12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नंदीग्राम में ’खेला होबे’ या ‘जय श्रीराम’, ममता और शुभेंदु की कर्मभूमि में बिग फाइट, गेमचेंजर बनेंगी मीनाक्षी?

Bengal Vidhan Sabha Chunav 2021: पश्चिम बंगाल की हॉटसीट नंदीग्राम में ‘जय श्री राम’ और ‘खेला होबे’ की लड़ाई में किस पार्टी को जीत मिलेगी? क्या हॉटसीट नंदीग्राम में तीसरा मोर्चा गेमचेंजर बनने जा रहा है? इन सवालों का जवाब दो मई को बंगाल चुनाव के ‘रिजल्ट डे’ को पता चल जाएगा. अगर नंदीग्राम की बात करें तो एक अप्रैल को चार जिले की 30 सीटों में वोटिंग है. इसमें हॉटसीट नंदीग्राम भी है. इस सीट से टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी और बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी चुनावी मैदान में हैं.

  • दूसरे फेज में 1 अप्रैल को 30 सीटों पर वोटिंग, हॉटसीट नंदीग्राम भी शामिल

  • नंदीग्राम से मैदान में सीएम ममता बनर्जी और बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी

  • हॉटसीट नंदीग्राम से तीसरे मोर्च की कैंडिडेट मीनाक्षी मुखर्जी पर भी नजर

Bengal Vidhan Sabha Chunav 2021: पश्चिम बंगाल की हॉटसीट नंदीग्राम में जय श्री राम और खेला होबे की लड़ाई में किस पार्टी को जीत मिलेगी? क्या हॉटसीट नंदीग्राम में तीसरा मोर्चा गेमचेंजर बनने जा रहा है? इन सवालों का जवाब दो मई को बंगाल चुनाव के रिजल्ट डे को पता चल जाएगा. अगर नंदीग्राम की बात करें तो एक अप्रैल को चार जिले की 30 सीटों में वोटिंग है. इसमें हॉटसीट नंदीग्राम भी है. इस सीट से टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी और बीजेपी के शुभेंदु अधिकारी चुनावी मैदान में हैं. दोनों के बीच कांटे की टक्कर होने की बात कही जा रही है. चुनाव प्रचार के आखिरी दिन तक दोनों तक खूब प्रचार किया था. अब, एक अप्रैल को वोटिंग के बाद दो मई को रिजल्ट पर नजर है.

Also Read: नंदीग्राम में धारा 144, एक अप्रैल को वोटिंग तक कई पाबंदियां, मतदान केंद्र के सौ मीटर के दायरे में मोबाइल लाने पर रोक
2016 का इतिहास दोहराने को तैयार शुभेंदु अधिकारी?

देश में किसी भी सीट की इतनी चर्चा नहीं हुई जितनी नंदीग्राम की है. इसके पीछे क्या वजह है? पश्चिम बंगाल की 294 सीट में सिर्फ नंदीग्राम सीट पर इतनी चर्चा क्यों हैं? इस चर्चा में भवानीपुर विधानसभा का नाम तक नहीं है, जिससे टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी चुनाव जीतकर राज्य की सीएम बनीं. अगर साल 2016 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो उसमें शुभेंदु अधिकारी ने तृणमूल की टिकट पर नंदीग्राम सीट जीता था. शुभेंदु अधिकारी को 1 लाख 34 हजार 634 वोट मिले थे. इस चुनाव में शुभेंदु को मिले कुल वोट का प्रतिशत 67 था. नंदीग्राम में कुल वोटर्स की संख्या 2 लाख 46 हजार 434 है.

