कोलकाताः पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने वाले शुभेंदु अधिकारी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. करीब तीन साल पहले उनके सुरक्षाकर्मी की मौत के मामले में नये सिरे से प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. इसमें शुभेंदु अधिकारी की भूमिका पर सवाल खड़े किये गये हैं.
शुभेंदु अधिकारी इस समय भाजपा में हैं और नंदीग्राम विधानसभा सीट से ममता बनर्जी को हराकर सदन में नेता प्रतिपक्ष हैं. अक्टूबर 2018 में शुभेंदु के बॉडीगार्ड सुब्रत चक्रवर्ती ने कथित तौर पर खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी. अब उसकी मौत की जांच के लिए नये सिरे से प्राथमिकी दर्ज की है.
इस केस में आइपीसी की धारा 302 यानी हत्या और 120बी यानी साजिश की धाराएं लगायी गयी हैं. पूर्व मेदिनीपुर के कांथी थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ यह प्राथमिकी दर्ज की गयी है, जिसके बाद माना जा रहा है कि शुभेंदु अधिकारी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस मामले में जल्द ही शुभेंदु को पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है.
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कांथी स्थित किराये के एक मकान में सुब्रत चक्रवर्ती 13 अक्टूबर 2018 को गोली लगी हालत में मिले थे. उनकी सर्विस रिवॉल्वर पास ही में पड़ी मिली थी, जिससे गोली चली थी. दावा किया गया था कि उन्होंने खुद को गोली मारी थी. तत्काल उन्हें एक निजी अस्पताल में ले जाया गया था, जहां दो दिनों के इलाज के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया था.
तब शुभेंदु अधिकारी तृणमूल कांग्रेस में थे और राज्य के परिवहन मंत्री थे. उस समय पुलिस ने दावा किया था कि बॉडीगार्ड ने खुद को गोली मारी है. अब मृतक की पत्नी ने कथित तौर पर नये सिरे से पुलिस के पास जांच की गुहार लगायी है. उसने दावा किया है कि उनके पति को गोली मारी गयी थी. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
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इतना ही नहीं, दिवंगत सुब्रत की पत्नी ने जो शिकायत दर्ज करायी है, उसमें लिखा है कि उनके पति को इलाज के लिए कोलकाता ले जाया गया, लेकिन इसमें काफी देर कर दी गयी. समय रहते यदि उनके पति को कोलकाता ले जाया जाता, तो शायद उनकी जान बच सकती थी. इधर, भाजपा का दावा है कि शुभेंदु अधिकारी को परेशान करने के लिए ही तीन साल पुराने मामले को दोबारा शुरू किया जा रहा है.
Posted By: Mithilesh Jha