कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव बाद भाजपा (BJP) से तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हुए मुकुल रॉय की पीएससी चेयरमैन (PAC Chairman Mukul Roy) पद से बर्खास्तगी की मांग को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय (Calcutta High Court) में एक मामला दायर किया गया है. मंगलवार को यह मामला नदिया जिले के कल्याणी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक अंबिका राय (BJP MLA Ambika Roy) ने दर्ज कराया.
हाइकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ में इस सप्ताह मामले की सुनवाई होने की संभावना है. अंबिका राय के वकील ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि आखिर दल-बदलू मुकुल रॉय को कैसे पीएसी का चेयरमैन बनाया जा सकता है. मुकुल रॉय भाजपा के मनोनीत प्रतिनिधि नहीं हैं, तो उन्हें भाजपा द्वारा मनोनीत प्रतिनिधि के रूप में कैसे दिखाया गया.
इसके अलावा अंबिका राय के दावे के अनुसार, पीएसी चेयरमैन का पद संसदीय प्रथा के अनुसार मुख्य विपक्षी दल के प्रतिनिधि को दिया जाता है. लेकिन, उस परंपरा को नजरअंदाज करते हुए और धारा 302 के नियमों का उल्लंघन करके मुकुल रॉय को चेयरमैन बनाया गया है. इसलिए उन्होंने उस फैसले को चुनौती देते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट में याचिका दायर की है.
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मुकुल रॉय की अध्यक्षता में विधानसभा की लोक लेखा समिति (पीएसी) की बैठक 30 जुलाई को है. भाजपा बैठक का बहिष्कार करेगी. भाजपा पीएसी के अध्यक्ष पद पर मुकुल रॉय की नियुक्ति को अवैध करार देते हुए इसका विरोध कर रही है. जिस दिन पीएसी की बैठक है, उसी दिन विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी के कक्ष में मुकुल के खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के तहत भाजपा की तरफ से की गयी शिकायत पर सुनवाई भी होने वाली है.
पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा है कि मुकुल रॉय की पीएसी के चेयरमैन पद पर नियुक्ति अवैध है. भाजपा की तरफ से इस कमेटी के लिए जिन विधायकों के नाम दिये गये थे, उनमें मुकुल रॉय का नाम शामिल नहीं था. फिर भी उन्हें भाजपा का सदस्य बताकर पीएसी का चेयरमैन नियुक्त किया गया. इसलिए वह और भाजपा के पांच विधायक पीएसी की बैठक में शामिल नहीं होंगे, क्योंकि इसमें शामिल होने का मतलब मुकुल रॉय की अध्यक्षता को स्वीकृति प्रदान करना होगा.
Posted By: Mithilesh Jha