नारद स्टिंग ऑपरेशन केस में सीएम ममता बनर्जी के चार करीबियों की गिरफ्तारी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों को नजरबंद करने का आदेश दिया था. इसके खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है. दरअसल, नारद स्टिंग केस में सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता कैबिनेट में मंत्री फिरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, टीएमसी के विधायक मदन मित्रा, कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को नजरबंद करने का आदेश दिया था. इसी फैसले पर सीबीआई सुप्रीम कोर्ट पहुंची है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट से सोमवार को हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई टालने की मांग की गई है.
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CBI moves Supreme Court against the Calcutta High Court order which allowed house arrest of 4 TMC leaders in Narada case, seeks adjournment of hearing today
— ANI (@ANI) May 24, 2021
नारद स्टिंग ऑपरेशन केस की जांच के दौरान 17 मई को सीबीआई ने टीएमसी के चार दिग्गज नेताओं को गिरफ्तार किया था. इसके बाद पश्चिम बंगाल में सियासी घमासान तेज होता जा रहा है. इसके पहले सुनवाई के दौरान दो जजों की खंडपीठ ने गिरफ्तार नेताओं की जमानत पर एकमत फैसला नहीं दिया था. जिसके बाद मामले को पांच जजों की विशेष खंडपीठ को ट्रांसफर कर दिया गया. इस मामले में टीएमसी और बीजेपी भी आमने-सामने है. टीएमसी के नेता केंद्र सरकार पर सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगा रहे हैं. वहीं, बीजेपी अपने बचाव में जुटी है.
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नारद स्टिंग केस में सीबीआई की कार्रवाई पर टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को निशाने पर लिया है. उन्होंने कहा है कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ के इशारे पर सीबीआई काम कर रही है. इस पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ का बयान भी सामने आया है. जगदीप धनखड़ ने कहा है कि वो इस मामले पर फैसला पश्चिम बंगाल के लोगों के विवेक पर छोड़ते हैं. नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले की जांच सीबीआई कर रही है.