कोलकाता( नवीन राय): पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही एक नाम चर्चा में आया था फुरफुरा शरीफ. इसके साथ ही इससे जुड़ा एक और नाम भी सामने आया जो इस वक्त बंगाल की राजनीति में खूब सुर्खियां बटोर रहा है. पीरजादा अब्बास सिद्दीकी. एक वक्त था जब पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ममता बनर्जी के सबसे करीबी माने जाते थे पर आज उनके खिलाफ लेफ्ट के साथ मिलकर चुनावी मैदान में है.
ऐसा माना जाता है कि बंगाल की लगभग 100 विधानसभा सीटों पर फुरफुरा शरीफ का प्रभाव है. फिलहाल यहां पर उर्स (मेला) चल रहा है. टीएमसी के सूत्रों के मुताबिक यह खबर आ रही थी कि उर्स में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी फुरफुरा शरीफ जायेंगी. पर जैसे ही फुरफुरा शरीफ में यह खबर फैली वहां के लोगों ममता बनर्जी के आगमन का जोरदार विरोध शुरू कर दिया है.
पीरजादा मेहराब सिद्दिकी, पीरजादा इब्राहिम सिद्दिकी व पीरजादा अब्बास सिद्दिकी ने जोरदार विरोध करना शुरू कर दिया है. इन पीरजादाओं का कहना है कि इस उर्स में महिलाओं के प्रवेश पर मनाही है. इसके अलावा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अगर वहां आती हैं तो उनकी सुरक्षा को लेकर लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है.
ममता बनर्जी केवल राजनीतिक हित साधने के लिए यहां पर आने की इच्छा जाहिर किया है. ऐसे में अगर कोई उनके कदम से कोई नाराज होकर उनको काला झंड़ा दिखाया जाता है तो उसकी जिम्मेवारी फुरफुरा शरीफ नहीं लेगा.
उल्लेखनीय है कि हाल ही में ममता बनर्जी पर दलितों और अल्पसंख्यकों को झांसा देने और उनकी उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए पीरजादा अब्बास सिद्दिकी ने इंडियन सेकुलर फ्रंट नामक पार्टी का गठन किया और चुनाव में उम्मीदवार देने की पेशकश किया है.
इसके लिए आईएसएफ ने वाममोर्चा और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाते हुये संयुक्त मोर्चा का गठन कर बड़ी संख्या में उम्मीदवारों को उतारने का फैसला लिया है. ऐसे में फुरफुरा शरीफ के कार्यक्रम में अगर ममता बनर्जी जाती हैं तो वह अल्पसंख्यकों के साथ रहने का संदेश देंगी.
जिसके खिलाफ पहले से ही विभिन्न पीरजादाओं ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया है. क्योंकि उन लोगों के पास पक्की खबर है कि ममता के कदम से नाराज फुरफुरा शरीफ के लोग उनको काला झंड़ा दिखा सकते हैं. लिहाजा वह लोग उन्हे पहले से ही आगाह कर दिये हैं.
Posted By: Pawan Singh