कोलकाता: बेरोजगार होने के कारण अपनी कड़की दूर करने के लिए एक युवक फर्जी एप की मदद लेकर लोगों को ठगने लगा. हेयर स्ट्रीट थाने में दर्ज ठगी के एक मामले की जांच करते हुए पुलिस ने अर्णव आचार्य को गिरफ्तार किया है. शनिवार को सॉल्टलेक इलाके में रेड कर एक बड़े होटल के पास से उसे पकड़ा गया है. रविवार को बैंकशाॅल कोर्ट की विशेष अदालत में पेश करने पर आरोपी को नौ अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
जो नंबर उस एप में डाला गया है, वह नंबर फोन करनेवाले के स्क्रीन में दिखेगा. इस एप की मदद से जिसे फोन किया गया है, उसे फोन करनेवाले का असली नंबर पता ही नहीं चलेगा. एप की इसी विशेषता का आरोपी फायदा उठाता था.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक हाइकोर्ट से एक विशिष्ट व्यक्ति की तरफ से हेयर स्ट्रीट थाने में इसकी शिकायत दर्ज करायी गयी थी. शिकायत में कहा गया था कि उन्हें कोई बाइक टैक्सी चालक लगातार फोन कर 500 रुपये वापस देने की बात कह रहा है. उन्होंने फोन करनेवाले को कई बार कहा कि उन्होंने बाइक टैक्सी में कभी भी सफर नहीं किया, तो फिर 500 रुपये कैसे बकाया हो गया.
यह सुनते ही फोन करनेवाला अभद्र बातें करने लगा. इस शिकायत के बाद हेयर स्ट्रीट थाने की पुलिस ने जांच शुरू कर बिजय सिंह नामक फोन करनेवाले बाइक टैक्सी चालक को गिरफ्तार कर लिया.
बिजय ने बताया कि कुछ दिन पहले एक यात्री ने उसी मोबाइल नंबर से बाइक टैक्सी बुक कर सफर किया था. किराया देने के बदले यात्री ने उसके पास दो हजार रुपये होने की बात कही. जवाब में चालक ने कहा कि उसके पास पांच सौ रुपये हैं, खुदरा नहीं है. चालक बिजय सिंह ने बताया कि यात्री ने अपने दो हजार रुपये के साथ उसके पास पांच सौ रुपये भी खुदरा करवा देने की बात कह कर उससे 500 रुपये लेकर थोड़ी दूर गया, पर लौट कर नहीं आया.
इसी के कारण जिस नंबर से बाइक टैक्सी बुक किया गया था, वह उसी नंबर पर फोन कर अपने 500 रुपये मांग रहा था. पुलिस की तरफ से प्रमुख आरोपी तक पहुंचने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की मदद लेनी पड़ी. एसटीएफ की तरफ से जांच में पता चला कि विशेष एप की मदद लेकर मोबाइल नंबर बदल कर एप बाइक टैक्सी बुक किया गया है.
एसटीएफ की टीम ने विशेष उपकरणों की मदद से उस शातिर के साथ उसके मूल मोबाइल नंबर का भी पता लगा लिया, जिसके बाद शनिवार रात को सॉल्टलेक से अर्णव आचार्य को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी ने खुलासा किया कि वह बेरोजगार था. इसके कारण परिवार में अक्सर अशांति होती रहती थी. इसी बीच उसे इस एप के बारे में पता चला. तब उसने इस एप की मदद से लोगों को विभिन्न तरीकों से ठग कर अपनी कड़की दूर करने लगा. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अब तक वह कितने लोगों को ऐसे ठग चुका है, इस बारे में उससे पूछताछ की जा रही है.
Posted by- Aditi Singh