस सरकार हो या केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार. दोनों ने ही देश की आम जनता के लिए कुछ नहीं किया.
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उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तो अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का वोट के लिए सिर्फ इस्तेमाल किया है. अल्पसंख्यकों के विकास के लिए इस सरकार ने अब तक कोई काम नहीं किया. केंद्र की नीतियां भी आम जनता के लिए नहीं हैं. केंद्र की नीतियां पूंजीपतियों के भले के लिए हैं. उन्होंने पश्चिम बंगाल से ममता बनर्जी को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया.
उल्लेखनीय है कि फुरफुरा शरीफ को ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस सरकार का करीबी माना जाता था. एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी पार्टी की कमान अब्बास सिद्दीकी को सौंपी और कहा कि उनकी पार्टी वही करेगी, जो पीरजादा कहेंगे. लेकिन बाद में अब्बास सिद्दीकी की राजनीतिक महत्वाकांक्षा जाग उठी और उन्होंने अपनी अलग पार्टी इंडियन सेक्युलर फ्रंट बना ली.
अब्बास सिद्दीकी की पार्टी आईएसएफ ने कांग्रेस और वाम मोर्चा के घटक दल के रूप में बंगाल विधानसभा 2021 चुनाव लड़ने का मन बनाया है. कांग्रेस भी फुरफुरा शरीफ के चीफ की पार्टी को गठबंधन में जगह देने के लिए तैयार है. तीनों दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत लगातार चल रही है. अब्बास का अलग पार्टी बनाना तृणमूल कांग्रेस के लिए झटका माना जा रहा है.
Posted By : Mithilesh Jha