हुगली: चांपदानी नगर पालिका के पूर्व प्रशासक सुरेश मिश्रा का दावा है कि पहले की तरह, अब मतदाता बेपरवाह नहीं हैं. नोटबंदी और कोविड-19 के कारण लॉकडाउन ने मतदाताओं को जागरूक कर दिया है. उन्हें अब मतदान के लिए समझाने की जरूरत नहीं है, इसीलिए इसबार तृणमूल कांग्रेस जीत की दावेदार हैं.
तृणमूल की जीत सुनिश्चित इसलिए है, क्योंकि इस बार चांपदानी में चुनावी मुद्दा, विकास बनाम महंगाई है. पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है. आम जनता की परेशानी बढ़ी है. लोग भाजपा से नाराज हैं, जबकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विकास कार्यों से जनता पूरी तरह से संतुष्ट हैं. चांपदानी में बिजली और पेयजल की समस्या का समाधान किया गया है.
बरसात में कहीं जलजमाव नहीं हो, इसके लिए निकासी नाला का निर्माण किया गया है. कच्ची सड़कों को पक्का कर दिया गया है. हिंदी, बांग्ला और उर्दू स्कूलों की मरम्मत, अपग्रेडेशन और शिक्षकों की बहाली भी कर दी गयी है. स्वास्थ्य व्यवस्था पहले से मजबूत हुई है. गौरहाटी इएसआई की हालत में भी काफी सुधार हुआ है. 10 सालों के अंदर यहां के विधायक कभी इलाके में दिखायी नहीं पड़े, इसलिए इस बार तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी अरिंदम गुंइन भारी मतों से विजयी होंगे.
भाजपा का ग्राफ चांपदानी में काफी गिरा है. 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा की लहर में चांपदानी विधानसभा क्षेत्र से लगभग 15,000 वोटों से तृणमूल कांग्रेस पीछे थी, जबकि 2016 के विधानसभा चुनाव में तृणमूल 1200 वोटों से और 2019 के लोकसभा चुनाव में 2000 वोट से लीड की थी. इस बार तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार अरिंदम गुईन न्यूनतम पांच हजार मतों से विजयी होंगे. चांपदानी नगर पालिका के 22 वार्डों में अरिंदम की लीड होगी.
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Posted By- Aditi Singh