Bengal Elections 2021 Bhakti Mode: कहते हैं ‘चुनाव में डर सबको लगता है. गला सबका सूखता है.’ पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भी नेताओं के सिर पर डर का भूत सवार है और भगवान का जयकारा करने के कारण गर्मी में उनका गला भी सूख रहा है. बीजेपी को डर ‘जय श्री राम’ नारे के हथियाने का है तो सीएम ममता बनर्जी ‘जय श्री राम’ से परहेज कर रही हैं. लेकिन, हर चुनावी मंच पर उनका चंडी पाठ भी जारी है. चुनावी मंच पर ममता बनर्जी चंडी पाठ और दुर्गा आराधना में लीन दिख रही हैं. बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड के चक्कर में ममता बनर्जी ‘मां, माटी, मानुष’ का नारा भूल चुकी हैं.
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बंगाल विधानसभा चुनाव की शुरुआत में राज्य के विकास के मुद्दे दिखाई और सुनाई भी देते थे. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कोरोना संकट में किए गए कार्यों का हवाला दिया. गरीबों के लिए बनाई गई योजनाओं की भी जानकारी दी. फिर, बंगाल चुनाव में बीजेपी नेताओं की एंट्री हुई और बीजेपी ने हिंदुत्व कार्ड को फेंक दिया. हिंदू वोटबैंक खिसकने के डर से ममता बनर्जी ने ‘चंडी पाठ’ का सहारा लिया. लिहाजा, ममता बनर्जी हर चुनावी मंच पर ‘चंडी पाठ’ और ‘दुर्गा आराधना’ करती दिखाई दे रही हैं. बीजेपी के बंगाल में दुर्गा पूजा और सरस्वती पूजा नहीं कराने देने के आरोप को खारिज भी करती हैं.
दरअसल, बंगाल विधानसभा चुनाव में आज विकास के मुद्दे बैकसीट पर चले गए हैं और नेताओं का ‘भक्ति मोड’ चरम पर पहुंच चुका है. बंगाल की राजनीति का रूख कहें या नेताओं का दुख, चुनाव आंखों के सामने है, लिहाजा बीजेपी के नेता भगवान की शरण में पहुंच चुके हैं. बीजेपी के जिस नेता को देखो वो मंच पर ‘प्रभु श्रीराम’ की भक्ति में डूबा है. मानो चुनाव में वोटर्स की जगह प्रभु श्रीराम और उनकी वानरसेना वोट डालकर बीजेपी का उद्धार करने वाली है. बीजेपी के स्टार प्रचारक पीएम मोदी से लेकर अमित शाह, जेपी नड्डा और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी मंच से ही ‘जय श्रीराम’ के नारे लगवाते हैं.
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बंगाल चुनाव में प्रचार चरम पर है. बीजेपी नेताओं के मुख पर ‘श्रीराम’ हैं. बंगाल को अयोध्या नगरी बनाने का दावा है. बीजेपी के निशाने पर सीएम ममता बनर्जी हैं. बीजेपी की श्रीराम भक्ति से ममता बनर्जी निराश नहीं हैं. वो डर रही हैं. उन्होंने डर को परास्त करने वाला ब्रह्मास्त्र भी खोज लिया है. हर चुनावी मंच पर ममता बनर्जी चंडी पाठ कर रही हैं. दुर्गा आराधना में लीन हैं. ममता का चुनावी मंच यज्ञ जैसा दिख रहा है. दूसरी तरफ, पश्चिम बंगाल चुनाव में नेताओं की भाग्य विधाता जनता टुकुर-टुकुर ताक रही है.