कोलकाता : फुरफुरा शरीफ के पीरजादा और इंडियन सेकुलर फ्रंट (आइएसएफ) के संस्थापक अब्बास सिद्दीकी ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मुस्लिम मतदाताओं से सांप्रदायिक आधार पर वोट मांगकर जनता को विभाजित करने का प्रयास कर रही हैं. वह इस तरीके से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मदद कर रही हैं.
प्रभावशाली मौलवी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री लोगों को हिंसा के लिए उकसा रही हैं, क्योंकि यह बात साफ हो चुकी है कि वह चुनाव हार रही हैं. सिद्दिकी ने कहा, ‘ममता बनर्जी मुस्लिम मतदाताओं के वोट मांगकर जनता को विभाजित करने की कोशिश कर रही हैं. यह अनुचित है. वह ऐसा क्यों कह रही हैं कि हिंदू और मुस्लिम वोटों को विभाजित नहीं होना चाहिए? जनता जिसे चाहेगी, उसे वोट देगी.’
गौरतलब है कि ममता बनर्जी के इसी तरह के एक बयान पर चुनाव आयोग ने उन्हें नोटिस भेजा है. सिद्दीकी ने कहा, ‘वह कह रही हैं कि 30 प्रतिशत वोट नहीं बंटने चाहिए, जिसका मतलब हुआ कि भाजपा को 70 प्रतिशत वोटों के लिए काम करना चाहिए. क्या उन्हें वो 70 प्रतिशत वोट नहीं चाहिए?’
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उन्होंने कहा, ‘लोगों में विभाजन की कोशिश संविधान के विरुद्ध है और लोकतंत्र के भी खिलाफ है.’ सिद्दीकी ने तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष बनर्जी पर मुसलमानों में वोटों के विभाजन की बात करके इस समुदाय के बीच अशांति पैदा करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अगर हिंसा जैसी कोई चीज होती है, तो अंतत: मुस्लिमों को ही इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जायेगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को निजी हमलों से बचना चाहिए और सच के साथ वोट मांगना चाहिए.
हुगली जिला में राज्य के बांग्लाभाषी मुस्लिमों के पवित्र धर्मस्थल फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने तृणमूल कांग्रेस के आरोपों पर कहा, ‘मुझे पता है कि दीदी ही भाजपा हैं. उनसे जाकर पूछिए कि मुझे कितना पैसा मिला है, वह सही से बता सकती हैं.’
गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने 3 अप्रैल को हुगली जिला के तारकेश्वर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए लोगों से आग्रह किया था कि एक ‘शैतान’ की बात सुनकर अल्पसंख्यक वोटों को बंटने नहीं दें.
उन्होंने आरोप लगाया कि इस ‘शैतान’ ने सांप्रदायिक बयान देने और हिंसा भड़काने के लिए भाजपा से पैसे लिये हैं. सिद्दीकी ने जनवरी में आइएसएफ पार्टी बनायी थी. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस और वाममोर्चा के साथ हाथ मिलाकर ‘संयुक्त मोर्चा’ बनाया था.
उन्होंने दक्षिण 24 परगना जिले में प्रचार के दौरान कहा, ‘पहले तीन चरणों के मतदान के बाद मैं कह सकता हूं कि संयुक्त मोर्चा आगे है. हम देख रहे हैं कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस पिछड़ रही है, जबकि गठबंधन आगे बढ़ रहा है.’
पश्चिम बंगाल में 30 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है, जिसे करीब 100-110 विधानसभा सीटों पर निर्णायक माना जाता है. ऐसे में भाजपा तथा तृणमूल कांग्रेस के बीच करीबी मुकाबला होने पर वाम-कांग्रेस-आइएसएफ गठबंधन की भूमिका अहम रहेगी.
ज्ञात हो कि बंगाल में इस बार 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच 8 चरणों में चुनाव कराये जा रहे हैं. चार चरणों के चुनाव क्रमश: 27 मार्च, 1 अप्रैल, 6 अप्रैल और 10 अप्रैल को संपन्न हो चुके हैं. शेष चार चरणों के चुनाव 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को कराये जायेंगे. बंगाल की सभी 294 सीटों के लिए मतगणना 2 मई को होगी और उसी दिन चुनाव परिणाम जारी किये जायेंगे.
Posted By : Mithilesh Jha