जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के छात्र स्वप्नदीप कुंडू की मौत के मामले में रैगिंग का आरोप सामने आया है. इस बार इस घटना को लेकर सोमवार को हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी. वकील सायन बंद्योपाध्याय ने मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की अध्यक्षता वाली खंडपीठ का ध्यान जादवपुर घटना के मद्देनजर विश्वविद्यालयों में हो रहे रैगिंग की ओर आकर्षित किया. यूजीसी इस संबंध में उचित कार्रवाई करने का अनुरोध भी किया गया है. मुख्य न्यायाधीश को इस घटना से रुबरु कराते हुए जनहित याचिका दायर करने की अनुमति मांगी गयी. हाईकोर्ट ने अर्जी मंजूर कर ली. जादवपुर के छात्र की मौत से जुड़े मामले की सुनवाई इसी सप्ताह होने की संभावना है.
विश्वविद्यालयों में जूनियर छात्रों की रैगिंग, प्रताड़ना को रोकने के लिए पूर्व सीबीआई निदेशक आरके राघवन के नाम पर एक एंटी-रैगिंग कमेटी का गठन किया गया था. समिति ने रैगिंग रोकने के लिए कई दिशा-निर्देश भी जारी किये गये थे. आरोप है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा अनुमोदित किसी भी विश्वविद्यालय में दिशा-निर्देशों को ठीक से लागू नहीं किया जा रहा है. किसी भी नियम का पालन नहीं किया जाता. यही कारण है कि न केवल जादवपुर बल्कि राज्य के विभिन्न कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में भी आए दिन रैगिंग का सिलसिला जारी है. जिससे जादवपुर के छात्र की भी जान चली गयी.
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एंटी रैगिंग कमेटी की गाइडलाइन लागू करने की मांग को लेकर सोमवार को हाईकोर्ट में केस दायर किया गया. याचिकाकर्ता का अनुरोध है कि यूजीसी सभी विश्वविद्यालयों में रैगिंग से जुड़े सभी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करे. तभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में रैगिंग का प्रभाव कम होगा. पिछले गुरुवार को जादवपुर यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में बांग्ला विभाग के प्रथम वर्ष के एक छात्र की मौत हो गई. उसे अस्पताल ले जाया गया पर अगली सुबह उसकी मौत हो गई. इस घटना में अब तक हॉस्टल के तीन छात्रों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें से दो विश्वविद्यालय के छात्र हैं और एक पूर्व छात्र है. उन्हें 22 अगस्त तक पुलिस हिरासत में रखने का आदेश दिया गया है.
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पश्चिम बंगाल बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम जादवपुर यूनिवर्सिटी कैम्पस व हॉस्टल का दौरा किया. आयोग की अध्यक्ष सुदेशना व सलाहकार अनन्या चटर्जी ने छात्र स्वप्नदीप कुंडू की मौत की जांच में विस्फोटक जानकारी सामने रखी है. उनका कहना है कि जादवपुर विश्वविद्यालय के छात्र की मौत पर कार्रवाई के लिए राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राज्यपाल को पत्र लिखा है. पत्र में राज्यपाल से उचित कार्रवाई करने और बाल आयोग की ओर से रिपोर्ट भेजने का अनुरोध किया गया है.
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जादवपुर विश्वविद्यालय में बांग्ला विभाग के प्रथम वर्ष के छात्र स्वप्नदीप कुंडू की मौत के मामले में मृतक के परिजनों का बयान लेने लालबाजार होमिसाइड विभाग की टीम के साथ जादवपुर थाने की पुलिस भी पहुंची. पुलिस के सात सदस्यों की टीम स्वप्नदीप के मामा के घर पहुंची. वहां छात्र के पिता व उसके मामा का बयान लिया गया. इस संबंध में छात्र के मामा अरूप कुंडू ने कहा कि लालबाजार की टीम व जादवपुर थाने के अधिकारियों ने उनका बयान लिया है. उन्होंने मेरी भाभी का भी बयान लिया है. छात्रावास में वे किससे मिले थे. उन्होंने किससे बात की. स्वप्नदीप की लिखावट से मिलान करने के लिए उसकी एक नोटबुक भी पुलिसकर्मियों ने मांगी. मृत छात्र का जन्म प्रमाण पत्र भी संग्रह किया गया. स्वप्नदीप अभी 18 साल का नहीं हुआ है. वह 31 अक्तूबर को 18 साल का हो जाता. जांच अधिकारी परिवार के सदस्यों का बयान दर्ज कर वापस कोलकाता की ओर रवाना हो गये.
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हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका की सुनवाई इसी सप्ताह में होने की संभावना है.गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) की एंटी रैगिंग सेल की एक टीम जादवपुर यूनिवर्सिटी (जेयू) के प्रथम वर्ष के छात्र स्वप्नदीप कुंडू की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत की जांच करने अगले सप्ताह यहां आयेगी. सूत्रों के अनुसार, यूजीसी को परिसर में स्थित छात्रावासों में कुप्रबंधन की कई शिकायतें मिली हैं. यह भी सवाल उठ रहे हैं कि यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र कई साल बाद भी हॉस्टल में कैसे रह सकते हैं. यूजीसी ने जेयू अधिकारियों से दुर्घटना को लेकर एक प्रारंभिक रिपोर्ट भी मांगी है, जो आज जमा हुई है. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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