देवांशु भट्टाचार्य का लिखा जिंगल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस का नारा बन गया है जो हर रैली और रोड शो में कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाने के लिए गाया जाता है. खुद इसके लेखक टीएमसी के प्रवक्ता भी अपनी रैलियों में खेला होबे का खूब इस्तेमाल करते हैं.
सीएनएन-न्यूज 18 से बात करते हुए देवांशु भट्टाचार्य ने कहा कि यह नारा उन्होंने बीजेपी की हिंसा का जवाब देने के लिए बनाया है क्योंकि भाजपा राज्य में हिंसा की बात करती है. जिंगल लिखने कि प्रेरणा के बारे में बताता हुए तृणमूल प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि उन्हें फुटबॉल खेल से यह प्रेरणा मिली. विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उनके पास 11 खिलाड़ी हैं पर हमारे पास एक खिलाड़ी है जो बूट नहीं पहनता है बस एक हवाई चप्पल पहनता है.
Also Read: मालदा जिला परिषद में बढ़ी बीजेपी की ताकत, पांच बड़े नेता टीएमसी छोड़ बीजेपी में हुए शामिल
नंदीग्राम पर बात करते हुए देबांगशु भट्टाचार्य ने शुभेंदु अधिकारी पर निशाना साधा और ममता की तुलना मां दुर्गा से की. उन्होंने कहा कि नंदीग्राम में महिसासुर मां दुर्गा को नहीं हरा सकता है. खेला होबे का आइडिया विपक्ष को चुनौती देना है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष रोज लोगों पर हमला करने, लोगों को मारने की बात करते हैं.
तो हमने सोचा, हमें हिंसा की अनुमति क्यों देनी चाहिए? राजनीति एक खेल हो सकती है. उदाहरण के लिए, अगर दो टीम हैं – मोहन बागान और पूर्वी बंगाल. मेरे घर में, उदाहरण के लिए, हमारे पास दो टीमों के समर्थक हो सकते हैं और जब हम स्टेडियम जाते हैं तो हम अपनी टीमों का समर्थन करते हैं. लेकिन जब मैच खत्म होता है तो हम सभी एक साथ बाहर जाते हैं. यही संस्कृति होनी चाहिए. इसीलिए मैं ‘कहला रहा हूं’ कह रहा हूं.
देवांशु भट्टाचार्य ने आगे कहा कि उन्हें लगता है कि खेला होबे नारे को बनाकर उनका लक्ष्य हासिल हो गया है. इसके बाद उन्होंने रविन्द्रनाथ टैगोर की कविता का जिक्र किया और बताया कि जब खेल खत्म होता तो सभी गुस्सा खत्म हो जाता है.
Also Read: Bengal Chunav 2021 : नंदीग्राम में सियासी जमीन मजबूत करने के लिए हैलीपैड बनवा रही बीजेपी और टीएमसी
नंदीग्राम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने साल 2016 में कहा था कि वह बंगाल की सभी 294 सीटों से उम्मीदवार हैं. उस समय उसके साथ शुभेंदु अधिकारी थे. वह नारदा घोटाला में शामिल थे इसलिए शुभेंदु को उस वक्त ममता दीदी की जरूरत थी. आगे उन्होंने शुभेंदु पर हमला बोलते हुए कहा कि वो कहते हैं कि मैं मा दुर्गा को हरा दूंगा. यह महिषाशुर की गलती है. उसे पता होना चाहिए की आप मां दुर्गा से नहीं लड़ सकते हैं.
Posted By: Pawan Singh