बीरभूम, मुकेश तिवारी : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के रामपुरहाट एक ब्लॉक अंतर्गत दादपुर उत्तर आंगनवाड़ी केंद्र में बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए बने भोजन (खिचड़ी) में जोक मिलने की घटना सामने आई है. इस घटना के बाद अभिभावकों और महिलाओं ने आंगनवाड़ी केंद्र के कर्मचारियों के खिलाफ जमकर हंगामा किया है. घटना के प्रकाश में आने के बाद से इलाके में अफरा-तफरी मच गई. बताया जाता है की मामले की जानकारी मिलने के बाद ब्लॉक के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सायंतन मन्ना आंगनवाड़ी केंद्र पहुंचे. वह हर चीज की जांच करने का आदेश दिया है. हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि इस शिकायत के मद्देनजर क्या कार्रवाई की जाएगी. लेकिन इस घटना को लेकर बच्चों के अभिभावकों और गर्भवती महिलाओ ने भी शिकायत की.
ग्रामीणों का आरोप है की कुपोषण को दूर करने के लिए सरकारी स्कूलों से लेकर आंगनबाड़ियों तक में खिचड़ी या अन्य मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जाता है. लेकिन इन सभी खाद्य पदार्थों में कभी छिपकलियां पाई जाती हैं, तो कभी सांप पाए जाते हैं. इसके अलावा अक्सर अलग-अलग जगहों से चावल में कीड़े लगने की भी शिकायतें सुनने को मिलती रहती हैं. हालांकि, इन तमाम शिकायतों के बीच बीरभूम में एक ऐसी घटना घटी जो वाकई खौफनाक है. इस बार आंगनवाड़ी की खिचड़ी में जोंक निकला है.
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आंगनवाड़ी के खिचड़ी में जोंक मिलने की घटना के बाद उक्त आंगनवाड़ी के बच्चों में दहशत फैल गया. बताया जाता है की उक्त आंगनवाड़ी केंद्र में तैयार खिचड़ी को एक बच्चे के माता-पिता लेकर घर गए थे. खिचड़ी अपने बच्चे को जब उसकी मां खिला रही थी तभी उसे खिचड़ी में जोंक दिखाई दिया. इस घटना के बाद अभिभावक ने दावा किया कि उनके बच्चे को उल्टी होने लगी .इसके बाद उक्त खिचड़ी लेकर बच्चे समेत अभिभावक आंगनवाड़ी केंद्र पहुंच गए और जमकर हंगामा और प्रदर्शन किया है.
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दूसरी ओर, बच्चे के माता-पिता का दावा है कि प्रभारी रसोइया आंगनबाडी केंद्र पर खाना बनाने के बजाय घर से लेकर आया था. शिकायत करने वाले माता-पिता खैरुल हसन ने दावा किया कि खिचड़ी को पुई शाक के साथ पकाया गया था. लेकिन खिचड़ी में जोंक उसे पकाने वाले को दिखनी चाहिए. लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. हंगामा के बाद मामले की जानकारी मिलने के बाद ब्लॉक के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सायंतन मन्ना आंगनवाड़ी केंद्र पहुंचे. उन्होंने मामले की जांच का आदेश दिया है.
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