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दक्षिण बंगाल सीमा से मवेशियों की तस्करी पर लगी रोक, BSF की रिपोर्ट में एक भी घटना नहीं होने का खुलासा

Bengal Latest News: पश्चिम बंगाल से लगे बांग्लादेश के सीमाई इलाकों से मवेशियों की तस्करी होती रहती है. अब, इसका खुलासा हुआ है कि इस साल पश्चिम बंगाल की दक्षिणी सीमा से बांग्लादेश में मवेशी तस्करी की एक भी घटना रिपोर्ट नहीं की गई है. इसका पता बीएसएफ की रिपोर्ट से पता चलता है. दरअसल, साल 2014 में सत्ता में आने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने लोगों को भरोसा दिया था कि इस इलाके से मवेशियों की तस्करी पर पूरी तरह रोक दी जाएगी.

Bengal Latest News: पश्चिम बंगाल से लगे बांग्लादेश के सीमाई इलाकों से मवेशियों की तस्करी होती रहती है. अब, इसका खुलासा हुआ है कि इस साल पश्चिम बंगाल की दक्षिणी सीमा से बांग्लादेश में मवेशी तस्करी की एक भी घटना रिपोर्ट नहीं की गई है. इसका पता बीएसएफ की रिपोर्ट से पता चलता है. दरअसल, साल 2014 में सत्ता में आने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने लोगों को भरोसा दिया था कि इस इलाके से मवेशियों की तस्करी पर पूरी तरह रोक दी जाएगी.

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भारत-बांग्लादेश की 4,069 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा में से करीब 913 किमी की सुरक्षा का जिम्मा बीएसएफ के पास है. बीएसएफ ने आधिकारिक आंकड़ों में दावा किया गया है कि इस साल मई 2021 तक दक्षिण बंगाल की सीमा से पशु तस्करी की एक भी घटना रिपोर्ट नहीं की गई. समाचार एजेंसी पीटीआई ने भी दिल्ली में बीएसएफ मुख्यालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय से साझा की गई आंकड़ों से संबंधित रिपोर्ट में इस साल मवेशी तस्करी नहीं होने का जिक्र किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक सीमा के इस मोर्चे पर मवेशियों की तस्करी को काफी हद तक कंट्रोल कर दिया गया है. बांग्लादेश सीमा पर होने वाली कुल मवेशी तस्करी का करीब 75 फीसदी इसी सीमा से होती थी. इस सीमा से पश्चिम बंगाल के पांच जिले (उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, नादिया, मुर्शीदाबाद और मालदा) सटे हैं. सिर्फ, 405 किलोमीटर (44.34 फीसदी) सीमा पर ही फेंस लगाया गया है. वहीं, बड़े हिस्से में नदियां हैं. अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कुछ स्थानों पर गांव हैं.

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आंकड़ों के मुताबिक इस इलाके में पशुओं को जब्त करने की संख्या में भी भारी गिरावट आई है. इस साल मई तक बीएसएफ ने 710 मवेशियों को जब्त किया है. साल 2017 में 51,443, साल 2018 में 38,657, साल 2019 में 29,720 और साल 2020 में 5445 मवेशियों को जब्त किया गया था. रिपोर्ट में जिक्र है इस साल मई तक इस सीमा से एक भी मवेशी बांग्लादेश नहीं पहुंचा है. रिपोर्ट से इसका भी पता चला है किसी मवेशी की तस्करी नहीं हुई है. इससे जेस्सोर, कुष्टिया और राजशाही जैसे बांग्लादेशी गलियारों में मवेशियों की सरकारी नीलामी नहीं हुई है.

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