बीरभूम, मुकेश तिवारी : राज्य में आगामी पंचायत चुनाव को देखते हुए तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने चुनाव को लेकर बोलपुर में अहम बैठक की. बैठक में उन्होंने साफ कहा कि कोई समस्या नहीं है यदि अनुब्रत मंडल नहीं है. अनुब्रत विरोधी कही जाने वाली शताब्दी राय और काजल शेख की जिम्मेदारी बढ़ा दी गई है. वर्तमान राजनीतिक संदर्भ में जानकार हलकों द्वारा इस निर्णय को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है. मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सोमवार देर शाम को बोलपुर जाने के बाद सबसे पहले एक सोनाझुड़ी बाजार का दौरा किया. वहां से वे अमर्त्य सेन के घर ‘प्रतीची’ में पहुंची. अनुब्रत की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने पहली बार दुबराजपुर में सभा की.
बताया जा रहा है कि सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधि समेत 70 लोग इस बैठक में मौजूद थे. आगामी पंचायत चुनाव को देखते हुए अनुब्रत विहीन बीरभूम जिले में चुनावी रणनीति क्या होगी, इस पर बैठक में चर्चा हुई. सुनने में आ रहा है कि पार्टी नेत्री ने साफ कहा है कि फिलहाल खुद बीरभूम का संगठन वह देखेगी.किसी को कोई परेशानी नहीं होगी. क्योंकि किसी को कोई चिंता नहीं करनी होगी.
अब तक कोर कमेटी में चार सदस्य होते थे. बैठक के दौरान तृणमूल कांग्रेस जिला पार्टी के कोर कमेटी का विस्तार करते हुए ममता बनर्जी ने तीन से लोगों को कोर कमेटी में जोड़ा. इनमे मुख्य रूप से सांसद शताब्दी राय, तृणमूल नेता काजल शेख और असित मल हैं. शताब्दी राय और काजल शेख हमेशा से अनुब्रत के विरोधी माने जाते रहे हैं. स्वाभाविक रूप से, उनकी बढ़ी हुई जिम्मेदारियों ने विभिन्न अटकलों को हवा दे दी है. जानकार हलकों के एक वर्ग का दावा है कि कोर कमेटी में इन तीन सदस्यों का शामिल होना पार्टी की अनुब्रत से दूरी का सबूत है.
सूत्रों के मुताबिक ममता बनर्जी ने इस दिन दुबराजपुर और नानूर के संगठनों को चेतावनी दी है. खबर है कि दुबराजपुर के प्रखंड अध्यक्ष को भी सख्त निर्देश दिया गया है.भाजपा जिला पार्टी अध्यक्ष ध्रुव साहा ने अनुब्रत मंडल विरोधी महत्व को बढ़ाने के बारे में कहा, बीरभूम जिला नेता अब समझ गए है कि उन्हें अनुब्रत की जरूरत नहीं है .इसलिए ममता अनुब्रत विरोधियों पर विश्वास करने लगी हैं. उन्होंने पार्टी के विस्तार को देखते हुए ही अनुब्रत विरोधियों को ही कोर कमेटी में शामिल किया है.
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