Bengal Chunav 2021 : पश्विम बंगाल में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर निर्वाचन आयोग द्वारा कभी भी चुनावी शंखनाद किया जा सकता है. चुनाव की तारीख के एलान से पहले सभी दल अपने किला मजबूत करने में लगे हैं. वहीं भावी कैंडिडेट भी अपनी सुविधानुसार दलबदल करने में लगे हैं, जिससे चुनाव के समय टिकट की चिकचिक न हो. इसके साथ ही राज्य में चुनावी गणित को लेकर भी अटकलों का दौर शुरू हो गया है. ममता बनर्जी और बीजेपी के बीच इस बार मुख्य रूप से चुनाव होने जा रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार पश्चिम बंगाल (west bengal) में इस बार बीजेपी के लिए ममता बनर्जी की पार्टी से फाइट करना आसान नहीं होगा. ममता बनर्जी की पार्टी से बीजेपी को एक साथ कई मोर्चे पर लड़ना होगा. बताया जा रहा है कि बीजेपी ने इसके लिए रणनीति जरूर बनाई है, लेकिन अब भी ऐसे कई मोर्चे है, जहां टीएमसी (tmc) मजबूत है.
1. 2019 का चुनावी परिणाम- बंगाल चुनाव को लेकर आंकड़ों की माने तो अभी भी तृणमूल कांग्रेस बीजेपी से काफी आगे है. 2019 चुनावी आंकड़े की बात करें तो जहां टीएमसी का 57 फीसदी सीटों पर कब्जा रहा, वहीं बीजेपी को सिर्फ 41 फीसदी सीट मिला. बताया जा रहा है कि ये आंकड़े की दूरी को पाटना बीजेपी के लिए आसान नहीं होगा.
2. काडर बैस के आधार पर– बता दें कि बीजेपी और टीएमसी के बीच एक और बड़ा अंतर काडर का है. बीजेपी अभी तक अपना पूरा काडर बंगाल में डेवलप नहीं कर पाई है, जैसा कि उनका अन्य राज्यों में है. बीजेपी का मेन काडर टीएमसी से आए नेता और उनके समर्थक ही हैं, जबकि टीएमसी के पास अभी भी पंचायत से लेकर अंचल तक अपना काडर है.
3. सीएम फेस पर- बीजेपी के लिए इस चुनाव में सबसे कठिन संघर्ष सीएम फेस को लेकर करना होगा. एक ओर जहां टीएमसी के पास ममता बनर्जी जैसी लोकप्रिय चेहरा है, वहीं टीएमसी के पास ऐसा कोई भी चेहरा नहीं है, जो सीएम पद के लिए ममता को चुनौती दें.
4. वोटबैंक के आधार पर – बंगाल के चुनावी समर में जाति आधार पर भी टीएणसी काफी मजबूत है. टीएमसी के पास मुस्लिम वोटबैंक, गैर ब्राह्मण, गैर कायस्थ वोटर का बैस है, जिनका वोट प्रतिशत काफी अच्छा है.
5. वोट पैटर्न- बीजेपी के लिए इसके अलावा एक और स्तर पर कड़ा मुकाबला करना होगा. दरअसल लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में मतदाता के वोट पैटर्न में काफी अंतर होता है. ऐसा पहले भी बिहार चुनाव, दिल्ली चुनाव में हुआ है. अगर यही पैटर्न बंगाल में रहता है, तो बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ सकता है.
Posted By : Avinish kumar mishra