कोलकाता : पश्चिम बंगाल में चुनाव का महापर्व शुरू हो चुका है. तीसरे चरण का मतदान चल रहा है. मुस्लिम बहुल दक्षिण 24 परगना जिला, जिसे तृणमूल कांग्रेस का गढ़ माना जाता है, की 16 विधानसभा सीटों के लिए चल रहे मतदान के दौरान कई जगहों से हिंसा की खबरें आयीं. इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के मुस्लिम नेताओं का दावा है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को बंगाल में सत्ता में आने से रोकने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय तृणमूल के पक्ष में वोट करेगा.
पश्चिम बंगाल के मुस्लिम नेताओं का दावा है कि विधानसभा चुनाव के दौरान अल्पसंख्यक समुदाय का बड़ा हिस्सा तृणमूल कांग्रेस को वोट देगा, क्योंकि कोई भी अन्य ताकत भाजपा के रथ को रोकने में सक्षम दिखाई नहीं पड़ती. उन्होंने अब्बास सिद्दीकी नीत इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) द्वारा टीएमसी के वोट बैंक में सेंध लगाने की चिंताओं को भी खारिज कर दिया.
हालांकि, मुस्लिम नेताओं ने यह स्वीकार किया कि कांग्रेस और वाम मोर्चा के साथ गठबंधन करने वाली आइएसएफ की पश्चिम बंगाल के कुछ निश्चित स्थानों में पैठ है. ऑल बंगाल माइनॉरिटी यूथ फेडरेशन के महासचिव मोहम्मद कमरुज्जमां ने कोलकाता में कहा, ‘यह सच है कि कुछ कारणों से अल्पसंख्यक समुदाय को राज्य सरकार से शिकायतें हैं. हालांकि, फिर भी वे तृणमूल कांग्रेस को ही वोट देंगे. वह किसी भी तरह का प्रयोग करके अपनी सुरक्षा को खतरे में नहीं डाल सकते.’
उन्होंने कहा कि ऐसे कुछ इलाकों को छोड़कर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग कोई प्रयोग नहीं करेंगे, जहां भाजपा अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकती है. राज्य के मुस्लिम युवाओं में खासी पैठ रखने वाले संगठन के महासचिव ने बिहार का जिक्र करते हुए कहा कि बंगाल के अल्पसंख्यक समुदाय ने बिहार चुनाव से सबक लिया है, जहां असदुद्दीन ओवैसी की ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) द्वारा अल्पसंख्यक वोटों में सेंध लगाने के चलते राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीत महागठबंधन को नुकसान उठाना पड़ा.
कोलकाता में रेड रोड पर ईद की नमाज पढ़ाने वाले काजी फजलुर रहमान ने कहा, ‘दक्षिण बंगाल में करीब 8 से 10 सीटों पर, जबकि उत्तर बंगाल की कुछ सीटों पर टीएमसी को आइएसएफ से टक्कर मिलेगी. इन जगहों को छोड़कर, बाकी राज्य में मुस्लिम ममता बनर्जी नीत टीएमसी को वोट देंगे.’ उन्होंने कहा, ‘अधिकतर स्थानों पर तृणमूल कांग्रेस ही धर्मनिरपेक्ष एवं विश्वसनीय शक्ति नजर आती है. यह सुनिश्चित करने के प्रयास किये जाने चाहिए कि अल्पसंख्यक वोटों का बंटवारा नहीं हो.’
Posted By : Mithilesh Jha