बीजेपी और टीएमसी का नंदीग्राम में धुंआधार प्रचार

इस बार शुभेंदु अधिकारी ने टीएमसी की जगह भाजपा को चुना. शुभेंदु अधिकारी बीजेपी की टिकट पर टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के खिलाफ मैदान में उतरे हैं. कभी शुभेंदु अधिकारी ममता बनर्जी के सेनापति थे. आज वो उनके खिलाफ ही चुनाव लड़ रहे हैं. नंदीग्राम सीट को जीतने के लिए बीजेपी और टीएमसी दोनों ने आक्रामक तरीके से प्रचार किया. नरेंद्र मोदी, अमित शाह योगी आदित्यनाथ जैसे बड़े चेहरे को बीजेपी ने यहां प्रचार के लिए उतारा. आखिरी दिन मिथुन चक्रवर्ती ने भी रोड शो किया. दूसरी तरफ टीएमसी सुप्रीमो और सीएम ममता बनर्जी ने भी जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक दी.

नंदीग्राम सीट में कैंडिडेट नहीं मुख्यमंत्री का चुनाव

बीजेपी और टीएमसी के लिए नंदीग्राम प्रतिष्ठा की सीट हो चुकी है. यह चुनावी हार-जीत से आगे का मामला है. नंदीग्राम से हार या जीत से शुभेंदु और ममता के राजनीतिक भविष्य का फैसला होगा. ममता बनर्जी ने जब नंदीग्राम सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा किया तब शुभेंदु अधिकारी ने कहा था वो ममता बनर्जी को 50 हजार से ज्यादा वोटों से हराएंगे. ऐसा नहीं हुआ तो राजनीति से संन्यास ले लेंगे. वहीं, ममता बनर्जी अगर हार जाती हैं तो उनके भवानीपुर सीट छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ने पर सवाल होंगे. अगर नंदीग्राम की बात करें तो यहां कहा जा रहा है कि लोग कैंडिडेट नहीं सीएम चुन रहे हैं.

शुभेंदु और ममता की कर्मभूमि में पॉलिटिकल बैटल

हॉटसीट नंदीग्राम को देखें तो यह, शुभेंदु अधिकारी और ममता बनर्जी, दोनों की कर्मभूमि रही है. यहां से शुरू हुए आंदोलनों के बूते ममता और शुभेंदु ने सत्ता का स्वाद चखा. लगभग डेढ़ दशक पहले जिस नंदीग्राम में ममता और शुभेंदु साथ थे, आज उसी सीट पर दोनों आमने-सामने हैं. दोनों के लिए ही यह सवाल महत्वपूर्ण है कि नंदीग्राम किसका है? इस सीट पर अधिकारी परिवार का दबदबा है तो दूसरी तरफ ममता बनर्जी भी नंदीग्राम को अपना बता चुकी हैं. यही कारण है कि यह सीट दोनों के लिए अहम है. नंदीग्राम सीट की चर्चा सिर्फ देश ही नहीं विदेशों में भी हो रही है. सभी की नतीजों पर नजर है.

Also Read: महारानी VS सेनापति: नंदीग्राम के महासंग्राम में ममता बनर्जी, क्या TMC चीफ की मदद करेगा हॉटसीट?
ममता और शुभेंदु के बीच तुरूप का इक्का कौन?

ममता बनर्जी के खिलाफ लड़ने वाले शुभेंदु अधिकारी के तौर पर पश्चिम बंगाल में बीजेपी को एक बड़ा चेहरा मिल गया है. शुभेंदु अधिकारी दो बार सांसद रह चुके हैं. इसे शुभेंदु का गढ़ भी कहा जाता है. पूर्वी मेदिनीपुर जिले में अधिकारी परिवार का वर्चस्व माना जाता है. दो दशकों में इस परिवार ने यहां मजबूत राजनीतिक पकड़ बनाई है. लेकिन, नंदीग्राम में जय श्री राम और खेला होबे की लड़ाई के बीच एक और उम्मीदवार है. लेफ्ट ने मीनाक्षी मुखर्जी को नंदीग्राम से मैदान में उतारा है. मीनाक्षी मुखर्जी रोजगार और शिक्षा का मुद्दा उठा रही हैं. लेकिन, ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी के बीच मीनाक्षी मुखर्जी का नाम गुम हो चुका है. वैसे मीनाक्षी खुद का तुरूप का इक्का मान रही हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें