कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश ने तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी के मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि ईडी महज अटकलों के आधार पर जांच नहीं कर सकती. इसके साथ ही न्यायाधीश तीर्थंकर घोष ने टिप्पणी की कि वह ईडी के जांच करने के तरीके से संतुष्ट नहीं हैं. इस दिन ईडी की ओर से उनके वकील और केंद्र के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने पैरवी की. मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी.
मामले की सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने दावा किया कि हम यह नहीं कह रहे हैं कि अभिषेक बनर्जी इस भ्रष्टाचार से जुड़े हैं. हम सिर्फ पूछताछ और जांच करना चाहते हैं. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि आठ जून के बाद से, अब तक कोई समन जारी नहीं किया गया है. हम सिर्फ पूछताछ करना चाहते हैं. उन्होंने दावा किया कि माणिक भट्टाचार्य इस भ्रष्टाचार के मुख्य आरोपियों में से एक हैं. शिक्षकों की नियुक्ति केवल रुपयों के आधार पर की गयी है. उन्होंने कहा कि जेल में बंद सुजय कृष्ण भद्र और माणिक भट्टाचार्य इस भ्रष्टाचार के मुख्य आरोपी हैं.
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वहीं, कुंतल घोष, सुजय कृष्ण भद्र और अभिषेक बनर्जी के करीबी हैं. अभिषेक बनर्जी काफी प्रभावशाली हैं. हम अभी यह नहीं कह रहे हैं कि अभिषेक बनर्जी इस भ्रष्टाचार में शामिल हैं. हम मामले की जांच करना चाहते हैं. इसके बाद जज ने ईडी से पूछा कि पिछले पांच साल में ईडी ने कितने मामलों में अंतिम नतीजा दिया है. मुझे अपने आंकड़े बताइये. इस पर अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि भारत के बाहर जिस पैसे का आदान-प्रदान होता है, उसकी जांच में समय लगता है. मैं ईडी का बचाव नहीं कर रहा हूं. लेकिन ये भी एक सच्चाई है. इस मामले में 100 से ज्यादा एजेंट शामिल हैं. इसलिए जांच प्रक्रिया में देरी हो रही है.
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मामले की सुनवाई के दौरान सोमेन नंदी के वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने कहा कि जेल में बंद कुंतल घोष का बयान था कि जांच अधिकारी कुंतल के मुंह से अभिषेक बनर्जी का नाम उगलवाने की कोशिश कर रहे थे. कुंतल घोष ने ईडी पर उसे प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया. हालांकि, कुंतल घोष ने स्वयं अभिषेक बनर्जी का नाम लिया था, इसलिए दोनों के बीच के संबंधों की जांच जरूरी है. मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी.
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इडी बार-बार आपको ही क्यों बुलाती है. दाल में कुछ काला है? तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी के बचाव मामले में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने यह टिप्पणी की. शुभेंदु ने कहा जिस व्यक्ति का जिक्र किया गया है, उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा हाल ही में दायर आरोप पत्र में कालीघाट के सुजय कृष्ण भद्र उर्फ काकू का भी नाम है, जो लीप्स एंड बाउंड्स के सीइओ हैं. डायमंड हार्बर के सांसद या उनके परिवार द्वारा संचालित यह एक कंपनी है. अगर किसी को लगता है कि उसे राजनीतिक कारणों से फंसाया जा रहा है, तो उसे न्यायपालिका पर भरोसा रखना चाहिए और कानूनी लड़ाई लड़नी चाहिए.
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