18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Bengal Election 2021: आसनसोल से बोले अब्बास सिद्दीकी- भाजपा को सत्ता दिलाने के लिए ममता बनर्जी ने किया था समझौता

Bengal News In Hindi: इसी समझौते के तहत पश्चिम बंगाल में 10 वर्षों के दौरान तृणमूल की सरकार ने विभाजन की राजनीति की है. किसी इमाम ने नहीं कहा कि वे भूखे हैं उन्हें भत्ता चाहिए. ममता बनर्जी ने इमामों को भत्ता देना आरम्भ किया. जिसके बाद से विभाजन का दौर आरम्भ हो गया. तृणमूल का विकल्प संयुक्त मोर्चा है. उन्होंने संयुक्त मोर्चा उम्मीदवार को भारी बहुमत से जीताने की अपील की.

आसनसोल: इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आइएसएफ) प्रमुख सह फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दिकी ने कहा कि ममता बनर्जी ने भाजपा को बंगाल की सत्ता दिलाने के लिए वर्ष 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी के साथ समझौता किया था. इसी समझौते के तहत पश्चिम बंगाल में दस वर्षों के दौरान तृणमूल की सरकार ने विभाजन की राजनीति की है. किसी इमाम ने नहीं कहा कि वे भूखे हैं उन्हें भत्ता चाहिए. ममता बनर्जी ने इमामों को भत्ता देना आरम्भ किया. जिसके बाद से विभाजन का दौर आरम्भ हो गया.

मुहर्रम के कारण दुर्गापूजा के विसर्जन पर रोक लगायी गयी. विभाजन चरम पर पहुंच गया. राज्य में कभी भी मुहर्रम के कारण दुर्गापूजा प्रभावित नहीं हुई. रणनीति के लिए तृणमूल ने यह किया. जैसे-जैसे मुस्लिम वोट एकजुट हुए, हिन्दू खुद को खतरे में मानने लगे और राज्य में भाजपा का उदय होने लगा. 2018 के पंचायत चुनाव में ममता बनर्जी ने विरोधी शून्य का नारा दिया. जिसके तहत वाममोर्चा और कांग्रेस के उम्मीदवारों को नामांकन नहीं करने दिया गया. भाजपा के उम्मीदवार नामांकन जमा किए.

Also Read: पांचवें फेज के दौरान रणक्षेत्र बना साल्टलेक, BJP-TMC समर्थकों में हिंसक झड़प, सेंट्रल फोर्स तैनात

यह इसलिए किया गया कि लोगों को लगे कि वाम और कांग्रेस राज्य में समाप्त हो चुका है. विकल्प अब एकमात्र भाजपा है. 2019 के लोकसभा चुनाव में इसका परिणाम भाजपा को 18 सीट मिली. यह पूरा कार्य ममता बनर्जी ने रणनीति के तहत किया. मुस्लिमों को वह जितना एकजुट करने को कह रही हैं, हिन्दू भी उतना ही एकजुट हो रहे हैं. यह विभाजन पूरे देश के लिए खतरनाक है. शुक्रवार को आसनसोल नॉर्थ विधानसभा क्षेत्र के संयुक्त मोर्चा के उम्मीदवार मुस्तकीम सिद्दीकी के समर्थन में आयोजित बालबोधन स्कूल मैदान रेलपार में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए पीरजादा श्री सिद्दीकी ने ये बातें कहीं.

उम्मीदवार सिद्दीकी के अलावा मंच पर माकपा जिला कमेटी के सदस्य पार्थ मुखर्जी, कांग्रेस के आसनसोल नॉर्थ ब्लॉक के अध्यक्ष नेता एसएम मुस्तफा, माकपा नेता मोहम्मद सलाउद्दीन, नजरुल खान, शाहनवाज परवीन, केशर हुसैन आदि उपस्थित थे. पीरजादा अब्बास सिद्दीकी ने कहा कि समस्या हिन्दू-मुस्लिम की नहीं, समस्या अमीर-गरीब की है. बंगाल में 80 फीसदी लोग गरीब हैं. गरीब यदि एकजुट हो जाएं, तो कोई भी राजनीतिक पार्टी किसी का कुछ नहीं बिगाड़ पाएगी. आज तृणमूल के खिलाफ कुछ बोलने पर गांजा केस, आर्म्स केस में अंदर डाल दिया जाता है, मारपीट की जाती है, घरों में तोड़फोड़ होती है. इन गरीबों की आवाज संयुक्त मोर्चा है.

Also Read: बंगाल चुनाव पांचवें चरण 2021 Live : बंगाल में 11:37 बजे तक 36.02 फीसदी वोट, उत्तर 24 परगना और पूर्वी बर्दवान में चुनाव के दौरान हुई हिंसा

मोदी जी ने कहा था ‘सबका साथ सबका विकास’, सच्चाई यह है कि साथ सबका मिला, विकास सिर्फ अडानी, अम्बानी का हुआ. बुलेट ट्रेन चलाने की बात कही और रेल को ही बेच रहे हैं. काला धन वापस आएगा और हर भारतीय के बैंक खाते में 15 से 20 लाख रुपया मिलेगा. यह जुमला बन गया. भाजपा ने ‘सोनार बांग्ला’ बनाने का नारा दिया है. यदि जीत गए, तो यह सबसे बड़ा जुमला होगा. इसे रोकना होगा. भाजपा ने जितने भी सरकारी प्रतिष्ठानों को बंद किया, उससे दो प्रतिशत ही मुस्लिमों का रोजगार गया, बाकी सभी हिन्दू थे.

ममता बनर्जी ने भाजपा को राज्य की सत्ता तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. ममता बनर्जी खुद सबसे बड़ी भाजपा की एजेंट हैं. यह तथ्यों के साथ साबित कर दूंगा. राज्य में जो भी कद्दावर भाजपा के नेता हैं, सभी तृणमूल के कारखाने से आए हैं. जोड़ा फूल खिलकर कमल बन जा रहा है. तृणमूल और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. तृणमूल का विकल्प राज्य में भाजपा है, यह तृणमूल ने रणनीति के तहत फैलाई है. तृणमूल का विकल्प संयुक्त मोर्चा है. उन्होंने संयुक्त मोर्चा उम्मीदवार को भारी बहुमत से जीताने की अपील की.

posted By: Aditi Singh

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें