Bengal Election 2021: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे चरण की वोटिंग 10 अप्रैल को पांच जिलों की 44 सीटों पर है. बंगाल चुनाव के चौथे चरण के चुनाव प्रचार की बात करें तो गुरुवार की शाम कैंपेन थम गया. बंगाल चुनाव के चौथे चरण तक के लिए हुए प्रचार में नेताओं ने अजब-गज़ब बयान भी दिए हैं. किसी ने दूसरे को विभीषण कहा तो किसी ने चोटी वाला राक्षस कह दिया. टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी को बेगम से लेकर मैडम तक कहा गया. चौथे चरण के चुनाव प्रचार के थमने तक कई दलों के नेताओं ने रामायण और महाभारत के किरदारों का मोह त्यागा, मिठाई और खाने पर शिफ्ट कर गए.
Also Read: कोरोना संक्रमण और ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का कनेक्शन, बढ़ते मामलों के बीच ट्विटर यूजर्स की अनोखी मांग
चौथे चरण के प्रचार अभियान में हर पार्टी के नेताओं ने खूब दम दिखाया. कांग्रेस के लिए प्रचार करने ना तो राहुल गांधी पहुंचे और ना ही प्रियंका गांधी वाड्रा. बीजेपी के लिए पीएम मोदी ने मोर्चा संभाला. चुनावी मंच से ममता बनर्जी पर निशाना साधा. पीएम मोदी के भाषण के हिस्से ‘दीदी ओ दीदी’ ने खूब सुर्खियां बटोरी. सोशल मीडिया पर यूजर्स ने बाकायदा मीम्स शेयर करके मजे लिए. दूसरी तरफ ममता बनर्जी भी पीएम मोदी पर हमला करती दिखीं. ममता बनर्जी ने बंगाल की सत्ता को कोलकाता का रसगुल्ला कहा और गुजरात के ढोकला का जिक्र करके पीएम मोदी के बयान पर पलटवार किया.
ममता बनर्जी चौथे चरण के चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी पर तंज कसती दिखी. ममता ने बिना पीएम मोदी और अमित शाह का नाम लिए कहा था ‘तुमको क्या लगता है, बंगाल का रसगुल्ला और गुजरात का ढोकला एक जैसा है? बंगाल का रसगुल्ला और गुजरात के ढोकला में बहुत बड़ा फर्क. दोनों कभी एक साथ नहीं हो सकते हैं. तुम अपना ढोकला खाओ, मैं रसगुल्ला खाऊंगी. यहां दिल्ली का लड्डू मत दिखाओ.’ जवाब बीजेपी की तरफ से स्टार प्रचारक पीएम मोदी ने दिया. पीएम मोदी सभाओं में ‘दीदी ओ दीदी, एतना राग केनो दीदी?’ (इतना गुस्सा क्यों ममता दीदी?) पूछते नजर आए.
Also Read: Ground Report: हॉटसीट नंदीग्राम के अम्फान पीड़ित, टूटी छत, खोखले दावे और बूढ़ी आंखों में आज भी मदद का इंतजार…
बंगाल चुनाव के चौथे चरण के प्रचार तक भाषा की सारी मर्यादाएं टूट गई. बीजेपी के नंदीग्राम से कैंडिडेट शुभेंदु अधिकारी और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता बनर्जी के लिए कई ऐसे शब्द यूज कर डाले, जिस पर हंगामा मच गया. 27 मार्च को पहले चरण की वोटिंग के बाद बंगाल में चुनाव प्रचार ने जोर पकड़ा. हार-जीत के दावों के बीच नेताओं ने भाषणों में कई शब्दों का जिक्र कर डाला. एक ने विपक्षी को चोटी वाला राक्षस कहा तो जवाब बेगम और मैडम जैसे शब्दों से दिया गया. प्रचार में हिंदू-मुस्लिम और गद्दार भी खूब यूज किया गया. बात इससे आगे बढ़ी तो रामायण, महाभारत से निकलकर ढोकला और रसगुल्ला तक जा पहुंची. वैसे अभी चार चरण बाकी हैं. देखना होगा आगे क्या होता है.