पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दो चरण का चुनाव हो चुका है. अभ छह चरण का चुनाव अभी होना बाकी है. पर इन सबके बीच AIMIM के असददुद्दीन ओवैसी पर बंगाल में बीजेपी का साथ देकर ‘वोटकटवा’ बनने के आरोप लग रहे हैं. इतना ही नहीं बंगाल चुनाव में पहली बार नयी चुनावी पार्टी बनाकर मैदान में उतरे फुरफुराशरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी पर भी बीजेपी की सहयोगी पार्टी होने का तमगा लग रहा है.
असददुद्दीन ओवैसी और अब्बास सिद्दीकी पर यह आरोप ममता बनर्जी ने लगाये हैं. शनिवार को तीसरे चरण के लिए चुनाव प्रचार करने रायदीघी पहुंची ममता बनर्जी बीजेपी के साथ साथ आईएसएफ और असददुद्दीन ओवैसी पर भी हमलावर रहीं. नाम लिये बगैर उन्होंने इशारों-इशारों में ओवैसी और अब्बास सिद्दीकी को बीजेपी की सहयोगी पार्टी बताते हुए ‘वोटकटवा’ करार दे दिया.
रैली को संबोधित करते हुए टीएमसी प्रमुख ने कहा कि हमारे बंगाल की संस्कृति में हिंदू और मुसलमान एक साथ बैठकर चाय पीते हैं. सभी एक साथ मिलकर दुर्गा पुजा और काली पुजा मनाते हैं. पर अगर हमारी यह संस्कृति खत्म होती है, आपसी भाईचारे में फूट पड़ती है तो इसका फायदा पूरी तरह से बीजेपी को होगा.
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इसले आगे टीएमसी प्रमुख ने कहा कि हैदराबाद और फुरफुरा शरीफ को भारतीय जनता पार्टी ने पैसे दिये हैं. ताकि बंगाल में सांप्रादायिक सौहार्द को बिगाड़ा जा सके. हिंदू मुस्लिम की एकता को तोड़ा जा सके. ममता बनर्जी ने संबोधित करते हुए कहा कि अगर आप एनआरसी नहीं चाहते हैं, अगर आप राज्य में बंटवारा नहीं चाहते हैं तो असददुद्दीन ओवैसी और अब्बास सिद्दीकी को वोट नहीं दे. उनको वोट देने का मतलब बीजेपी को वोट देना है.
बता दें कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में लेफ्ट गठबंधन के साथ आईएसएफ है. आईएसफ पार्टी का गठन फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने किया है. पार्टी ने 27 विधानसभा सीटों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं. मुस्लिम मतदाता बहुल सीटों पर इसका प्रभाव है. वहीं असददुद्दीन ओवैसी ने मुर्शिदाबाद से चुनाव लड़ने का एलान किया है पर अभी तक पार्टी की ओर से उम्मीदवारों के नाम की घोषणा नहीं की गयी है.
Posted By: Pawan Singh