कोलकाता : कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने वाले टीकों पर कर (टैक्स) नहीं घटाने के जीएसटी परिषद के फैसले को पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने जनविरोधी करार दिया. साथ ही कहा कि उनकी आवाज को दबा दिया गया. हालांकि, केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने उनके आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. कहा कि अमित मित्रा की आवाज को किसी ने नहीं दबाया.
बंगाल के वित्त मंत्री श्री मित्रा ने कहा कि जीएसटी परिषद ने शनिवार को कोरोना के उपचार में इस्तेमाल होने वाली रेमडेसिविर और टोसिलिजुमैब जैसी दवाओं के साथ ही चिकित्सीय ऑक्सीजन और ऑक्सीजन सांद्रकों पर कर की कटौती की, लेकिन टीकों पर कर घटाने की मांग को नजरअंदाज कर दिया गया.
अमित मित्रा ने आरोप लगाया कि इस मुद्दे पर बैठक में जब उन्होंने आपत्ति दर्ज कराने की कोशिश की, तो उनकी आवाज दबा दी गयी. बंगाल के वित्त मंत्री श्री मित्रा ने बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखा. इसमें उन्होंने लिखा कि जीएसटी परिषद द्वारा हमारी आवाज को दबाने का यह बिल्कुल जनविरोधी फैसला है.
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उन्होंने लिखा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते इस कठोर फैसले को उचित ठहराने का हमारे पास कोई रास्ता नहीं है. इन फैसलों के खिलाफ अपनी असहमति दर्ज कराते हुए श्री मित्रा ने कहा कि उन्होंने अपनी आपत्ति दर्ज कराने की भरपूर कोशिश की, लेकिन बैठक खत्म होने लगी और डिजिटल बैठक के लिए लिंक भी टूट गया.
ममता बनर्जी के करीबी और बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने यह भी आरोप लगाया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिए आवश्यक सामग्री पर जीएसटी के संबंध में दो रचनात्मक विकल्पों के उनके सुझावों पर भी ध्यान नहीं दिया गया.
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Posted By: Mithilesh Jha
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