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विपक्षी गठबंधन I-N-D-I-A के डर से कांप रही है भाजपा, कोलकाता में बोलीं ममता बनर्जी

कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में विपक्षी दलों ने एक नया गठबंधन बना लिया है. इसके साथ ही केंद्र पर हमला भी तेज हो गया है. ममता बनर्जी ने तो यहां तक कह दिया है कि भाजपा इस गठबंधन के डर से कांप रही है.

बेंगलुरु में आयोजित बैठक में विपक्षी दलों का नया गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लुसिव अलायंस (I-N-D-I-A) अस्तित्व में आया, तो इस गठबंधन के नेताओं ने नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया. इसी के तहत पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने बुधवार को केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के पहले विपक्षी पार्टियों ने जिस प्रकार से एकजुटता दिखायी है और गठबंधन बनाया है, इससे भाजपा डर से कांप रही है.

भाजपा को अहसास हो गया है कि देश के लोग जल्द ही उसकी सरकार गिरा देंगे : ममता बनर्जी

उन्होंने कहा कि भाजपा, जो राज्य सरकारों को गिराने के सपने देखती रहती है, को अब अहसास हो गया है कि केंद्र में उसकी सरकार को देश के लोग जल्द ही गिरा देंगे. जैसे ही उन्हें हमारे गठबंधन के बारे में पता चला, भाजपा खेमा डर से कांपने लगा है. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि भाजपा का मुकाबला करने के लिए इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) अब पूरी तरह तैयार है.

विनाशकारी राजनीति में शामिल होने के अलावा भाजपा के पास कोई दूसरा काम नहीं है, लेकिन लोग लोकसभा चुनावों में शांतिपूर्ण तरीके से वोट कर इसका जवाब देंगे. जो लोग बंगाल में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा को लेकर शोर मचा रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि सबसे ज्यादा मौतें तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की हुईं हैं.

ममता बनर्जी, मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल

पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा में घायल लोगों से मिलीं ममता बनर्जी

बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी महानगर स्थित एसएसकेएम अस्पताल पहुंचीं और वहां पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा में घायल हुए लोगों से मुलाकात की. घायलों से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने हिंसा में घायल हुए लोगों के लिए 50-50 हजार रुपये के मुआवजे की घोषणा की. इससे पहले उन्होंने पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा में मारे गये लोगों के परिजनों के लिए दो-दो लाख रुपये का आर्थिक मुआवजा व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की थी.

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विनाशकारी राजनीति में शामिल है भाजपा : तृणमूल सुप्रीमो

इस मौके पर सुश्री बनर्जी ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि जिन लोगों के पास कोई काम नहीं होता, वो बस हिंसा और विरोध के जरिये लोगों को आपस में लड़ाते हैं. भाजपा का एकमात्र लक्ष्य अशांति, हिंसा पैदा करना और समाज को विभाजित करना है. भाजपा का विनाशकारी राजनीति में शामिल होने के अलावा उनके पास कोई दूसरा काम नहीं है, लेकिन लोग लोकसभा चुनावों में शांतिपूर्ण तरीके से वोट कर इसका जवाब देंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि जो लोग पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा को लेकर शोर मचा रहे हैं, उन्हें पता होना चाहिए कि सबसे ज्यादा मौतें तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं की हुई है.

बेंगलुरु में बना यूपीए की जगह नया गठबंधन

बता दें कि एक दिन पहले ही कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक हुई. इसमें गठबंधन का नाम आईएनडीआईए तय किया गया. कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी ने ही इस नाम का सुझाव दिया था. ममता बनर्जी ने ही नीतीश कुमार को विपक्षी दलों की एकजुटता के लिए पहल करने का भी सुझाव दिया था.

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ममता बनर्जी ने सबसे पहले विपक्षी एका की पहल की

दरअसल, वर्ष 2021 में बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी मात देने के बाद ममता बनर्जी ने नयी दिल्ली का दौरा किया. उन्होंने तमाम भाजपा विरोधी दलों के नेताओं से मुलाकात की. सभी दलों से अपील की कि वे एकजुट हो जायें. सभी विपक्षी पार्टियां एक हो जायेंगी, तो भाजपा को हराना मुश्किल नहीं है.

ममता बनर्जी ने दी थी नीतीश कुमार को यह सलाह

तब ऐसा माना जा रहा था कि तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी बंगाल में अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी का राज्याभिषेक करके खुद केंद्र की राजनीति में सक्रिय होना चाहतीं हैं. उन्होंने अलग-अलग दलों के नेताओं से जाकर मुलाकात की, लेकिन विपक्षी एका नहीं बनी. नीतीश कुमार से मुलाकात में उन्होंने कहा कि जिस तरह जय प्रकाश नारायण ने सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन खड़ा किया था, उसी तरह बिहार से एक बार फिर केंद्र की भाजपा सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए अभियान शुरू होना चाहिए.

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पटना की बैठक में सामने आयी ममता-येचुरी की तनातनी

इसके बाद नीतीश कुमार सक्रिय हुए और उन्होंने सभी दलों के नेताओं से मुलाकात का सिलसिला शुरू किया. उनके साथ राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के लाल और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव साये की तरह हर जगह मौजूद रहे. आखिरकार जून में पटना में सभी दलों की बैठक बुलायी गयी. किन्हीं कारणों से एक डेट फेल हो गयी. तारीख बदली, दूसरी तारीख पर सभी दलों के नेता पहुंचे. अपनी-अपनी बात रखी, लेकिन माकपा नेता सीताराम येचुरी और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी की तनातनी सामने आ गयी.

बेंगलुरु की बैठक में मौजूद थे कई बड़े नेता

पटना की बैठक में तय हुआ कि सभी दल फिर से शिमला में मिलेंगे और भाजपा को हराने की रणनीति पर विचार करेंगे. लेकिन, शिमला में बैठक न हो सकी. फिर नयी तारीख और नयी जगह तय हुई. आखिरकार बेंगलुरु में बैठक हुई और विपक्षी दलों ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की जगह नया गठबंधन I-N-D-I-A बनाया. बैठक में सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी शामिल हुए थे. ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी थे, तो लालू प्रसाद अपने बेटे तेजस्वी यादव के साथ बैठक में मौजूद थे.

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