अमर शक्ति: पश्चिम बंगाल में इस बार आठ चरणों में विधानसभा चुनाव हो रहा है. अब तक पांच चरणों में 180 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है, अभी भी तीन चरणों में 112 सीटों पर चुनाव होना है, जिसके लिए सभी राजनीतिक पार्टियां जोर शोर से चुनाव प्रचार में जुटी हुई हैं. लेकिन इसी बीच राज्य में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है. वहीं आज इस मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट ने चुनावी रैली को लेकर एक अहम टिप्पणी की.
इसे देखते हुए हाईकोर्ट में चुनावी सभा व रैलियों पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए जनहित याचिका दायर की गई है, जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन व न्यायाधीश अरिजीत बनर्जी के डिवीजन बेंच ने कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल के तहत चुनाव संपन्न करने का दायित्व आयोग का है, इसलिए मतदान के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पालन हो, यह आयोग को सुनिश्चित करनी होगी और इसके लिए राज्य सरकार को आयोग को हर संभव मदद प्रदान करनी होगी.
इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश ने चुनावी सभा व रैलियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब तक बहुत चुनावी सभाएं व रैलियां हो चुकी हैं, अब जनता को विचार करने दें कि वह अपना वोट किसे देगी. मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के वकील ने कहा कि राज्य में चुनावी आचार संहिता लागू हो चुकी है. ऐसे में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराना अब चुनाव आयोग का दायित्व है, क्योंकि राज्य सरकार अब कोई नीतिगत फैसला नहीं ले सकती. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने राज्य सरकार से पूछा कि आखिर क्यों चुनाव आयोग को ही पूरा दायित्व लेना होगा, इसकी जानकारी आगामी गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान देनी होगी.
Posted By: Avinish kumar mishra