कोलकाता (अमित शर्मा) : अवैध कोयला खनन मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) के हाथ पश्चिम बंगाल में राजनीतिक रूप से सबसे शक्तिशाली परिवार तक पहुंच गये हैं. जी हां, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी की पत्नी को सीबीआइ ने पूछताछ का नोटिस दिया है. तृणमूल सांसद अभिषेक की साली को सोमवार सुबह 11 बजे पूछताछ के लिए तैयार रहने को कहा गया है.
गृह मंत्री अमित शाह के बंगाल यात्रा से जाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बंगाल यात्रा से ठीक पहले अभिषेक बनर्जी की पत्नी और साली को पूछताछ के लिए सीबीआइ की ओर से नोटिस जारी किये जाने पर बंगाल में राजनीतिक माहौल गरमा गया है. तृणमूल ने इसे बदले की भावना से की गयी कार्रवाई बताया है, तो भाजपा ने सीबीआइ की कार्रवाई पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.
सीबीआइ अधिकारी तृणमूल सुप्रीमो ममता के भतीजे की पत्नी रुजिरा बनर्जी (रुजिरा नरुला) से पूछताछ करना चाहते हैं. इस बाबत रविवार को अपराह्न करीब दो बजे सीबीआइ की टीम कोलकाता के हरीश मुखर्जी रोड स्थित श्री बनर्जी के आवास पहुंची, ताकि उनके घर पर ही पूछताछ हो सके, लेकिन अधिकारियों को बताया गया कि रुजिरा घर पर नहीं हैं. रुजिरा को पूछताछ के लिए नोटिस देने के करीब तीन घंटे बाद सीबीआइ की टीम आनंदपुर स्थित उनकी बहन मेनका गंभीर के आवास पर भी गयी. सूत्रों के अनुसार, उन्हें भी नोटिस देकर पूछताछ के लिए तैयार रहने को कहा गया है.
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सीबीआइ के अधिकारियों ने सीआरपीसी की धारा 160 के तहत पूछताछ के लिए अभिषेक बनर्जी की पत्नी को उनके आवास पर नोटिस दिया, जिसमें कहा गया कि रुजिरा रविवार को अपराह्न तीन बजे पूछताछ में शामिल हों, लेकिन इस दिन पूछताछ नहीं हो पायी. नोटिस देने के 24 घंटे के अंदर रुजिरा सीबीआइ से संपर्क नहीं करती हैं, तो उन्हें फिर से नोटिस जारी किया जा सकता है.
अवैध कोयला खनन मामले में सीबीआइ पहले ही कई कोयला व्यवसायियों से पूछताछ कर चुकी है. सूत्रों के अनुसार, सीबीआइ को आशंका है कि अवैध कोयला खनन से जुड़े कुछ संदिग्ध बैंक ट्रांसैक्शन रुजिरा के बैंक अकाउंट में हो सकता है. यही वजह है कि सीबीआइ इस बारे में उनसे पूछताछ करना चाहती है, ताकि पूरा मामला साफ हो पाये. हालांकि, इस बारे में सीबीआइ ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं बताया है.
बता दें कि अवैध कोयला खनन और भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती इलाके में मवेशियों की तस्करी के मामले में तृणमूल युवा कांग्रेस के नेता विनय मिश्रा के ठिकानों पर छापेमारी भी हो चुकी है, लेकिन अभी भी वह फरार है. यह पहली बार था, जब तृणमूल के किसी नेता का नाम इन मामलों में सीधे तौर पर जुड़ा.
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उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किये जाने के साथ ही सीबीआइ कोर्ट उन्हें ‘भगोड़ा’ घोषत कर चुका है. विनय मिश्रा अभिषेक के करीबी बताये जाते हैं. इस मामले के प्रमुख आरोपी माना जा रहा अनूप माजी भी अभी तक फरार है.
पत्नी से पूछताछ के लिए सीबीआइ ने जो नोटिस जारी किया, उसे तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी ने ट्वीट किया. कहा, ‘रविवार दोपहर 2 बजे, सीबीआइ ने मेरी पत्नी के नाम पर नोटिस दिया. हमें देश के कानून पर पूरा भरोसा है. अगर उन्हें लगता है कि वे इस तरह के हथकंडों से हमें डरा देंगे, तो उनकी सोच गलत है. हम झुकने वालों में से नहीं हैं.’
तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत राय ने कहा कि उन्हें इसी बात की उम्मीद थी. उन्हें पता है कि भाजपा कितनी हताश है. भाजपा के सभी सहयोगियों ने उन्हें छोड़ दिया है. इसलिए अब उनके वफादार सहयोगी सीबीआइ और इडी ही हैं. इसका मुकाबला किया जायेगा. यकीन है कि लोग वोट के जरिये इसका माकूल जवाब देंगे.
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तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को अवमानना मामले में कोर्ट से नोटिस जारी होने के बाद तृणमूल नेता अभिषेक बनर्जी की पत्नी को सीबीआइ नोटिस से कई सवाल उठ रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि यह मामला राजनीति से प्रेरित है.
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा सीबीआइ स्वतंत्र एजेंसी है. उसकी पूछताछ और जांच के बारे में वह कुछ नहीं बोल सकते हैं. सीबीआइ अपना काम कर रही है.
Posted By : Mithilesh Jha