15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कलकत्ता हाइकोर्ट का सुझाव, निजी स्कूलों में फीस पर राज्य सरकार को तय करनी चाहिए गाइडलाइंस

न्यायाधीश ने राज्य सरकार को प्रस्ताव देते हुए कहा कि स्कूल फीस को लेकर राज्य सरकार की गाइडलाइन होनी चाहिए, चाहे वह निजी स्कूल प्रबंधन को पसंद हो या न हो. ऐसा दिशानिर्देश का होना जरूरी है.

कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश विश्वजीत बोस ने निजी स्कूलों में फीस संबंधी मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि शिक्षा कभी भी बिक्री योग्य वस्तु नहीं बननी चाहिए. निजी स्कूलों में बेतहाशा फीस बढ़ोतरी को लेकर चिंता जाहिर करते हुए न्यायाधीश विश्वजीत बोस ने कहा कि राज्य सरकार को निजी स्कूलों में फीस पर गाइडलाइंस बनानी चाहिए. उन्होंने राज्य सरकार से कहा कि आखिर वह यह क्यों नहीं देख रही है कि निजी स्कूलों की फीस कितनी बढ़ेगी, कब बढ़ेगी? यह तय करनी चाहिए. उन्होंने राज्य सरकार से गाइडलाइन बनाने की भी बात कही. गौरतलब है कि कोरोना काल से ही निजी स्कूलों की फीस को लेकर सवाल उठते रहे हैं. मामले में सवाल उठाया गया कि स्कूल बंद होने के बावजूद ट्यूशन फीस के अलावा पैसे क्यों लिये जा रहे हैं.

फीस का ढांचा क्या होगा, इस पर कोई दिशानिर्देश क्यों नहीं

राज्य को निजी स्कूलों की फीस पर जज के सवालों का सामना करना पड़ा. उन्होंने पूछा कि क्या फीस बढ़ोतरी को लेकर राज्य की कोई मॉनिटरिंग कर रही है? दूसरे राज्यों से तुलना करते हुए जस्टिस बसु ने कहा, मैंने दूसरे राज्यों में देखा है कि फीस नीति को लेकर राज्य का अपना कानून है. क्या राज्य में ऐसी कोई गवर्निंग बॉडी है जो यह देखती हो कि फीस कितनी बढ़ाई जायेगी? फीस का ढांचा क्या होगा, इस पर कोई दिशानिर्देश क्यों नहीं हैं? कोर्ट ने पूछा कि क्या सरकार ने ऐसा कोई प्रस्ताव दिया है.

Also Read: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पुलिस का नया डिविजन बनाने का दिया निर्देश, कोलकाता पुलिस के दायरे में आयेगा भागंड़
17 अगस्त तक मामले की अगली सुनवाई का दाखिल करना होगा हलफनामा

न्यायाधीश ने राज्य सरकार को प्रस्ताव देते हुए कहा कि स्कूल फीस को लेकर राज्य सरकार की गाइडलाइन होनी चाहिए, चाहे वह निजी स्कूल प्रबंधन को पसंद हो या न हो. ऐसा दिशानिर्देश का होना ज़रूरी है. न्यायाधीश ने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर राजस्थान ऐसा कर सकता है तो बंगाल सरकार क्यों नहीं? न्यायाधीश ने राज्य सरकार को इन सभी सवालों के जवाब आगामी सुनवाई में हलफनामे के रूप में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. राज्य सरकार को 17 अगस्त तक मामले की अगली सुनवाई में वह हलफनामा दाखिल करना होगा.

Also Read: विधानसभा : नंदीग्राम में हुई हार को लेकर ममता ने शुभेंदु पर किया कटाक्ष, भाजपा विधायकों ने किया वाॅकआउट
हाइकोर्ट ने जेयू के इंजीनियरिंग के लापता छात्र के मामले को किया रफा-दफा

कलकत्ता हाइकोर्ट ने गत चार अप्रैल 2022 को जादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के इंजीनियरिंग के प्रथम वर्ष के छात्र निर्माल्य मुखर्जी के उत्तर 24 परगना के भाटपाड़ा में बलराम घाट पर एक दोस्त के साथ स्नान करते समय लापता होने के मामले की सुनवाई करते हुए इस मामले को रफा-दफा कर दिया. मालूम रहे कि उसके पिता निर्मल मुखर्जी ने भाटपाड़ा थाने में शिकायत दर्ज करायी थी कि उनके बेटे को उसके उसके दोस्तों ने अपहरण किया है, पुलिस में शिकायत के बाद भी पता नहीं चलने पर इसी साल गत तीन फरवरी को हाइकोर्ट के चीफ जस्टिस डिवीजन बेंच में एक मामला दायर किया था.

Also Read: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में की घोषणा,अलीपुरदुआर के हासीमारा में बनेगा एयरपोर्ट
कोर्ट ने कहा, यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना

मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश तपब्रत चक्रवर्ती और न्यायधीश पार्थसारथी चट्टोपाध्याय की खंडपीठ ने सरकारी वकील और पुलिस द्वारा दिये गये साक्ष्य के आधार पर माना कि उसका अपहरण नहीं हुआ है बल्कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. उसे अब उद्धार करना संभव नहीं है. कोर्ट में सरकारी वकील देवब्रत चट्टोपाध्याय ने अदालत को बताया कि इंजीनियरिंग छात्र निर्माल्य असामान्य तरीके से लापता हुआ था. अदालत में उन्होंने लोगों की गवाही, कई तस्वीरें और बयान पेश किये, जो घटना के दौरान मौजूद थे. उन्होंने रिपोर्ट में यह कहा कि बलराम घाट पर तेज ज्वार के दौरान निर्माल्य मुखर्जी नदी में स्नान कर रहा था, वह तेज बहाव में बह गया था.

Also Read: ममता बनर्जी ने कहा, राज्यभर में डेंगू के मामले बढ़े, सरकार ने नियंत्रण के लिये सभी अस्पतालों को किया अर्लट
यह महज एक हादसा है

पुलिस और आपदा टीम उसे उद्धार करने असमर्थ थी, क्योंकि उस समय पानी का बहाव बहुत तेज़ था. इसके अलावा लापता छात्र के मौजूदा दोस्त स्वर्णब सरकार ने डर के मारे उसके परिवार को भी इस बारे में कुछ जानकारी नहीं दी थी. उक्त छात्र के दोस्त से पूछताछ में असली घटना का पता लगा. उसके पास से मोबाइल फोन पर ली गयी कई तस्वीरें बरामद की गयीं. डिवीजन बेंच ने कहा कि यह बहुत दुखद मामला है कि ये घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन ये महज़ एक हादसा है और पुलिस ने जांच कर सच्चाई का पता लगाकर फाइनल रिपोर्ट दे दी. अपहरण का आरोप सही नहीं है. इसलिए कोर्ट इस मामले को यहीं रफा-दफा करता है.

Also Read: विधानसभा : मणिपुर हिंसा पर बयान दें प्रधानमंत्री, बोली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें